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सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में | Saraswati Puja Essay in Hindi

Saraswati Puja Essay:- सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) यानी कि बसंत पंचमी (Vasant Panchami) पूरे भारतवर्ष (India) में उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। पर्व को सबसे अधिक महत्वता बिहार राज्य में दी जाती है। बसंत पंचमी के दिन पूरे बिहार में माँ सरस्वती का पूजन किया जाता है। खास बात यह है कि, इन दिन बिहार के स्कूलों में छुटि्यां रहती है। काेई भी पुस्तक के संबंधित वस्तुओं को हाथ नहीं लगाता है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि, Saraswati Puja India के बिहार  का एक प्रमुख Festival है। इस दिन माता सरस्वती (Goddesses Saraswati) जिन्हें विद्या की देवी भी कहा जाता है, उनकी बड़ी ही उमंग के साथ पूजा की जाती है। आज हम पोस्ट के माध्यम से सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी (Saraswati Puja Essay in Hindi) में लिखने के बारे में जानकारी देंगे। वही सरस्वती पूजा पर निबंध 10 लाइन (Saraswati Puja Essay 10 Lines) भी आप लिखना चाह रहे हैं तो इसके बारे में भी हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे। किस तरह से अच्छे से आप सरस्वती पूजा पर निबंध 10 लाइन में लिख सकते हैं। सरस्वती पूजा निबंध इन हिंदी (Saraswati Puja Essay in hindi) लिखने में आर्टिकल आपकी काफी मदद करेगा।

सरस्वती पूजा पर निबंध (Saraswati Puja Essay) जो लोग भी लिखना चाहते हैं वह इस आर्टिकल की भरपूर मदद ले सकते हैं। सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में लिखने के लिए कौन-कौन से मुख्य पॉइंट्स जरूरी है, इसके बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से संपूर्ण जानकारी देंगे। सरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में (Saraswati Puja Essay in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।

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Vasant Panchami – Saraswati Puja

Saraswati Puja Essay

टाइटलसरस्वती पूजा पर निबंध हिंदी में
लेख टाइपनिबंध
कब है सरस्वती पूजा साल 2023 में26 जनवरी
किस दिन सरस्वती पूजा हैगुरुवार
सरस्वती का शुभ मुहूर्तसुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे
साल 2023 में सरस्वती माता का जन्मोत्सव कब हैवसंत पंचमी यानि की 26 जनवरी
सरस्वती पूजा तिथिमाघ माह शुक्ल पक्ष पंचमी
सरस्वती पूजा त्र्रतुवसंत त्र्रतु
सरस्वती माता पर्यावाचीश्वेता, भारती,शारदा

Saraswati Puja Essay in Hindi

सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) यानी कि वसंत पंचमी (Vasant Panchami) हिंदुओं (Hindu) का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। Saraswati Puja के दिन पूरे India में काफी धूमधाम और हर्षोल्लास का माहौल देखने मिलता है। Hindu Goddesses Saraswati को ज्ञान की देवी मानते हैं और इस दिन उनकी पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर इस दिन आप अपने घर में Goddesses Saraswati की Worship करते हैं तो घर में ज्ञान का तेजी के साथ प्रचार होता है। इसके साथ ही आप को ज्ञान की प्राप्ति भी होती। उल्लेखनीय है कि Saraswati Puja के दिन स्कूल और सभी शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institution) में माता सरस्वती की पूजा काफी शान और शौकत के साथ की जाती है और इसमें टीचर्स के साथ ही विद्यार्थी भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का जन्मदिवस मनाया जाता है।

क्यो की जाती है सरस्वती पूजा

Vasant Panchami के के दिन Saraswati Puja करने के पीछे एक कहानी है ऐसा माना जाता है कि Vasant Panchami  के दिन ही Goddesses Saraswati का Birthहुआ था इसलिए Vasant Panchami को माता सरस्वती के जन्म दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। बसंत पंचमी january के अंत में या febuaryकी शुरुआत में आती है। बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पांचवें दिन आती है। इस दिन माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं अगर वह Goddesses Saraswati की पूजा करते हैं तो उन्हें अपार ज्ञान की प्राप्ति होती है इसके साथ ही उनका जीवन समृद्ध और यश से भी भर जाता है।

वैसे तो माता सरस्वती की पूजा हर दिन ही की जाती है पर Saraswati Puja यानी कि बसंत पंचमी के दिन की गई माता सरस्वती की पूजा काफी विशेष होती है।

