Madhya PradeshNagdaNewsUjjain

20 सालों से गढ़ रहे पीली मिट्‌टी की माता प्रतिमाएं, ताकि शुद्ध रहे चंबल

20 सालों से गढ़ रहे पीली मिट्‌टी की माता प्रतिमाएं, ताकि शुद्ध रहे चंबल | Mother Statues Of Yellow Clay Which Have Been Fabricated for 22 years

Nagda News. चंबल के पानी को शुद्ध रखने के लिए 20 सालों से एक मूर्तिकार प्रयासरत हैं। कलाकार 20 सालों से पीली मिट्‌टी की माता प्रतिमाओं का निर्माण कर चंबल को सहेजने में अपना योगदान दे रहा है। हम बात कर रहे हैं, नरेंद्र डोहरिया कि, जो बीते 20 सालों से पीली मिट्‌टी और चावल के घास का उपयोग कर ईको फ्रेंडली माता प्रतिमा बना रहे हैं।

डोहरिया की मंशा देखकर उनके दोस्त भागीरथ सिसौदिया भी साथ दे रहे हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में नवरात्रि कुछ फीकी रहने वाली है। कारण प्रशासन द्वारा गरबा आयोजन पर रोक लगाना हैं। डोहरिया को मलाल इस बात का है कि, राज्य शासन ने प्रतिमाओं के आकार को महज 5 फीट निर्धारित कर दिया हैं।

mother-statues-of-yellow-clay-which-have-been-fabricated-for-20-years-so-that-chambal-remains-pure
मूर्ति बनाते डोहरिया-फोटो : कमलेश वर्मा

बीसीआई बंद होने के बाद से दोस्त के ही साथ

सवा लाख की आबादी वाले शहर में नरेंद्र डोहरिया ही ऐसे मूर्तिकार हैं, जो मिट्‌टी की प्रतिमाएं हाथों से तैयार करते हैं। प्रतिमा बनाने में डोहरिया की मदद करने वाले भागीरथ बताते हैं कि साल 2000 में भारत कामर्स उद्योग (बीसीआई) बंद हो गई थी। जिसके बाद से वह डोहरिया के साथ बतौर सहयोगी मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं।

10 दिनों में पानी में घुल जाती है मिट्‌टी

मूर्तिकार नरेंद्र बताते हैं कि पीओपी से बनी मूर्तियां पानी में आसानी से नहीं घुलती। जबकि पीली मिट्टी से बनी मूर्ति 10 दिनों के भीतर ही पानी में घुल जाती है। वहीं मिट्‌टी में मौजूद जिंक, आयरन, कापर, मैग्नीज, बोरान, मालीबेडनम, क्लोरीन पानी को शुद्ध करने में अहम भूमिका निभाता हैं। मूर्तिकार बताते है कि साल 2019 में 150-175 मूर्तियों के आर्डर मिलते थे। कोरोना के चलते इस बार केवल 25 मूर्तियों के ही आर्डर मिले हैं। आयोजक बड़ी मुश्किल से 3 से 5 हजार रुपए चुकाकर मूर्तियां खरीदेंगे।

हल्दी से तैयार किया जाता है रंग

ईको फ्रेंडली मूतिर्यों के रंग रोगन में हल्दी से तैयार रंगों का उपयोग किया जाता है। डोहरिया ने बताया कि बाजार से विभिन्न प्रकार के रंगों को खरीदकर उसमें हल्दी पॉउडर मिलाया जाता है। जिससे रंग मिट्‌टी पर ठीक प्रकार से चढ़ सके। प्रतिमा को सूती कपड़ों के वस्त्र और कॉटन के धागों से बने आभूषण पहनाएं जाते हैं।

Madhya Pradesh 100+हैरान कर देने वाले रोचक तथ्यMadhya Pradesh 1000+अनसुनें रोचक तथ्य हिंदी में पढ़े यहां !
Madhya Pradesh नेट बैंकिंग के लिए आवेदन पत्रMadhya Pradesh100+मसालों के नाम चित्र सहित?
Madhya Pradeshजानवरों के नाम | List of AnimalsMadhya Pradesh(EMI) कम करने के लिए आवेदन पत्र
ATM कार्ड के लिए आवेदन पत्रMadhya Pradesh टीसी निकालने के लिए आवेदन पत्र
Madhya Pradeshपैर में काला धागा बांधने से क्या होता हैं.Madhya Pradesh बिजली की शिकायत हेतु आवेदन पत्र
Madhya Pradesh प्रधानमंत्री जी को पत्र कैसे लिखें Madhya Pradeshपत्र लेखन, उदाहरण और प्रकार
Madhya Pradeshप्रतिवेदन किसे कहते हैं? Madhya Pradesh आवेदन पत्र क्या होते हैं उदाहरण सहित

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

Back to top button
DMCA.com Protection Status