धर्म
Sawan Somvar Vrat Vidhi in Hindi | सावन सोमवार व्रत विधि, जानें
Sawan Somvar Vrat Vidhi in Hindi | सावन सोमवार व्रत विधि, जानें
साल 2023 में पवित्र माह सावन की शुरुआत 04 जुलाई 2023 मंगलवार से हो रही है, जिसके बाद 10 जुलाई 2023, सोमवार को सावन का पहला सोमवार होगा और 21 अगस्त सोमवार को सावन माह का समापन होगा और समाप्ति के बाद भाद्रपद्र माह की शुरुआत हो जाएगी.
खास बात यह है कि, सावन की शुरुआत मंगलवार से और सावन खत्म सोमवार को ही होगा, जिसमें कुल 6 सोमवार होंगे. पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवा 7 अगस्त और छठा 21 अगस्त होगा. इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे की सावन 2023 वाले सोमवार के व्रत में हमे क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए और इसकी व्रत विधि (Sawan 2023 Somvar Vrat Vidhi in Hindi) क्या है.
सावन सोमवार 2023 के व्रत के दिन की सावधानियाँ
हिंदू धर्म के कोई भी व्रत हो हमें सावधानी पूर्वक करना चाहिए और यदि हम बात करें शिव जी के सावन के व्रतों की तो नीचे दी गयी सावधानियाँ हमे जरूर बरतनी चाहिए-
- सावन सोमवार के व्रत वाले दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत नहीं भी रखता है तो उसे भी उस दिन अपने मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और अनैतिक कार्य करने से सदैव बचना चाहिए.
- इस सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए.
- सावन में भगवान शिव की पूजा में धतूरे व बेल पत्थर का बड़ा ही महत्त्व है, इसलिए इन दोनों को हमे अपनी पूजा में शामिल करना चाहिए.
- सावन के महीने में बैगन खाने से बचे कारण हिंदू शास्त्रों में बैगन को अशुद्ध बताया गया है.
- सावन में मास मदिरा का सेवन गलती से भी नहीं करे और इनसे दूर रहे.
- सावन हरियाली का मौसम हो और इस मौसम में पेड़ पौधों को काटने से बचाये और खुद भी ना काटे.
सावन सोमवार 2023 की व्रत विधि हिंदी में – Sawan Somvar 2023 Vrat Vidhi in Hindi
सावन सोमवार का व्रत शाम तक रखा जाता है और व्रत के दिन तीसरा प्रहार खत्म होने के बाद ही भोजन करें. सावन सोमवार 2023 के व्रत में नीचे दी विधि (Sawan Somvar 2023 Vrat Vidhi in Hindi) के अनुसार व्रत को पूर्ण करें.
- व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठे और नित्य क्रम करने के बाद व्रत का संकल्प लें.
- यदि हो सके तो शिव मंदिर जरूर जाएं और वहाँ जाकर शिव का विधि विधान के साथ पूजन करे अन्यथा घर पर ही शिव जी की पूजा करें.
- शिव जी की पूजा में गंगाजल, बेलपत्थर, सुपारी पुष्प, धतूरा इत्यादि का प्रयोग करे और भोलेनाथ की कथा भी पढ़े.
- शिव जी पे जल या दूध चढ़ाने के साथ साथ नंदी और पार्वती जी को भी दूध या गंगाजल चढ़ाये.
- प्रसाद के रूप में अपनी इच्छा अनुसार या फिर घी शक्कर का भोग लगाए.
- धुप दीप से गणेश जी की आरती करें.
- अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसादी का वितरण करें.
इसे भी पढ़े :