Kite Festival 2023 | पतंग उत्सव कब, कहाँ और कैसे मनाया जाता है।
Kite Festival 2023:- सक्रांति का त्यौहार क्या है? यह पर्व क्यों मनाया जाता है? वैज्ञानिक महत्व, मकर सक्रांति कब है? उक्त सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर हम आपकों इस आर्टिकल में देने वाले हैं। इसलिए इस महत्वपूर्ण आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। नमस्कार दोस्तों जैसा कि हम सभी को विधित है कि, भारत देश में दर्जनों त्यौहार और उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं पर्व की शुरुआत मकर सक्रांति से होती है। इसी पर्व की श्रेणी में एक त्यौहार Kite Festival 2023 मतलब पतंग उत्सव भी है। उक्त उत्सव को गुजरात प्रांत में बेहद ही पसंद किया जाता है। इस दिन भिन्न-भिन्न प्रकार की पतंग आकाश में हिचकोले खाती हुई आपकों नजर आ जाएगी। भारत देश में हर साल International kite Festival का आयोजन किया जाता है।
Kite Festival 2023
Table of Contents
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Kite Festival 2023 कब हैं?
दोस्तों बताते चले कि, हिंदू धर्म 14 दिसंबर से खरमास यानी कि मलमास कि शुरुआत होती है, जो कि 13 जनवरी तक चलता है।जिसके बाद 14 जनवरी मकर सक्रांति से मलमास समाप्त हो जाता है। इसी के साथ तीज त्योहार और वैवाहिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। January के महीने में 13 तारीख को जहां उत्तर भारत में लोहड़ी मनाई जाती है। वहीं अगले दिन 14 तारीख को Makar Sankranti के रूप में पूरे देश में यह उत्सव और उमंग के साथ मनाया जाता है। मकर सक्रांति के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर तिल से स्नान करते हैं और इस दिन गुण और तिल्ली के लड्डू खाने का भी रिवाज है। इस दिन सूर्य Sagittarius राशि से Capricorn राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग पवित्र नदियों में इस दिन स्नान करते हैं और खिचड़ी का सेवन करते हैं खिचड़ी खाने के अलावा लोग कई तरह के दान भी इस दिन करते हैं। बता दें कि, मकर सक्रांति पर्व को बिहार और उत्तर भारत में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है।
टाइटल | पतंग उत्सव 2023 |
लेख प्रकार | अर्टिकल |
साल | 2023 |
पतंग उत्सव 2023 कब शुरु होगा | 6 जनवरी 2023 |
पतंग उत्सव 2023 कब खत्म होगा | 15 जनवरी 2023 |
पतंग उत्सव 2023 कौन से राज्य मनाया जाएगा | गुजारात |
गुजारात के कौनसे शहर में पतंग उत्सव 2023 मनाया जाएगा | अहमदाबाद |
पतंग उड़ाने की शुरुआत कब हुई थी | 2800 साल पहले |
कौन से देश से पतंग उड़ाने की शुरुआत हुई थी | चीन |
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। दान करने के बाद लोग Kite उड़ा कर इस दिन का उत्साह मनाते हैं। इतना ही नहीं इस दिन तिल और गुड़ का सेवन करने की भी परंपरा है। सर्द मौसम में तिल खाने के असंख्य फायदे हमें प्राप्त होते हैं। इस साल मकर सक्रांति 15 जनवरी के दिन मनाई जाएगी। तमिलनाडु में इस त्यौहार को Pongal कहा जाता है और गुजरात में इस त्यौहार को Uttarayan के नाम से जाना जाता है। त्योहारों के नाम राज्यों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन हर कोई पतन जरूर आता है और पवित्र नदियों में स्नान भी करते हैं।
पतंगों का त्यौहार कहां मनाया जाता है?