सरस्वती पूजा पर निबंध

  • सरस्वती पूजा का विद्यार्थी के जीवन में महत्व

Saraswati Puja करने का विशेष महत्व विद्यार्थियों के लिए है क्योंकि Goddesses Saraswati को विद्या की देवी कहा जाता है इसलिए अगर विद्यार्थी सच्चे मन से माता सरस्वती की पूजा करते हैं तो उन्हें अपार ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उनके जीवन से अज्ञानता का अधिकार भी मिटता है । Saraswati Puja के दिन Schools और Colleges में लड़कियां साड़ी पहनकर पहुंचती है। Saraswati Puja के दिन yellow color पहनने का विशेष महत्व है। साथ ही कई स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Program) का भी आयोजन किया जाता है जिसमें Students बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

स्कूल और कॉलेजों में होने वाले पूजा पूरी विधि विधान के साथ की जाती है । पूजा के बाद Students में प्रसाद का वितरण कर दिया जाता है। जिन Students का पढ़ाई में मन नहीं लगता है अगर वह सच्चे मन से Goddesses Saraswati  की आराधना करते हैं तो उनका पढ़ाई में मन लगने लगता है कहीं वह अपने जीवन के हर लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं। सती पूजा के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने के साथ ही पीले रंग का भोजन भी किया जाता है

सरस्वती पूजा पर निबंध in hindi

  • माता सरस्वती के विभिन्न नाम

    Goddesses Saraswati  को अलग अलग नाम से जाना और उनकी पूजा की जाती है। माता सरस्वती को शारदा,
  • श्वेता,
  • वीणा वादिनी,
  • भगवती,
  • बागेश्वरी,
  • भारती,
  • हंसवाहिनी,
  • महाभद्रा,
  • महामाया,
  • वरप्रदा,
  • पद्माक्षी,
  • शिवानुजा,
  • रमा,
  • परा,
  • कामरुपा,
  • महाविद्या,
  • पद्मनिलया,
  • श्रीप्रदा,
  • पुस्तकभृत,
  • पद्मवक्त्रगा
  • आदि नाम से जाना जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा मां को Goddesses Saraswati  के नाम से ही पूजा जाता है। पूरे India में सरस्वती पूजा मनाई जाती है। वहीं India के बाहर Nepal, Bangladesh और अन्य देशों में सरस्वती पूजा की जाती है।

सरस्वती पूजा पर निबंध 10 लाइन

  • Saraswati Puja  Hindus का प्रमुख त्यौहार है इसे Vasant Panchami के नाम से भी जाना जाता है।
  • Saraswati Puja के दिन विद्या की देवी कहीं जाने वाली Goddesses Saraswati की पूजा की जाती है।
  • ऐसी मान्यता है कि जो सच्चे मन से Goddesses Saraswati की पूजा करता है वह हमेशा बुद्धिमान और ज्ञानी रहता है।
  • हर साल Vasant Panchami के दिन की माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
  • Saraswati Puja के दिन देश भर की सभी शैक्षणिक संस्थान सरस्वती पूजा का एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
  • Saraswati Puja ना सिर्फ India में बल्कि Nepal और Bangladesh में भी की जाती है।
  • सरस्वती पूजा एक हिंदू त्यौहार है फिर भी भारत में ईसाई सिख और इस्लाम धर्म के लोग भी इस पूजा में हिस्सा लेते हैं।
  • पारंपरिक रूप से छात्र देवी सरस्वती की मूर्ति के पास अपनी पुस्तके पेन सकते हैं जिससे मां सरस्वती उन्हें ज्ञान दें।
  • Vasant Panchami यानी कि सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने की प्रेरणा मिलती है।
  • Saraswati Puja भारत में वसंत ऋतु के आगमन का संकेत है।
  • इस दिन सभी लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और पीले रंग के भोजन को ग्रहण करते हैं।

FAQ’s Saraswati Puja Essay

Q.सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी क्यों कहा जाता है ?

Ans.सरस्वती पूजा के दिन वसंत ऋतु की शुरुआत होती है.

Q.सरस्वती पूजा साल में कब आती है ?

Ans.सरस्वती पूजा हर साल जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में आती है

Q.माता सरस्वती किस की पत्नी है?

Ans. माता सरस्वती ब्रह्मा देव की पत्नी है

Q.साल 2023 की सरस्वती पूजा कब मनाई जाएगी?

Ans. 26 जनवरी के दिन साल 2023 की सरस्वती पूजा मनाई जाएगी

Q.सरस्वती पूजा के दिन कौन सा रंग ज्यादा विशेष होता है?

Ans.पीला रंग सरस्वती पूजा के दिन विशेष होता है।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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