शुक्राणु बढ़ाने की तरकीब, क्या खाएं सब जानिए | Shukranu Badhane Ke Upay
आप पूरी तरह स्वस्थ है पुरुष है और समझते हैं कि आपका शुक्राणु हमेशा वीर्य निषेचन की स्थिति में होगा तो आप भूल कर रहे हैं। क्योंकि शुक्राणु की क्वालिटी हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है। और यह सब जन्म के समय से नहीं होता। यह दैनिक दिनचर्या के अनुसार बदलती रहती है।
हालांकि ज्यादातर लोग आम तौर पर जीवन भर शुक्राणु का उत्पादन करते रहते हैं। कम उम्र में सिगरेट, शराब, गुटखा और कई बार ड्रग्स की लत भी लड़के-लड़कियों में काफी बढ़ गई है। इन आदतों के कारण भी वीर्य की गुणवत्ता खराब होती है और स्पर्म काउंट कम होता है।
लेकिन अत्यंत गतिशील शुक्राणुओं की तादाद धीरे-धीरे घटती जाती है। साल दर साल 0.7 फ़ीसदी की दर से। साल का अलग-अलग समय भी शुक्राणुओं का उत्पादन को प्रभावित करता है। इंसानों में सबसे अधिक शुक्राणुओं का उत्पादन वसंत में और सबसे कम गर्मियों के दौरान में पाए जाते हैं।
और यही प्रक्रिया पशुओं के साथ भी समानांतर हैं। दिलचस्प बात यह है कि एक शोध में पाया गया कि 100 में से 10 लोगों में ही उच्च क्वालिटी के शुक्राणु पाएं जाते है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से लेकर प्रीमेच्योर इजेकुलशन तक पुरुषों में सेक्स संबंधी समस्याओं में इजाफा हुआ है। इन्हीं में बांझपन यानी इन्फर्टिलिटी की समस्या भी पिछले कुछ समय से काफी बढ़ गई है। भारत में लगभग 2 करोड़ 75 लाख जोड़े बांझपन का शिकार हैं, यानी हर 10 में से 1 जोड़ा शादी के बाद बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं है।अन्य लोगों में यह मौसम परिवर्तन के साथ बदलते रहते है।
शुक्राणु बढ़ाने की तरकीब, क्या खाएं सब जानिए | Shukranu Badhane Ke Upay
शुक्राणुओं को बढ़ाने की तरकीब में सबसे अच्छा उपाय संतुलित आहार लेना है। जैसे सेलेनियम, विटामिन सी और ई, फोलिक एसिड और मोटा अंकुरित अनाज का सेवन करना। संतुलित आहार लेने से यह हमारे एपिडेमिक्स में जलन और सूजन को कम करते हैं।
यहीं से शुक्राणुओं की भागदौड़ शुरू होती है। शुक्राणु को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा आहार है समुद्री मछलियां, साबुत अनाज और फल। इतना ही नहीं नियमित रुप से खेल खेलना और व्यायाम करना भी शुक्राणुओं की क्वालिटी को बेहतर करने में सहायक है। नियमित रुप से व्यायाम करना भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है।
जो शुक्राणु का उत्पादन करता है। शुक्राणुओं को सबसे अधिक नुकसान व्यायाम के दौरान लिए जाने वाले एस्ट्राईड से होता है। शुक्राणु पर भी तापमान का असर होता है। इन्हें ठंडा पसंद है। अंडकोष बाहर होते है। इसलिए कार की ड्राइविंग सीट, लैपटॉप को गोद में रखकर चलाने से और गर्म पानी से स्नान करने से शुक्राणुओं की क्वालिटी खराब होने का भय होता है।
पेंट की जेब में मोबाइल रखना शुक्राणुओं के लिए घातक हो सकता है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन नियमित रूप से सेक्स करना शुक्राणुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इस बात की पुष्टि हो चुकी है।