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कालसर्प दोष मंत्र – Kaal Sarp Dosh Mantra

कालसर्प दोष मंत्र – Kaal Sarp Dosh Mantra

कालसर्प दोष मनुष्य जीवन में उथल पुथल करने वाला एक विशेष दोष है। इसके प्रभाव से मानव ना केवल आर्थिक तंगी से गुजरता है बल्कि पारिवारिक कलह का भी सामना करता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा उसके पितृ को किसी प्रकार का कष्ट या यातनाएं दी गई हो तो भी कालसर्प दोष उसके जीवन में परेशानियां खड़ी करता है। दोस्तों यदि आप भी कालसर्प दोष को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं तो आज का हमारा यह पोस्ट आपके लिए बेहद ही मददगार साबित होने वाला है। पोस्ट में हमारे द्वारा कालसर्प दोष मंत्र – Kaal Sarp Dosh Mantra, कालसर्प दोष क्या हैं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया हैं।

कालसर्प दोष क्या है

बताते चलें कि, राहु का अधिदेवता काल है और केतु का अधिदेवता सर्प है। हिंदू पौराणिक मान्यता के अनुसार जन्म कुंडली में लगन से द्वादीश भाव तक इन दोनों ग्रहों के बीच में कुंडली में सभी ग्रह एक तरफ हों तो इसे कालसर्प दोष कहते हैं। राहु के जो अधि देवता है काल और प्रतयधि देवता है सर्प। काल सर्प को ऐसे भी समझा जा सकता है काल का अर्थ समय से है और सर्प की चाल टेडी मेडी रहती है उसी प्रकार मनुष्य का समय भी टेड़ा मेडा रहता है। वैसे भी जीवन जीने के बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है।

काल सर्प योग उदित और अनुदित होता है। उदित काल सर्प योग बेहद ही अधिक प्रभावशाली होता है और अनुदित काल सर्प योग प्रभावशाली नहीं होता | आपकी कुंडली में जैसा भी काल सर्प योग हो जातक को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। ताकि आपके भाग्य की दशा सही स्थान पर रहे।

कालसर्प दोष कितने प्रकार के होते हैं?

हिंदू ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष 12 तरह के होते है।

1. अनंत कालसर्प दोष
2. कुलिक कालसर्प दोष
3. वासुकि कालसर्प दोष
4. शंखपाल कालसर्प दोष
5. पद्म कालसर्प दोष
6. महापद्म कालसर्प दोष
7. तक्षक कालसर्प दोष
8. कर्कोटक कालसर्प दोष
9. शंखनाद कालसर्प दोष
10. घातक कालसर्प दोष
11. विषाक्त कालसर्प दोष
12. शेषनाग कालसर्प दोष

मनुष्य के कुंडली में 12 प्रकार के कालसर्प दोष होने के साथ ही राहु की दशा, महादशा और अंतरदशा में अस्त-नीच या शत्रु राशि में बैठे ग्रह मारकेश या वे ग्रह जो वक्री हों, उनके चलते जातक को भीषण कष्टों और दुखों का सामना करना पड़ता है। काल सर्प योग के चलते जातक असाधारण तरक्की करता है, लेकिन उसका पतन भी एकाएक ही होता है। यानी की मनुष्य का नाश हो जाता है।

कालसर्प दोष को कैसे पहचानें

  • हर जगह निष्फलता मिलती है, भाग्य उदय में देरी होती है।
  • विधार्थी के जीवन में विद्या ग्रहण करने में दिक्कत होती है
  • विवाह आधी मंगल कार्यों में वधा आती है
  • नीदं काम आती है या सोने में समस्या होती है , मन अशांत रहता है
  • समाज में मान सम्मान नहीं मिलता।
  • प्रबल काल सर्प दोष में अकाल मृत्यु का भय रहता है।
  • नजदीकी मित्रों से या सेज सम्बन्धियों से विश्वाश्घात मिलता है
  • जब राहु या केतु पंचम स्थान पर है और अगर काल सर्प दोष बनता है तो संतान प्राप्ति में बहुत दिक्कत होती है।

कुंडली के 12 भाव का सम्बन्ध

१ पहला भाव लगन – शरीर से सम्बंधित
२.दूसरा भाव – धन से सम्बंधित
३.तृतीया भाव – भाई बंधू से सम्बंधित
४.चतुर भाव – सुख से सम्बंधित, माता पिता से सम्बंधित
५. पंचम भाव – विद्या और संतान से सम्बंधित
६. छठा भाव – शारीरिक रोग और शत्रु से सम्बंधित
७ सप्तम भाव – विवाह और पति,पत्नी से सम्बंधित
८ अष्टम भाव – आयु से सम्बंधित
९. नवम भाव – भाग्य से सम्बंधित
१० दशम भाव – धर्म और पिता से
११ एकादश भाव – आय से ( आमदनी से )
१२. द्वादश भाव – ब्यय से ( धन के खर्च से )

कालसर्प दोष की पूजा

हिन्दू धर्म में सावन शुक्ल पंचमी ति​थि को नाग पंचमी के दिन सर्पों का पूजन करने की मान्यता है।नागपंचमी के दिन कुंडली में कालसर्प दोष की शांति या उससे मुक्ति के लिए भी पूजा कराई जाती है। और या आप निम्न मन्त्रों का प्रयोग करके अपनी कुण्डी में काल सर्प योग से मुक्ति पा सकते हैं।

१. सर्प मंत्र- ॐ नागदेवताय नम:
नाग गायत्री मंत्र- ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्

२. राहु मंत्र : ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
केतु मंत्र : ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।

३. भगवान शिव की शिवलिंग पूजा करें , महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और एक छोटे चांदी,ताम्बे या पीतल के नाग की प्रतिष्ठा करवाकर शिवलिंग पर चढ़ा देने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

कालसर्प दोष मंत्र Kaal Sarp Dosh Mantra

ॐ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा || सर्प मंत्र ||
ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम: ||
 

सर्प बीज मंत्र Kaal Sarp Beej Mantra

ॐ सर्पेभ्यो नम:
 

  नाग गायत्री मंत्र  Naag Gayatri Mantra

ॐ नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात
 

कालसर्प दोष निवारण मंत्र

“ॐ क्लीम आस्तिकम् मुनिराजम नमोनमः” !!

 

कालसर्प दोष के निवारण

जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होता है। उन्हें जीवन में लंबे समय तक कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस अवधि में जातक को कालसर्प दोष की शांति के उपाय अवश्य करते रहना चाहिए।

हमेशा कालसर्प योग बुरा नहीं होता कभी कभी कालसर्प योग आपके भाग्य उदय का कारन भी बन सकता है। कालसर्प दोष से हमेशा डरने की आवश्यकता नहीं है। आप किसी विद्वान आचार्य, पंडित या ज्योतिषी से मिलकर कालसर्प दोष के स्वरूप को जाने और उसी के अनुसार इसका कालसर्प दोष निवारण हेतु कार्य करें।


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Sarp Dosh Mantra

 

कालसर्प दोष मंत्र

FAQs

काल सर्प दोष की पूजा कहा होती है?

त्रंबकेश्वर नासिक या उज्जैन आदि तीर्थ क्षेत्रों में कालसर्प पूजा कराने से कालसर्प दोष से जल्द मुक्ति मिलती है।

कालसर्प दोष के लिए कुंडली में कौन से ग्रह प्रभावित करते है?

राहु और केतु

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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