क्या आपकों पता हैं थावे वाली माता को बेहद प्रिय है पड़किया मिठाई । Do you know that the mother of Thawe is very fond of sweets
बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित थावे धाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी थावे वाली माता और रहषु भगत की कहानी प्रसिद्ध है, लेकिन आप में से बहुत ही कम लोगों को ज्ञात होगा कि, माता का प्रिय प्रसाद पड़किया मिठाई है. खोया ( दूध से बनने वाला मावा) से बनने वाली मिठाई आपकों केवल बिहार के गोपालगंज जिले में ही देखने और खाने को मिलेगी. मिठाई को लेकर कोई प्राचीन या पौराणिक कथा नहीं है, लेकिन सालों से थावे वाली माता को प्रमुख प्रसाद के रुप में पड़किया मिठाई का ही भोग लगाया जाता है. मिठाई गुजिया के समान ही दिखाई देती है, जिसे चीनी की चाशनी में डूबोकर बनाया जाता है.
थावे वाली माता को चढ़ाए जाने वाली सामग्री
- सोलह श्रृंगार की सामग्री
- साबूत नारियल
- चिवड़ा
- रुमाल
- पड़किया
मन्नत पूरी होने पर चढ़ाई जाती है कढ़ाई
थावे मंदिर पर पहुंचकर मन्नत मांगने वाली श्रद्धालुओं की जब मन्नत पूरी हो जाती है, तो माता का आभार मानने के लिए महिलाएं माता को कढ़ाई चढ़ाकर उनका आभार व्यक्त करती है. असल में कढ़ाई चढ़ाना एक प्रकार की रस्म है. जिसमें महिलाएं 9 या 16 जोड़ी पूड़ी माता के मंदिर परिसर में बनाकर उन्हें भोग लगाया जाता है.
इसे भी पढ़े :
- गोपालगंज थावे मंदिर की रोचक कहानी, रहषु ने बाघ के गले में सांप डालकर किया था दंउरी
- थावे वाली माई के रहसू भगत की कहानी, माता की अंगुली से जन्मे थे थावे के रहषु भगत
- थावे मंदिर का इतिहास । Thawe Mandir Bihar । थावे मंदिर गोपालगंज बिहार
- बिहार का हरिराम बाबा मैरवा धाम, जहां पर भूतों को मिलते हैं किराए के घर
- हरिराम बाबा मैरवा धाम की अनसुनी कहानी, बिनव्याही महिला के पुत्र थे श्री हरिराम
- रामकोला धर्मसमधा दुर्गा मंदिर की पूरी कहानी, जानें क्या है इतिहास
- हथुआ राज का इतिहास, अपशगुनी गिद्ध के कारण राजपरिवार को छाेड़ना पड़ा था महल