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गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है – 26 जनवरी का इतिहास

26 जनवरी गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? भारत वर्ष में उत्साह पूर्वक मनाएं जाने वाले मुख्य दिवसों में गणतंत्र दिवस राष्ट्रहित का प्रमुख पर्व है. इसके पीछे का कारण यह है कि, इस दिन भारत देश एक गणतंत्र राष्ट्र बनकर पूरी दुनिया के समक्ष उभरा था. गणतंत्र दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. चूंकि यह एक राष्ट्र दिवस है इसलिए इस दिन को मनाने की तैयारियां 15 दिन पूर्व ही शुरू कर दी जाती है.

ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें यह नहीं पता कि, गणतंत्र दिवस क्या है? यदि आपकों इस बारे में तनिक भी ज्ञान नहीं है, तो चिंता की बात नहीं है. आप बिल्कुल सही ब्लॉग पर आए है. यदि आपके मन में सवाल उठ रहा है कि, गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? गणतंत्र दिवस का महत्व क्या है? आखिर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?  इन सभी जिज्ञासा से भरे प्रश्नों का जवाब हम लेख के जरिए देने वाले है. तो फिर बिना किसी प्रकार की देरी किए चलिए शुरू करते हैं.

गणतंत्र दिवस क्या है – What is Republic Day 2023 in Hindi

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है, यह प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. गणतंत्र दिवस अंग्रेजी भाषा में Republic day भी कहा जाता है.

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गणतंत्र दिवस क्या है – What is Republic Day

गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना के जवान परेड पर निकलते हैं और सुंदर और सुसज्जित झांकी के साथ आर्मी में मौजूदा हथियारों का आमजनों के समक्ष प्रदर्शन करते है. परेड में भारत की संस्कृति और प्रत्येक राज्यों के संस्कारों की विरासत को दर्शाया जाता है. दिल्ली के लाल किला पर आयोजित होने वाले इस परेड का मुख्य आकर्षण सैन्य परेड, सैन्य उपकरणों के प्रदर्शन और राष्ट्रीय ध्वज होता है.

यह सभी इस तिथि के लिए महत्वपूर्ण प्रतीक होते हैं. भारत का राष्ट्रीय ध्वज शीर्ष पर गहरे केसरिया रंग का एक क्षैतिज तिरंगा होता है, जो बीच में सफेद और बराबर अनुपात में होता है जिसका निचला हिस्सा गहरे हरे रंग का होता है.

गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को प्रतिवर्ष मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है?

26 जनवरी की तिथि भारत देश के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण दिवस है. इस दिवस का महत्व इतना ज्यादा है की हर साल 26 जनवरी को हमारा देश स्वतंत्र भारत गणराज्य की स्थापना को न्याय और समानता और विचारधारा के सिद्धांतों के आधार पर मनाया जाता है.

क्यों गणतंत्र दिवस 2023 मनाया जाता है?

भारतीय गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी को ही इसलिय मनाया जाता हैं, क्योंकि भले ही 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजी की गुलामी से आजादी मिली, लेकिन संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. भीम राव अंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान का प्रारूप 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया. यही प्रमुख कारण हैं की, हर साल, 26 जनवरी को ही हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं.

26 जनवरी का इतिहास हिंदी में

इतिहास के पन्ने को पलट कर देखा जाए तो, 26 जनवरी का पौराणिक इतिहास देखें, तो यह 26 जनवरी थी, जिस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता और स्वतंत्रता की घोषणा की. विदेशी संप्रभुता के उन्मूलन के बाद, 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्रता भारत ने “संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य” नाम अपनाया. यह वायसराय के नाम पर एक स्टेडियम में मनाया गया और फिर देश का पहला राष्ट्रपति बनाए गए.

मुक्ति आंदोलन के बाद एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत की स्थापना के बारे में घटनाओं की श्रृंखला भी बेहद ही दिलचस्प है. 10 बजकर 18 मिनट पर, गवर्नमेंट हाउस की रोशनी से सजी गुंबददार कोर्ट-हॉल में, भारत को एक संप्रभु गणराज्य घोषित किया गया. लगभग छह मिनट बाद, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.

