Nagda News :अहमदाबाद बम ब्लास्ट में फांसी की सजा पाने वाले दो आरोपी के तार नागदा से जुड़े थे । Nagda News : The strings of the two accused who were hanged in the Ahmedabad bomb blast were related to Nagda?
Nagda News । अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाने वाले 38 आरोपियों में से दो आरोपियों के तार नागदा से जुडे हुए है। दो आरोपी सफदर नागोरी व आमील परवेज नागदा के समीप महिदपुर व उन्हेल के निवासी है। दोनों आरोपी जब सिमी की गतिविधियां संचालित करते थे।
तो उस समय दोनो का नागदा आना जाना लगा रहता था। यहां तक की इन लोगों द्वारा नागदा तहसील के जंगलो में भी कई बार सिमी की ट्रेनिंग मुस्लिम समाज के युवाओं को दिलाई गई है। यह दोनों आरोपी जब सिमी के पदाधिकारी थे उस समय उन्होने नागदा के कुछ युवाओं को सिमी से जोड़ लिया था।
सफदर सिमी का राष्ट्रीय अध्यक्ष व आमिल परवेज राष्ट्रीय सचिव था। आमिल परवेज पर तो नागदा थाने में एक प्रकरण भी दर्ज हुआ था। यह मामला 26 नवम्बर 2005 गुजरात में एनकांउटर में मारे गए सोराबउद्दीन से जुडा हुआ है। जब सोराबउद्दीन के शव को गुजरात से नागदा लाया गया था उस समय कुछ लोगों द्वारा शहर में नारेबाजी की गई थी।
इस मामले में आमिल व कुछ लोगों पर प्रकरण दर्ज हुआ था हांलाकि बाद में लगभग 12 वर्ष बाद न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था लेकिन लगभग 10 वर्ष तक आमिल को गुजरात पुलिस नागदा कोर्ट में पेशी पर लेकर आती थी। उस समय भी पुलिस द्वारा काफी सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती थी।
नागदा भी संवेदनशील श्रेणी में शामिल
मालवा क्षेत्र को सिमी का गढ कहा जाता है क्योंकि मालवा के कई जिले व तहसील जैसे उज्जैन, महिदपुर, रतलाम, उन्हेल व नागदा में कई बार सिमी संबंधित गतिविधियां हो चुकी है। ऐसे कुछ मामले जो उजागर हुए थे जबकि कई मामले ऐसे है जो कभी उजागर नहीं हो पाए।
कई वर्ष पूर्व गुजरात पुलिस ने नागदा के दो युवकों को सुरत से गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि शहजाद नागोरी निवासी पुराने बस स्टैण्ड व जाकीर निवासी ट्रांसपोर्ट नगर ने सूरत में एक बैठक में शामिल थे। इस बैठक में 100 से अधिक लोग थे।
उस बैठक के दौरान पुलिस ने कुछ ऐसे दस्तावेज भी जब्त किए थे जो प्रतिबंधित थे। नागदा के इन दोनों युवक लगभग 1 वर्ष तक गुजरात जेल में बंद रहे थे। इसी प्रकार एक अन्य मामला 2011 का है। सिमी के राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं द्वारा विश्व हिंदु परिषद् के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला भी किया जा चुका है।
27 मई 2011 को सिमी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंबई निवासी अबु फैजल व सराफत ने अपने एक साथियों के साथ मिलकर विहिप के तत्कालीन जिला मंत्री भेरूलाल टाक पर सुबह 8 बजे हमला किया था। सिमी कायकर्ताओं ने विहिप के टाक पर 4 गोलियां दागी थी।
लगभग 15 दिन तक विहिप पदाधिकारी का उपचार इंदौर के गोकुलदास में चला था ओर वह स्वस्थ्य होकर घर लौटे थे। इधर 18 जून 2011 को सिमी के कार्यकर्ता सराफत ने उसके अन्य साथियों के साथ मिलकर रतलाम के स्टेशन रोड पर एटीएस के एक आरक्षक पर हमला कर उसे जान से मार दिया था। इस हमले के बाद सराफत व अन्य सिमी कार्यकर्ता पुलिस गिरफ्त में आ गए थे।
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