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गांधी जयंती पर भाषण 2023 (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi): 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती पर भाषण

गांधी जयंती पर भाषण 2023 (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सत्य, अहिंसा के पुजारी के रूप में विश्व में विख्यात है। गांधी को बापू कहकर संबोधित किया जाता है। गांधी जी ने पूरे विश्व को सत्य, अहिंसा व शांति का पाठ पढ़ाया था। उन्होंने सत्य-अहिंसा का मार्ग अपनाकर ही गुलाम भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। गांधीजी सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखने वाले देशभक्त थे। जैसा कि हम सभी को विधित है कि, महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के जन्मदिवस 02 अक्टूबर को हर साल पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) मनाई जाती है। इस दिन को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non Violence) के रूप में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गांधी जयंती पर भाषण (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi) 2023

02 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके शैक्षणिक संस्थाओं में छात्र-छात्राएं महात्मा गांधी जयंती पर भाषण (Mahatma Gandhi Jayanti Speech In Hindi) भी देते हैं। यदि आप भी गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर अपने स्कूल या महाविद्यालय में गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech In Hindi) सुनाने की मंशा रख रहे हैं और गांधी जयंती स्पीच इन हिंदी (Speech In Hindi On Gandhi Jayanti) देकर अपने भावों को उपस्थितों को समक्ष रखना चाहते हैं, तो newsmug.in आपके लिए Gandhi Jayanti Hindi Speech लेकर आया है। बताते चले कि, यदि आप हमारी Gandhi Jayanti Par Speech In Hindi को याद कर लेते हैं, तो आप अपनी भी Gandhi Jayanti Per Speech स्वयं से तैयार कर सकते हैं।

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि, हमारे द्वारा इसी लेख में नीचे की ओर दी गई Gandhi Jayanti Speech In Hindi For Students को सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है, ताकि भविष्य में कभी-कभी महात्मा गांधी भाषण या गांधी जयंती स्पीच को याद करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। 2 October Speech In Hindi को याद करने का सबसे अच्छा और सरल तरीका है कि आपके पास Gandhi Jayanti Bhashan लिखा हुआ होना चाहिए। आप अपनी Speech For Gandhi Jayanti In Hindi को मंच पर बोलने से पहले दो-तीन बार जरूर पढ़ लें। गांधी जयंती के दिन आप 2 October Gandhi Jayanti Speech In Hindi के अलावा Mahatma Gandhi Speech In Hindi भी तैयार कर सकते हैं। आपको Speech On Mahatma Gandhi Jayanti In Hindi को पूरे उत्साह के साथ बोलना चाहिए।

gandhi-jayanti-speech-in-hindi
02 October Gandhi Jayanti Speech
02 अक्टूबर गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में
02 October Gandhi Jayanti Speech In Hindi

स्पीच की शुरुआत

आदरणीय प्रधानाध्यापक जी, उपस्थित अध्यापक और मेरे प्रिय सहपाठियों को मेरा नमस्कार। सबसे पहले मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं कि आपने मुझे इस मंच पर अपने विचार आप लोगों के समक्ष रखने का मौका दिया। जैसा कि हम सभी को विधित है, कि आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं। गांधीजी हम सभी के आदर्श हैं और हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। आज इस मंच के जरिए में राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद्र गांधीजी के विचार आपके सामने रखूंगा। आशा करता हूं कि आप मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुनेंगे।

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स्पीच में क्या बोलें?

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात प्रांत के पोरबंदर में हुआ था। उन्हीं को सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष 02 अक्टूबर को पूरे भारत में महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। गांधी जी ने अपना पूरा जीवन देश और देश की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया था। देश को आज़ाद करवाने के लिए उन्होंने कई सत्याग्रह और आंदोलन किए। बापू ने अपने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत सन् 1906 में दक्षिण अफ्रीका से की थी। उन्होंने यह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और पास के खिलाफ छेड़ा था। गांधी जी ने दलित समुदाय के लोगों के लिए भी बहुत कुछ किया। हमारे समाज में एक ऐसा समुदाय भी था जिनके लोगों को अछूत कहा जाता था। इस समुदाय के लोगों को बापू ने हरिजन नाम दिया। हरिजन शब्द का मतलब होता है हरि यानी कि भगवान की संतान। गांधी जी की यह शुरुआत ऐसे समुदायों के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिलाने में महत्त्वपूर्ण साबित हुई, जिसका अन्य लोगों पर भी प्रभाव देखने को मिला।

गांधीजी ने समाज के साथ-साथ देश की चिंताओं पर भी अपना पूरा ध्यान दिया। उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में सबसे अहम भूमिका निभाई। वह हमेशा सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग पर ही चले। जब भी हम अहिंसा और प्रेम की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमें बापू का नाम ही याद आता है कि कैसे उन्होंने सत्य-अहिंसा से देश को आज़ादी दिलवाई। गांधीजी ने न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम और शांति का पाठ पढ़ाया और इसके मायने भी समझाए। उन्होंने सबको सिखाया कि हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता और ना ही दूसरों को क्षति पहुंचाकर या उनका नुकसान करके खुद को सुखी रखा जा सकता।