इस दिन पूरे भारत में पतंगबाजी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भाईचारे का भी प्रतीक है। लेकिन हम आपको बता दें कि यह त्योहार Gujarat राज्य में एक अलग ही तरीके से मनाया जाता है गुजरात में पतंगबाजी का मुकाबला भी रखा जाता है और कई लोग कई तरह की Kite उड़ाने का आनंद लेते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सूरज की उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है मतलब सूर्य पूरब से उत्तर की ओर गमन करते हैं इस गमन के दौरान सूर्य की किरणों को अच्छा माना जाता है, इसी के चलते गुजरात में इस त्यौहार को उत्तरायण कहा जाता है।
पतंग उत्सव कब है?
गुजरात हर साल उत्तरायण या मकर सक्रांति के दिन International Kite Festival का बड़े स्तर पर आयोजन करता है। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए Indian के दूसरे राज्यों सहित कई देशों से लोग यहां आते हैं, जिसमें लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। दुकानों में कई तरह की पतंग देखने को मिलती हैं। इस दिन पूरा आसमान पतंगों से रंग बिरंगा हो जाता है। लो पतंगबाजी करते हुए काफी खुश नजर आते हैं और एक दूसरे की पतंग काट कर इस खेल का आनंद लेते हैं। Gujarat के Ahmedabad शहर में International Kite Festival का आयोजन 6 जनवरी से 15 जनवरी तक देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम को लेकर राज्य सरकार काफी इंतजाम भी करती है।
पतंगों का त्योहार है मकर सक्रांति | Festival of Kite is Makar Sankranti
हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन Lord Sun मकर राशि के अंदर दाखिल होते हैं। वही इस दिन के बाद से मौसम में भी बदलाव आता है और ठंड थोड़ी कम हो जाती है। किसानों के लिए इस दिन का खास महत्व है। Farmers फसलों की कटाई करना आरंभ कर देते हैं पूरे साल में कुल 12 सक्रांति यहां आती हैं। January में आने वाली सक्रांति को काफी अच्छा माना जाता है, इस दिन पूरे देश में पतंगबाजी का आयोजन होता है और लोग इस खेल को काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं इसलिए इसे पतंगों का त्यौहार भी कहा जाता है।
काईट फेस्टिवल इन इंडिया | Kite Festival in India
पतंग की कहानी
हर चीज के पीछे कोई ना कोई एक वजह जरुर होती है उसी तरह Kite को लेकर भी एक कहानी है एक इतिहास है। ऐसा कहा जाता है कि करीब 28 सौ साल पहले पतंग उड़ाने की शुरुआत चीन देश ने शुरू की थी। चीन में Kite का आविष्कार मोजी और लू बैन नाम के दो व्यक्तियों ने किया था। उसी वक्त पतंग का उपयोग बचाओ अभियान के लिए एक संदेश के रूप में किया जाता था। लेकिन अब पतंग को केवल मनोरंजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चीन से शुरू हुई यह Kite Festival पूरी दुनिया में फैल गया और कई देशों में पतंग उड़ाई जाने लगी। इन देशों की सूची में India, America, Malaysia और Germany जैसे देशों के नाम भी शामिल है। हर देश में अलग-अलग वजहों के चलते Kite Festival मनाया जाता है। चिली देश में स्वतंत्रता दिवस के दौरान वहां के निवासी पतंग उड़ा कर अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। जापान में भी पतंगबाजी उनके देवता को खुश करने के लिए हर साल मई के महीने में मनाई जाती है।
FAQ’s Kite Festival 2023
Q. पतंगों का त्यौहार कब आता है?
Ans.जनवरी महीने में
Q. पतंगों के त्यौहार को क्या कहते हैं?
Ans.मकर सक्रांति को पतंगों का त्योहार कहा जाता है
Q. अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2023 कब से शुरू है?
Ans. 6 जनवरी से अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2023 शुरु होगा
Q. अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2023 कब तक चलेगा।
Ans.15 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2023 चलेगा
Q. मकर सक्रांति कब है?
Ans.15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।