Nagda

नागदा-उज्जैन मार्ग पर वीरान पड़ी 113 हैक्टेयर भूमि की केंद्र सरकार ने ली सुध

सांसद के पत्र के बाद केंद्रीय राज्य ऊंजा मंत्री ने कहा उक्त भूमि बड़े प्रोजेक्ट कि योजना

नागदा। शहर से लगभग 5 किमी दूर स्टेट हाइवे के समीप पुष्टा फैक्टी के सामने लगभग तीन दशक से वीरान पड़ी एनटीपीसी की सैकड़ों बीमा भूमि की केंद्र सरकार ने अब सुध ली है। उक्त भूमि पर केंद्र सरकार द्वार एक प्रोजेक्ट लागू करने का विचार किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लागू होने से क्षेत्र के लगभग 2 हजार युवाओं को रोजागार मिलेगा।

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क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने उक्त भूमि पर प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया और भूमि पर पावरग्रिड, एनजीस्टोरेज, सौर अथवा अन्य नवीनकरण ऊर्जा उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास केंद्र जैसी परियाेजनाओं पर विचार कर रहा है। उक्त प्रोजेक्ट पर विचार करने की बात केंद्रीय विद्युत एनं नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने सांसद फिरौजिया को पत्र प्रेषित कर दी है।

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28 वर्ष से विरान पड़ी है भूमि

केंद्र सरकार ने एक प्रोजेक्टर के तहत उक्त भूमि का अधिग्रहण 28 वर्ष पूर्व सन् 1992 में किया था। एनटीपीसी द्वारा 113  ़944 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। इस में 106  ़449 है निजी व 7.45 है भूमि शासकीय है। एनटीपीसी ने तत्काल सोवियत रुस की सहायता से 765 केबी सब स्टेशन एवं उससे जुड़ी पारेषण लाइन के निर्माण के लिए अधिग्रहण की थी। बाद में ट्रांसमिशन को पृथक करते हुए पावरग्रिड कॉपारेशन को हस्तांतरित कर दिया गया था। लेकिन उक्त भूमि पर आज तक कोई प्रोजेक्ट लागू नहीं किया गया। लेकिन अब सरकार ने उक्त भूमि को कोई बड़े प्रोजेक्ट के उपयुक्त माना है।

सांसद ने की पहल

सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन ने बताया कि उक्त भूमि पर प्रोजेक्ट लागू करने के लिए सांसद फिरोजिया ने 2 नंवबर 2020 को केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा था। पत्र में बताया गया था कि नागदा के समीप एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित कि हुई लगभग 1000 बीद्या जमीन विरान पड़ी है। सांसद ने उक्त भूमि पर एक बड़े प्रोजेक्ट के लिए मांग की थी।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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