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नवरात्रि थाली का मेन्यू । Navratri Thali Menu

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व साल में चार बार आता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के साथ दो और भी नवरात्रि होती हैं, जिसे माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि कहा जाता है. प्रथम तिथि से लेकर अष्टमी तक का व्रत करके, नवमी की पूजा करके अन्न ग्रहण करती हूँ. लेकिन कॉर्पोरेट दफ्तर में काम करने के कारण न तो घर से जाने का समय निश्चित है और न ही आने का. अब इस आपाधापी में हेल्थ को ठीक रखते हुए, नौ दिन का व्रत कैसे निभेगा, यह थोड़ा मुश्किल तो है, लेकिन असंभव नहीं है. चलिए लेख के जरिए आपको बताती हूँ, कि इन 9 दिनों के लिए मैंने अपने सुबह से शाम तक के नवरात्रि थाली का मेन्यू (Navratri Thali Menu)  कैसे बनाया है.

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सुबह की चाय और नाश्ता

हर दिन कि शुरुआत चाय से होती है और संडे के अतिरिक्त छह दिन का नाश्ता दौड़-भाग के साथ पूरा होता है. ऐसे में व्रत और हेल्थ के बीच में संतुलन बिठाने के लिए मेरा मेन्यू है.

सुबह की चाय:

पूजा करने से पहले पीने वाली चाय की जगह किसी दिन, स्किम्ड मिल्क भी लेने से संतुष्टि और न्यूटरिशन दोनों मिल सकते हैं. इसमें किसी दिन केसर मिला कर उसे और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है. बारिक पीसे बादाम से बादाम का दूध, काजू, पिस्ता और खजूर मिलाकर मिक्स मेवा मिल्क लेने से वैरायटी और हेल्थ दोनों मिल सकते हैं.

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सुबह का नाश्ता:

टेबल पर सुकून से बैठकर नाश्ता करना तो नौकरीपेशा युवतियों का सुबह का सपना होता है, जो शायद ही पूरा होता हो. इसलिए व्रत के दिनों में इस नाश्ते में कटे हुए फलों के फ्रूट सलाद, सेंधा नमक के साथ भुनी हुई मूँगफली, हल्के से ऑलिव ऑयल का टच देते हुए एयर फ्रायर में सेके मखाने, एयर फ्रिड और सेंधे नमक के साथ मिक्स मेवा, केले के चिप्स, फ्राइड अरबी, कूटू के फ्रेंच फ्राई, साबूदाने के कटलेट आदि लेने का मैंने प्रोग्राम बना लिया है.

लंच का डिब्बा

दोपहर का खाना, कभी किसी क्लाइंट की मीटिंग या फिर किसी इंटर्नल मीटिंग, की भेंट चढ़ ही जाता है. व्रत के दिनों में तो वैसे भी भूख ज्यादा ही लगती है. इसलिए इन दिनों में खाने के लिए मैंने जो मेन्यू सोचा है वो है.

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  1. आलू-अरबी की कुट्टू-सिंघाड़े की पूरी-सीताफल की सब्जी,खीरे का सलाद, स्किम्ड मिल्क का दही

2. साबूदाने की खिचड़ी– फ्रूट कुल्ले, सेवन्ल फिरनी

3. कुट्टू-सिंघाड़े की रोटी-फ्राई अरबी, स्किम्ड मिल्क दही, मीठी मेवा

4. फ्रूट सलाद, शकरकंद चाट, मखाने की खीर,

5. साबूदाने कटलेट, दही वाले आलू, अरबी फ्रेंच फ्राई

6. राजगीरा पुलाव, व्रत वाले आलू, मेवा खीर

7. कुट्टू का परांठा, व्रत वाले आलू, पनीर खीर

8. अरबी के चिप्स, कुट्टू की पकौड़ी, शकरकंद का हलवा

शाम की चाय:

व्रत के दिनों में शाम की चाय के साथ क्विक एनर्जेटिक स्नैक का होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए मैंने अपने लिए नारियल पानी, स्किम्म्ड़ मिल्क की लस्सी, शिकंजी लेने की प्लानिंग करी है। ये सब मुझे अपने ऑफिस में बहुत आराम से मिल भी जाएगा और मेरा काम भी डिस्टार्ब नहीं होगा। लेकिन यदि आप चाहें तो बनाना शेक, बादाम मिल्क भी ले सकतीं हैं।

रात का भोजन:

नवरात्रि के व्रत में कुछ लोग अष्टमी तक कुछ नहीं खाते तो वहीं कुछ लोग रात को अन्न ले लेते हैं। मैं अभी तक रात को अन्न न लेने के नियम का पालन कर रही हूँ. इसके लिए मैं रात को थोड़ा हल्का व्यंजन ही लेना पसंद करती हूँ.

इसके लिए एक दिन एक गिलास दूध के साथ सेब और दूसरे दिन दूध के साथ भीगे बादाम और किशमिश लेने की योजना है. यदि सुबह का मीठा जैसे मखाने की खीर, कद्दू का हलवा, मीठी मेवा आदि अगर फ्रिज में होगी तो वो भी ले सकती हूँ.

मेरी सलाह:

आप सोचेंगी कि मेरे मेन्यू में क्या खास है. जी हाँ, तो इसमें खास बात ये है कि मैंने इसमें उन सभी चीजों को शामिल किया है जो मुझे दिन भर घर से दूर होने पर भी एनर्जेटिक और हेल्दी रखने में हेल्प करेंगी. आइये मैं आपको भी अपने मेन्यू का राज बताती हूँ.

रामदाना:

नाममात्र कि कैलोरी और ढेर सारा न्यूटरिशीयन. शाम के नाश्ते में लेने वाले रामदाने के लड्डू मेरे लिए एनर्जी बूस्टर का काम करते हैं.

साबुदाना:

स्टार्च, कार्ब और प्रोटीन से युक्त आहार. मीठा खाएं या नमकीन, हर तरह से स्वाद और पोषण से भरपूर साबुदाना किसी भी समय खाया जा सकता है.

कुट्टू:

व्रत के दिन खाये जाने वाला कुट्टू न केवल ग्लूटन फ्री होता है बल्कि इसमें अन्य विभिन्न पौष्टिक तत्व भी बहुत मात्रा में होते हैं. इन्हें आप प्रोटीन, आयरन, फोस्फोरस, फाइबर, मैग्निशियम, विटामिन बी और मिनरल्स के नाम से जान सकते हैं.

सेंधा नमक:

सेंधा नमक जिसे पहाड़ी नमक के नाम से भी जाना जाता है. इसमें आयोडिन कि मात्रा काफी होती है. सेंधा नमक कम सोडियम के अलावा अधिक पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है. जिसके कारण मेरी थाली का नमकीन बिना इस नमक के तो पूरा हो ही नहीं सकता.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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