News

चुनाव आयोग (Election Commission) क्या होता हैं जानें !

Election Commission Kya Hai : दुनियाभर में भारतीय चुनाव आयोग का छबि विशिष्ठ महत्वता रखती है। इसका गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था। भारतीय चुनाव आयोग स्वतंत्र संवैधानिक संस्था के रूप में कार्य करती है। यह एक ऐसी संस्था है जिसका मुख्य कार्य लोकतंत्र के चुनाव को बाधामुक्त रूप से पूरा करवाना है। चुनाव आयोग को भारत के अधिकारों में समस्त प्रकार के चुनाव को पूरा करवाना निहित है। दोस्तों यदि आप भी चुनाव आयोग के विषय में संक्षिप्त और गहन जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारे इस पोस्ट में चुनाव आयोग (Election Commission) क्या है, EC के कार्य, अधिकार, नियम की जानकारी मिल जाएगी। आशा करते हैं, आप हमारे लेख को अंत तक जरूर पढ़ेंगे।

चुनाव आयोग क्या है | Election Commission Kya Hai

भारतीय निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग के नाम से भी पुकारा जाता है, जिसे अंग्रेजी भाषा में Election Commission कहा जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था होती है, जिसका मुख्य कार्य भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करने का होता है | इसके साथ ही चुनाव आयोग देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधान सभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।

निर्वाचन आयोग की संरचना

  • आपकों बता दें कि पूर्व में भारतीय निर्वाचन आयोग में केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन इसके बाद राष्ट्रपति की एक अधिसूचना के जरिए 16 अक्तूबर, 1989 को इसे तीन सदस्यीय में बदल दिया गया |
  • इसके बाद कुछ समय के लिए इसे पुर्न: से एक सदस्यीय आयोग कर दिया गया। जिसके बाद दोबारा 1 अक्टूबर, 1993 को तीन सदस्यीय आयोग वाला स्वरूप लागू कर दिया गया | इसके बाद से ही  निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त कर दिए गए हैं।
  • निर्वाचन आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में मौजूद है।
  • जो IAS रैंक का अधिकारी होता है उसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी कहा जाता है, जिसका चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता  है तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति  द्वारा ही की जाती है।
  • चुनाव आयोग का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, यानि कि दोनों में से जो भी पहले हो होता है, वही माना जाता है।
  • इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष उपाधि मिलती है और साथ ही समान वेतन एवं भत्ते भी प्राप्त होते हैं।
election-commission-kya-hai
Election Commission

EC के कार्य व अधिकार (Work And Authority)

  1. निर्वाचन आयोग प्रमुख रूप से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद, राज्य विधानसभा के चुनाव का पर्यवेक्षण, निर्देशन तथा आयोजन करवाने का कार्य करता है।
  2. निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य निर्वाचक नामावली तैयार करवाने का होता है।
  3. निर्वाचन आयोग सभी राजनैतिक दलों का पंजीकरण और मान्यता प्रदान करने का काम करता है।
  4. निर्वाचन आयोग के द्वारा ही राजनैतिक दलों का राष्ट्रीय, राज्य स्तर के रूप मे वर्गीकरण किया जाता है।
  5. निर्वाचन आयोग सांसद या विधायक की अयोग्यता के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल को अपनी राय देता है।
  6. निर्वाचन आयोग ही होता है जो, गलत निर्वाचन उपायों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को निर्वाचन के लिये अयोग्य घोषित करने का काम करता है।

चुनाव आयोग के नियम  

  • यदि कोई व्यक्ति किसी राजनितिक पार्टी की विचारधारा से सहमत हो जाता है, और उसके साथ रहकर उसका समर्थन करता है, तो वह व्यक्ति उसकी पार्टी का झंडा और स्टीकर नहीं लगा सकता है |
  • जो व्यक्ति किसी पार्टी के समर्थन में बल्क में एसएमएस भेजने का काम कर देते  है, तो  उस व्यक्ति पर चुनाव आयोग के द्वारा कार्यवाही  की जाने की संभावना होती है |
  • किसी भी पार्टी का व्यक्ति लाऊड स्पीकर के माध्यम से प्रचार नहीं कर सकता है |

लोकसभा इलेक्शन 2024 में कौन जीतेगा | Election 2024 Mein Koun Jitega

भारत निर्वाचन आयोग का महत्त्व

  • निर्वाचन आयोग मुख्य रूप से 1952 से राष्ट्रीय और राज्य स्तर के चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन करता आ रहा  है और इसके साथ ही मतदान में लोगों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का काम करता है |
  • चुनाव में समानता, निष्पक्षता, स्वतंत्रता स्थापित करने का काम करता है।
  • चुनाव आयोग ही होता है जो विश्वसनीयता, निष्पक्षता, पारदर्शिता, अखंडता, जवाबदेही, स्वायत्तता और कुशलता के उच्चतम स्तर के साथ चुनाव आयोजित/संचालित करता है।
  • चुनाव आयोग चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और सभी हितधारकों के साथ हमेशा रहता है।
  • निर्वाचन आयोग सभी हितधारकों, मतदाताओं, राजनीतिक दलों, चुनाव अधिकारियों, उम्मीदवारों के बीच चुनावी प्रक्रिया और चुनावी शासन के बारे में जागरूकता पैदा करने का काम करता है तथा देश की चुनाव प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाने और उसे मज़बूती प्रदान  करता है।

पृष्ठभूमि

  • भारतीय संविधान के भाग 15 को चुनावों से संबंधित कर दिया गया है, जिसमें चुनावों के संचालन के लिये एक आयोग के गठन किए जाने की बात उल्लेखित हैं।
  • चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार ही की गई थी।
  • संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 तक चुनाव आयोग और सदस्यों की शक्तियों, कार्य, कार्यकाल, पात्रता आदि से संबंधित हैं और जो संविधान के भाग 15 में सम्मलित किया गया है।

संविधान में चुनावों से संबंधित अनुच्छेद

324चुनाव आयोग में चुनावों के लिए निहित दायित्व: अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण।
325धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष को मतदाता सूची में शामिल न करने और इनके आधार पर मतदान के लिये अयोग्य नहीं ठहराने का प्रावधान मौजूद हैं।
326लोकसभा एवं प्रत्येक राज्य की विधानसभा के लिये निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा।
327विधायिका द्वारा चुनाव के संबंध में संसद में कानून बनाने की शक्ति।
328किसी राज्य के विधानमंडल को इसके चुनाव के लिये कानून बनाने की शक्ति।
329चुनावी मामलों में अदालतों द्वारा हस्तक्षेप करने के लिये बार (BAR)

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status