शरीर में भूत होने के लक्षण क्या होते हैं? Ghost In The Body
भूत के बारे में हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। कई लोग भूत प्रेत पर यकिन करते हैं, तो कई लोग इसे महज अंधविश्वास मानते है। भूत का नाम सुनते कई लोग सहम जाते है, लेकिन दुनिया में यदि भगवान हैं तो फिर भूत-प्रेत का अस्तिव भी मौजूद है। उक्त सभी बातें परिस्थितियों पर निर्भर करती है। भारत में आज भी कई ऐसे गांव मौजूद है, जहां पर प्रेत बाधा होने के कारण वह विरान पड़े है। भारत में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल है, जिसे स्वयं भारत सरकार द्वारा अदृश्य शक्तियों का कारण बताकर रात में जाने की मनाही का बोर्ड लगाया है। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि शरीर में भूत होने के लक्षण क्या होते हैं। यदि आपको इस सवाल का जवाब नहीं पता है और इस बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो आज इस पोस्ट के जरिए हम आपको भूत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले है।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि शरीर में भूत होने के लक्षण क्या होते हैं, और इस विषय से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारी हमारे द्वारा आपको इसी लेख में दी जाएगी।
शरीर में भूत होने के लक्षण क्या होते हैं?
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यदि हम बात करें कि, मानव शरीर में भूत होने के क्या क्या लक्षण होते हैं, तो सबसे पहले बता दें कि, प्रत्येक इंसानी शरीर की बनावट भिन्न-भिन्न होती है। ठीक इसी प्रकार यदि शरीर में किसी प्रकार के प्रेत का प्रकोप है तो उसके लक्षण होने की संभावना भी भिन्न-भिन्न हो सकती है:-
1. दोस्तों यदि आपको भी रात भर अत्यधिक प्रिय सपने आते हैं, या फिर भूतों से संबंधित आपको सपने प्रतिदिन परेशान करते हैं, तो वह सपने आपको डराकर आपके ऊपर प्रेत का साया हावी कर सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यदि आप सपने में अधिक डर गए तो आपको वह आत्म परेशान कर सकती है। कई मामलों में देखने में आया है कि, सपनों में आकर भूत आपसे दोस्ती करने का प्रयास भी करता है, तो ऐसे ही में आपके शरीर में भूत होने का संभावना हो सकती है।
2. यदि आपका शरीर काफी मजबूत हो जाता है, या फिर आपका भी शक्तिशाली शक्तियों को महसूस करने लगते हैं, तो ऐसे में यह आपके शरीर में भूत होने का एक प्रबल लक्षण है। सीधे शब्दों में समझा जाए तो कमजोर शरीर से बलशाली कार्य करना शरीर में भूत होने का संकेत देता है।
3. दोस्तों यदि आपके शरीर के किसी अंग पर आप पर काबू नहीं रहता है। या लाखा कोशिश के बाद भी आप शरीर के किसी अंग पर काबू नहीं कर पाते हैं तो, ऐसी परिस्थिति भी आपके शरीर में भूत होने का संकेत देती है।
4. यदि आप किसी भी समय बेवजह अधिक रोने लगते हैं या कि आपको काफी रोना आता है, या आप लगातार दुखी रहते हैं, तो ऐसे में भी आप के शरीर में भूत होने की संभावना का संकेत देती है।
5. यदि आपके मन में काफी प्रयासों के बाद भी बार-बार गलत प्रकार के विचार आते हैं, या फिर आपके मन में भूतों से संबंधित भिन्न-भिन्न प्रकार के विचार आते हैं, तो ऐसी परिस्थिति के अंतर्गत भी आपके शरीर में भूत होने की संभावना हो सकती है।
6. यदि आपको अलग-अलग परिस्थितियों में बेवजह ज्यादा गुस्सा आने लगता है तो आप काफी ज्यादा चिल्लाने लगते हैं तो ऐसी परिस्थिति में भी इस बात की काफी ज्यादा संभावना हो सकती है।
7. यदि आपकी रोचे अलग-अलग होने लगती है तथा लगातार बदलने लगती है तो ऐसी परिस्थिति में भी इसकी संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
तो दोस्तों इन भिन्न-भिन्न प्रकार के लक्षणों के अंतर्गत आपके शरीर में भूत होने की संभावना हो सकती है। इसके अलावा और भी कई अलग-अलग प्रकार के कारण हो सकते हैं।
यह जानकारी काफी गंभीर होती है, तथा यह लक्षण आपके शरीर के अंतर्गत अन्य कारणों से भी हो सकते हैं यानी कि आपको डर किसी भी कारण से लग सकता है, आपको सपने कई अन्य कारणों से भी आ सकते हैं, तो ऐसे में आपके शरीर में भूत है इसके बारे में कोई भी बता नहीं सकता है।
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भूत कौन सी चीज से डरते हैं?
भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियां नमक से डरती हैं। हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यता है कि, नमक आपके घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर कर सकारात्मकता का वातावरण बनाता है। इसलिए घर के हर कोने में साबूत नमक को किसी कागज या कपड़े में लपेट कर रख देने से भूत बाधा नहीं आती हैं।
भूत कौन से मंत्र से डरता हैं?
महावीर जब नाम सुनावे। श्री हनुमान चालीसा की इस पंक्ति का जाप करने से जातक पर प्रेत पिशाच व भटकती आत्माओं का साया दूर हो जाता है।
ऊपरी हवा का पता कैसे लगाए?
राहु, शनि और केतु ऊपरी हवाओं के कारक यानी कि कारण होते हैं। जब किसी मनुष्य के लग्न (शरीर), गुरु (ज्ञान), त्रिकोण (धार्मिकता) और द्विस्वभाव राशियों पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो तो ऊपरी वायु की संभावना बनती है। लक्षण नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति का शरीर कांपता रहता है। वह प्राय: ज्वर, मिर्गी आदि गंभीर रोगों से पीड़ित रहता है।
संकट में कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
संकटमोचन मंत्र : ॐ हं हनुमते नम:।