गोरा रंग काला क्यों हो जाता है? Gora Rang Kala Kyon Hota Hai
दोस्तों यदि आप भी नहीं जानते हैं कि गोरा रंग काला क्यों हो जाता है? तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होने वाला है। पोस्ट के जरिए हम आपको बताएंगे कि, इंसान का गोर रंग अचानक से काला क्यों होने लगता है। यदि आपको इस बारे में पूर्व से पता है तो भी एक बार हमारा यह पोस्ट पढ़े क्या पता आपको कुछ और अधिक जानकारी प्राप्त हो जाएं। आशा करते हैं आप पाेस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ेंगे।
गोरा रंग काला क्यों हो जाता है?
इंसान के शरीर का रंग उसके माता पिता के रंग पर आधारित होता हैं। इसके पीछे का कारण उनका DNA यह निश्चित करता है कि बच्चे का रंग कैसा होगा? यदि माता पिता दोनों का रंग सावला है तो इस बात की शत प्रतिशत सम्भावना है कि बच्चे का रंग भी सावला अर्थात की काला होगा, और यदि माता पिता का रंग गौर है तो बच्चे के गौरे होने की संभावना अधिक रहती है।
त्वचा का रंग त्वचा में मौजूद मेलेनिन के कारण गौर और काला होता है, यदि मनुष्य के शरीर में मेलेनिन की मात्र बहुत अधिक है तो व्यक्ति का रंग काला होता है। ठीक इसी प्रकार यदि मेलेनिन की मात्रा कम हो तो रंग गौर होता है। इसीलिए मेलेनिन की उपस्थिति और घनत्व हमारी त्वचा को गोरा या काला बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। मेलेनिन पेगमेंट त्वचा के साथ-साथ बालो और आँखों के रंग को भी निश्चित करता है। इसकी अधिक मात्रा रंग को गहरा करती है।
धूप अर्थात सूर्य की किरणों में मौजूद पराबैंगनी किरणे हमारे शरीर को बहुत अधिक हानि पहुंचाती है, और मेलेनिन को नष्ट करने लगती है जिस कारण हमारा शरीर और अधिक मेलेनिन का निर्माण करने लगता है और मेलेनिन की मात्रा बढ़ने से शरीर काला दिखने लगता है।
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