भारतीयों पर जब ब्रिटिश सरकार का अत्याचार बढ़ने लगा, तो महात्मा गांधी ने 8 अगस्त सन् 1942 को अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन छेड़ दिया। इसी दौरान पूरी दुनिया दूसरा विश्वयुद्ध भी झेल रही थी। भारत छोड़ो आंदोलन में ही गांधीजी ने करो या मरो का नारा दिया था। दूसरे विश्वयुद्ध का अंत होते-होते तक ब्रिटिश सरकार ने ऐलान कर दिया था कि वह भारत को आज़ाद करके उसकी सभी शक्तियों को वापस कर देगी।

गांधी जयंती की सबसे खास बात यह भी है कि इस दिन को पूरी दुनिया में अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यूनाइटेड नेशंस जेनरल असेंबली ने 15 जून वर्ष 2007 को गांधी जयंती के दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने के पीछे गांधीजी की सत्य और अहिंसा वाली सोच थी क्योंकि गांधी जी ने भी खुद दुनिया को यही सिखाया था कि शांति का मार्ग अपनाकर हर मुश्किल से मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है। वह मानते थे कि हिंसा का रास्ता चुनकर हमें कभी अपना हक नहीं मिल सकता। गांधीजी ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही दक्षिण अफ्रीका में लगभग 75 हजार भारतीयों को उनके कई अधिकार दिलाए थे, जिनसे वह कई वर्षों से वंचित थे।

मोहनदास करमचंद गांधी का राष्ट्रपिता बनने तक का सफर काफी लंबा और चुनौतीपूर्ण था। उनकी सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा और कमज़ोर लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने के उनके अनोखे तरीके ने ही गांधीजी को देश का राष्ट्रपिता और महात्मा बना दिया। वह भारतीयों के हक के लिए लड़ने वाले लाखों-करोड़ों लोगों के आदर्श नेता बने और अपनी आखिरी सांस तक भी सत्य-अहिंसा के मार्ग से नहीं हटे।

स्पीच को ऐसे करें खत्म

गांधीजी के विचारों को अपनाकर हम अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। वह कहा करते थे कि-

“क्रोध, अहिंसा और गौरव का दुश्मन है। यह एक राक्षस हैं, जो इन्हे निगल जाता है।”

“व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है।”

“उफनते तूफ़ान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा।”

“ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।”

“क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।”

अब मैं इस आशा के साथ अपनी बात को यहीं पर समाप्त करते हुए आप सभी से मंच छोड़ने की अनुमति लेना चाहूंगा कि हम सभी अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के रास्ते पर ही चलने की कोशिश करेंगे और गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में अपना पूरा योगदान देंगे। एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

गांधी जयंती पर 10 लाइनें

  1.  भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  2.  महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
  3.  उन्हें बापू या राष्ट्र का पिता भी कहा जाता था।
  4.  बापू का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नाम के एक छोटे से गांव में हिंदू परिवार में हुआ था।
  5.  उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और मां का नाम पुतिलिबाई था।
  6.  2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  7. उन्होंने भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लगातार धैर्य और साहस के साथ लड़ाई लड़ी।
  8.  गांधी जी ने देश को आजाद करवाने के लिए असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी मार्च, खिलाफत आंदोलन आदि अन्य कई आंदोलन चलाए।
  9.  गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे और वह कई बार जेल भी गए थे।
  10. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी।

गांधी जयंती से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)

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प्रश्न- मैं गांधी जयंती पर भाषण कैसे लिखूं?

उत्तरः गांधी जयंती पर भाषण लिखने से पहले गांधी जी के बारे में पढ़ें और उनसे जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करें। उसके बाद ही गांधी जयंती पर भाषण लिखें।

प्रश्न- महात्मा गांधी पर भाषण कैसे दे?

उत्तरः महात्मा गांधी पर भाषण पूरे उत्साह और आत्मविश्वास के साथ दें। तभी आप अपने श्रोताओं की तालियां बटोर पाएंगे।

प्रश्न- कौन सा नारा गांधी जी ने दिया था?

उत्तरः करो या मरो।

प्रश्न- महात्मा गांधी का उद्देश्य क्या था?

उत्तरः गांधी जी का उद्देश्य लोगों में सक्रियता का भाव पैदा करना था।

प्रश्न- भारत छोड़ो आंदोलन किसका था?

उत्तरः महात्मा गांधी जी का।

newsmug.in की ओर से आप सभी को  गांधी जयंती की  हार्दिक शुभकामनाएं”।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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