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क्यों छिड़का जाता है भोजन शुरू करने से पहले थाली के चारों ओर जल?

क्यों छिड़का जाता है भोजन शुरू करने से पहले थाली के चारों ओर जल | Khana Khane Se Pehle Paani Kyu Chhidka Jata Hai 

दुनिया में सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म हैं। इसमें मौजूद कई ऐसी परम्पराएँ है जिनके पीछे गहरे वैज्ञानिक कारण और धार्मिक रहस्य छिपे होते हैं, बावजूद कई लोगों को इनके पीछे छिपे कारणाें के बारे में लोगों को अल्प ज्ञान होता है। जैसा की आपने कई बार लोगों को खास कर बड़े बुजुर्गों को खाना खाने से पहले थाली के आस पास जल छिड़कते हुए देखा होगा, सनातन संस्कृति में यह भी एक परम्परा है जो सदियों पुरानी है पर समय के साथ लोग पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं जिस कारण अपनी परम्पराओं को करीब-करीब भूल रहे हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं हैं, दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे कि भोजन शुरू करने से पहले थाली के चारों ओर जल क्यों छिड़का जाता है?

क्यों छिड़का जाता है भोजन शुरू करने से पहले थाली के चारों ओर जल | Khana Khane Se Pehle Paani Kyu Chhidka Jata Hai

एक पुरानी परंपरा है

भोजन करने के पूर्व हर किसी को पानी छिड़कना चाहिए इस परंपरा के बारे में जानकर इसे आगे बढ़ाना चाहिए। इस परम्परा को उत्तर भारत और पूर्वांचल में भी काफी माना जाता है, वहा इसे चित्र आहुति कहा जाता है तथा तमिलनाडु में इस परंपरा को परिसेशनम कहा जाता है।

अन्न देवता के प्रति सम्मान को दर्शाना

सनातन संस्कृति में हर किसी का सम्मान किया गया है तथा हम पेड़ पौंधो से लेकर नदी, सूर्य आदि की पूजा करते आये हैं उसी प्रकार हिन्दू धर्म में खाना खाने से पहले अन्न देवता का सम्मान भी जल चड़ा कर किया जाता है ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और अन्न का सम्मान करने वाले के घर में कभी भी अन्न धन की कमी नहीं होती है।

 

 

अन्न देवता के प्रति सम्मान को दर्शाना

हिन्दू धर्म में हर प्राचीन समय से चली आ रही परम्परा के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण जरुर होता है। ठीक उसी प्रकार का  खाना खाने से पहले जल छिड़कने का वैज्ञानिक कारण यह है कि पहले लोग जमीन पर बैठ कर खाना खाया करते थे। जिसके कारण  उस खाने की खुशबू के कारण कीड़े मकोड़े उस खाने के करीब आ जाते थे पर यदि आप पानी छिड़कने के बाद खाना खाते हैं तो वो कीड़े मकोड़े उस भोजन में प्रवेश करने में असमर्थ रहते हैं एवं थाली के आसपास की धूल-मिट्टी भी बैठ जाती थी जो उड़ कर खाने पर नहीं लगती है।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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