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उत्तर प्रदेश मां हदहदवा भवानी का इतिहास । History of Maa Hadhadwa Bhavani

उत्तर प्रदेश मां हदहदवा भवानी का इतिहास । History of Maa Hadhadwa Bhavani । History of Uttar Pradesh Rampur Pratappur Maa Hadhadwa Bhavani

भारत देश अपने प्राचीन मंदिरों के कारण पूरे विश्व में विख्यात हैं. यहां के मंदिरों के साथ उनकी पौराणिक और बेहद ही रोचक कहानियां जुड़ी होती है. ऐसे ही एक बेहद ही चमत्कारी मंदिर की कहानी हम आज के पोस्ट में लेकर आएं है. दरअसल उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से सटे रामपुर प्रतापपुर चीनी फैक्ट्री के समीप मां हदहदवा भवानी (Hadhadwa Bhavani) का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. खास बात यह है कि, सीजन के समय बिना देवी की अराधना किए चीनी मिल को शुरू नहीं किया जा सकता. दूसरी हदहदवा भवानी से मांगी गई मन्नत देवी मां अवश्य पूरी करती है.

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उत्तर प्रदेश मां हदहदवा भवानी का इतिहास । History of Maa Hadhadwa Bhavani । History of Uttar Pradesh Rampur Pratappur Maa Hadhadwa Bhavani

पौराणिक मान्यता है कि जिस स्थान पर यह प्राचीन मंदिर है वहां पहले बेहद ही घना जंगल था और इसी वन में देवी विराजमान थी. पूर्व में इन्हें वनदेवी के नाम से जाना जाता था. साल 1903 में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जब यहां चीनी मिल की स्थापना की हुई. तब लाख कोशिशों के बाद गन्ना पेराई के लिए गन्ना डोंगा में डाला गया तो रस नहीं निकल रहा था. जिसको लेकर अंग्रेजी हुकूमरान परेशान हो गए. गन्ना से रस नहीं निकलने के कारण कई दिनों तक चीनी मिल बंद रहा. चीनी मिल में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों ने अंग्रेजों के समक्ष माता की महिमा का बखान किया.

मिल प्रबंधन में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों ने वन देवी के स्थान की साफ-सफाई कराई व उनका विधिवत पूजन कर माता को गन्ना अर्पण किया. जिसके बाद मिल को एक बाद दोबारा शुरू कर देखा गया. पूजन के बाद गन्ना डोंगा में डाला गया तो रस हदरहदर (बेहद ही अधिक मात्रा में) निकलने लगा. जिसके बाद माता को हदहदवा भवानी (Hadhadwa Bhavani) नाम दिया गया. यह देख सभी लोग आश्चर्यचकित हो उठे. जिसके बाद से वनदेवी के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ गई.

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कोलकता का कानोडिया ग्रुप रहा हो या अब बजाज ग्रुप, फैक्ट्री चालू करने के पहले देवी की धूम-धाम से पूजन अर्चन किया जाता है. इसमें थोड़ी सी भी त्रुटि आने पर मिल प्रबंधन को भारी हानि का सामना करना पड़ता है.

इसके अलावा सप्ताह के सोमवार व शुक्रवार को Hadhadwa Bhavani मंदिर पर भक्तों की भीड़ रहती है. वहीं दूसरी ओर नवरात्र में यहां भक्तों का रेला लगा रहता है. यूपी के देवरिया तो बिहार के सिवान व गोपालगंज जिले से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. मां हदहदवा भवानी भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं. मंदिर में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग मांगलिक कार्य मुंडन, शादी भी करते हैं।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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