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हिंदी दिवस 2022 भाषण और स्पीच | Hindi Diwas Speech in Hindi 2022

हिंदी दिवस 2022 पर स्पीच, भाषण और निबंध | Speech on Hindi Diwas in Hindi | Hindi Diwas 2022 Speech | Speech on Hindi Diwas in Hindi Language

भारत दुनिया का प्राचीन सभ्यता और विविध भाषाओं वाला देश है. हिंदुस्तान की पहचान हिंदी भाषा से ही है. इसलिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। विविधताओं वाले भारत देश में कई धर्म, रीति-रिवाज, परंपराएं, व्यंजन और भाषाएं शामिल हैं. हिंदी भारत की सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक है और 2001 तक हिंदी भाषा के लगभग 26 करोड़ मूल वक्ता थे. जो इसे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बनाती है.

हिंदी को भारत में एक श्रेष्ठ दर्जा मिला जब 14 सितंबर 1949 को इसे देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया. 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. आज हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त है.

hindi-diwas-speech
Hindi Diwas Speech

हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूल और कॉलेजों में हिंदी भाषा से संबंधित भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. शासकीय दफ्तरों में भी हिंदी दिवस को बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. आज के अत्यधिक व्यवसायिक वातावरण में जहां लोग अपनी जड़ों को भूल रहे हैं, वहां हिंदी दिवस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह लोगों को अपनी जड़ों के संपर्क में रहने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता है, बल्कि साथ ही साथ हिंदी को भी बढ़ावा देता है. अफसोस की बात है कि कई लोग हैं, जो अपनी मातृभाषा में बोलने में शर्म महसूस करते हैं. हिंदी दिवस हमें यह एहसास दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि हिंदी दुनिया की सबसे पुरानी और प्रभावशाली भाषाओं में से एक है और इस तरह हमें अपनी मातृभाषा में बोलने में गर्व करना चाहिए.

Hindi Diwas Speech in Hindi

हिंदी सीखी हुई भाषा है. इस भाषा में रचनाकारों द्वारा असंख्य साहित्यिक रचनाएँ की हैं. रामचरितमानस हिंदी की सबसे बड़ी साहित्यिक कृतियों में से एक है. 16 वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित, इसमें राम की कहानी को दर्शाया गया है. हिंदी में कुछ अन्य कृतियाँ हैं हरिवंश राय बच्चन द्वारा मधुशाला, मुंशी प्रेमचंद द्वारा निर्मला, देवकी नंदन खत्री द्वारा चंद्रकांता, आदि.

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हिंदी प्राचीन भाषाओं में से एक है. इसे संस्कृत का वंशज के रूप में देखा जाता है. हिंदी आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं की शाखा से संबंधित है. हालाँकि पिछली कई शताब्दियों में हिंदी में कई बदलाव हुए हैं और अंत में अपने वर्तमान स्वरूप में विकसित हुए हैं. हिंदवी, हिंदुस्तानी और खड़ी बोली हिंदी के प्रारंभिक रूप थे. वे 10 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान उपयोग में थे. हिंदी का साहित्यिक इतिहास 12 वीं शताब्दी का हैं. इस बीच, हिंदी का आधुनिक अवतार जो वर्तमान युग में ज्यादातर उपयोग में है, लगभग 300 वर्षों तक रहता हैं.

वास्तव में, हिंदी को अंग्रेजी के साथ-साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में चुना गया था. क्योंकि यह एकमात्र भाषा थी जो पूरे राष्ट्र को एकजुट कर सकती थी. वास्तव में 1917 में, महात्मा गांधी ने भरूच में गुजरात शिक्षा सम्मेलन में एक भाषण में हिंदी के महत्व को रेखांकित किया था. उस विशेष सम्मेलन में, गांधीजी ने कहा कि चूंकि हिंदी अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाती है, इसलिए इसे राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि यह धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक संचार लिंक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. दोस्तों आप इस बेहद ही नए और ओजस्वी भाषण को 14 सितंबर हिंदी दिवस के दिन अपने विद्यालय या कॉलेज में अवश्य सुनाएं. निश्चित रूप से आप तालियों के हकदर रहेंगे.

इसलिए 14 सितंबर, 2019 को हम अपने दिलों में बहुत गर्व के साथ हिंदी दिवस मनाएंगे. यह हमारी राष्ट्रीय भाषा है और इसने हमें अपनी विशिष्ट पहचान दी है. हिंदी में बात करने पर हम हमेशा गर्व महसूस करेंगे.आप सभी को न्यूजमग.इन की ओर से हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामाएं.

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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