नागदा। ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन नागदा ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के एक निर्णय में दोषी पाए जाने के बाद अर्थदंड की राशि एक लाख रुपये जमा कर दिया है। ग्रेसिम प्रबंधक के खिलाफ गांव जलवाल में तालाब निर्माण के दौरान करोड़ों की बेशकीमती शासकीय भूमि पर अतिक्रमण प्रमाणित हुआ था।
खाचरौद तहसीलदार की अदालत ने गत दिनों एक लाख का जुर्माना किया था। साथ ही तालाब को अधिग्रहित करने का भी आदेश दिया था। निर्णय में अर्थदंड की राशि वसूली के लिए मांगपत्र जारी करने का आदेश भी हुआ था। न्यायालय ने यह कार्यवाही आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक चौरसिया निवासी शिवपूरा कॉलोनी नागदा की शिकायत पर की थी। नायब तहसीलदार शिवकांत पांडे ने पुष्टि की कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के मामले में ग्रेसिम प्रबंधक ने एक लाख की जुर्माना राशि जमा कर दी है।
तालाब से पानी के प्रतिबंध का फसा पेंच
अब इस प्रकरण में नया मोड़ आया है। तालाब के पानी के उपयोग को लेकर कानूनी पेंच फ़स गया। तालाब में समाहित करोड़ों लीटर पानी के स्वामित्व को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। प्रशासन अब ग्रेसिम को पानी लेने से पाबंदी लगाने का मन मना रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट अभिषेक चौरसिया ने मामले में खाचरौद प्रशासन के समक्ष एक शिकायत पंजीकृत कराई है।
शिकायत में बताया गया कि तहसीलदार ने अपने निर्णय में तालाब को अधिग्रहित कर लिया है, ऐसी स्थिति में अब ग्रेसिम उद्योग नागदा को जलवाल तालाब से पानी लेने से रोक लगाई जाए। तालाब अब शासकीय हो चुका है। ऐसी स्थिति में तालाब के पानी का उपयोग पास के शहर खाचरौद में उपलब्ध कराया जाए। इस शहर में पानी का संकट बना रहता है। गौरतलब है कि, ग्रेसिम उद्योग नागदा इस तालाब के पानी का उपयोग अपने कारोबार व पेयजल के लिए करता लगभग 10 वर्षो से करता आ रहा है।
क्या बोले अधिकारी
खाचरौद नायब तहसीलदार शिवकांत पांडे का कहना हैकि तालाब से ग्रेसिम उद्याेग नागदा को पानी लेने के लिए प्रतिबंध लगाने के लिए अभिषेक चौरसिया की शिकायत प्राप्त हुई है। ग्रेसिम उद्योग नागदा प्रति वर्ष अप्रैल माह में तालाब के पानी का उपयोग करता है। फिर भी तालाब के पानी का उपयोग ग्रेसिम नहीं करे, इस मामले में कोई कदम उठाया जाएगा।
राजस्वमंत्री से शिकायत के बाद कार्यवाही
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अभिषेक चौरसिया की एक लंबी लड़ाई के बाद ग्रेसिम उद्योग नागदा के द्वारा करोड़ों की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मामला उजागर हुआ था। अभिषेक ने सबसे पहले आरटीआई में तालाब से संबधित दस्तावेजों को जुटाया फिर प्रदेश के राजस्व मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई। मामला तत्कालीन मंत्री राजस्व मंत्री गोविंदसिंह राजपूत के समक्ष शिकायत से शुरू हुआ। शिकायत पर राजस्व मंत्री ने उज्जैन कलेक्टर को उचित कार्यवाही का निर्देश दिया था।
कलेक्टर ने मांगा था प्रतिवेदन
मंत्री के निर्देश के बाद उज्जैन कलेक्टर ने 14 जुलाई 2020 खाचरौद एसडीओ राजस्व को पत्र भेजकर इस मामले की जांच का प्रतिवेदन मांगा। एसडीओ ने जांच के बाद यह पाया कि करोड़ों की भूमि पर ग्रेसिम ने तालाब निर्माण में कब्जा कर लिया। एसडीओ ने एक प्रतिवेदन अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के नाम पत्र 13 अगस्त 2020 को प्रतिवेदन प्रेषित किया।
कुल 7.900 हैक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण
एसडीओ राजस्व के प्रमाणित हमारे संवाददाता के पास सुरक्षित दस्तावेज के अनुसार ग्रेसिम ने कुल 7.900 हैक्टेयर पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। एसडीओ खाचरौद के प्रतिवेदन का विस्तृत विवरण इस प्रकार है- सर्वे क्रमांक 156 में 1.65 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 158 रकबा 2.28 हैक्टेयर, सर्वे क्रमांक 406/ 539 रकबा 1.12 शासकीय नाला, सर्व क्रमांक 159 रकबा 0.84 उमरावसिंह, विक्रमसिंह बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय, सर्वे नंबर 160 रकबा 0.55 उमरावसिंह, विक्रमसिंह बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय सर्वे नंबर 161 रकबा 0.84 उमरावसिंह, व्रिकमसिंह, बालेश्वर कालम नंबर 12 में अहस्तारणीय सर्वे नंबर 420 रकबा 0.60 हैक्टेयर शासकीय नाला तथा सर्व नंबर 422 रकबा 0.02 हैक्टेयर शासकीय गैरमुमकिन भूमि को ग्रेसिम ने अपने आधिपत्य में लिया है।