करीब 20 से 25 फीट ऊंचे इस वृक्ष में फली गुच्छ के रूप में लगती है फली का आकार मटर की फली की तरह होता है. शरद ऋतु में वृक्ष फली से लद जाता है. सिंदूर का पौधा पहाड़ी क्षेत्रों में भारत के अलावा चीन, वर्मा, सिंगापुर, मलाया, लंका, अफ्रीका आदि देशों में अधिक पाया जाता है. सिंदूर के एक पेड़ से हरसाल 8 से दस किलो से अधिक सिंदूर निकाला जाता है.
बाजारू सिंदूर से बढ़ रही बीमारियां
यूं तो बाजार में विभिन्न प्रकार के सिंदूरों का विक्रय होता है, लेकिन बहुतायत में बिक्री होने के कारण लोकल कंपनियां ब्रांड सिंदूर में कई प्रकार के केमिकल मिलाकर बेच देते हैं जिससे महिलाओं में त्वचा रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. बाजार में बिकने वाला सिंदूर रसायनों से बना होता है.
इसमें लेड की रासायनिक मिलावट होने के कारण सिंदूर लगाने वाली महिलाओं को सिरदर्द और सांस की बीमारियां पनपती है. मालूम हो कि, प्राकृतिक रूप से तैयार होने वाला सिंदूर त्वचा या सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता. बाजार में इसकी कीमत अधिक है इसलिए कम खर्च वाले तरीके से उत्पादन कर कमर्शियल उपयोग में लाने की योजना बनाई गई है.