इस अवसर पर, लगभग 10.30 बजे, 31 बंदूकें खोली गईं और गणतंत्र दिवस घोषित किया गया. गवर्नर-जनरल सी. राजगोपाल, जो शपथग्रहण समारोह में सेवानिवृत्त हो रहे थे, ने भारत गणराज्य के घोषणा पत्र को आम नागरिकों के समक्ष पढ़ा.

तब राष्ट्रपति ने अपना संक्षिप्त भाषण पहले हिंदी और फिर अंग्रेजी में दिया. देश के इतिहास में पहली बार, देश की भूमि पूरे उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में केप कोमोरिन तक, पश्चिम में काठियावाड़ से लेकर पश्चिम में कोकणडा और पूर्व में कामरूप तक देखी गई है और एक संविधान और एक संघ बन गई है.

जो उस समय देश की पूरी आबादी के लगभग 32 मिलियन लोगों के कल्याण के लिए जिम्मेदार था. दोपहर करीब 2.30 बजे, राष्ट्रपति सरकारी घर (अब राष्ट्रपति भवन) में 35 वर्षीय सजावट से सजे एक विशेष घर में आए.

छह ऑस्ट्रेलियाई कैब को खींच रहे थे और राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड उसे एस्कॉर्ट कर रहे थे. इस अवसर पर इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम) जय-जयकार के नारों से गूंजता रहा और लोग जयकार कर रहे थे और राष्ट्रपति-चुनाव डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भीड़ के जयकारे का जवाब दे रहे थे.

ठीक 3.45 बजे, वे इरविन स्टेडियम पहुंचे, जहां 3,000 अधिकारी और दो भारतीय सेना के सिपाही और पुलिसकर्मी औपचारिक प्रवास के लिए तैयार थे. सात जन-पुलिस और ओजी बलों ने उस समय एक शानदार दृश्य प्रस्तुत किया.

गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?

परेड शुरू होने के पूर्व प्रधानमंत्री ‘अमर जवान ज्योति‘ पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं. राष्ट्रपति 14 घोड़ों की कैब में अपने अंगरक्षकों के साथ इंडिया गेट पर पहुंचते हैं, जहां प्रधानमंत्री द्वारा उनका अभिवादन किया जाता है.

राष्ट्रीय गान के साथ तिरंगा फहराया जाता है. जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर हवाई जहाज की मदद से फूल बरसाए जाते है. आकाश में त्रिकोणीय गुब्बारे और सफेद कबूतर रहते हैं. बैंड की धुन पर जल, फल और हवाई मार्च पुलिसकर्मी अपने हथियारों, मिसाइलों, हवाई जहाजों आदि को प्रदर्शित करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं.

इस अलौकिक दृश्य को देखकर प्रत्येक देशवासी के दिल में देशभक्ति और उत्साह बढ़ता है. छात्र एन.सी.सी. अमेरिका की वर्दी में कदम से कदम मिलाकर चलने के बाद, वे हमें विश्वास दिलाते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा लाइन अपने कर्तव्य से अच्छी तरह वाकिफ है. सैन्य और स्कूल बैंड देशभक्ति और देशभक्ति की भावना से गूंजते हैं.

विभिन्न राज्यों की झांकी में उनके सांस्कृतिक जीवन, खान-पान, रीति-रिवाजों, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में बदलाव को दर्शाया गया है. राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और अन्य सरकारी कार्यालयों में प्रकाश व्यवस्था की जाती है.

हर साल, गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न देशों के नेता विशेष रूप से उपस्थित होते हैं, जिसमें 1950 में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो, 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद, 1962 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ, 1962 की एलिजाबेथ एलियाबाकी और 1962 में एलिजाबेथ शामिल हैं.

मंत्री राणा अब्दुल हमीद, 1995 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, 2017 में अबू धाबी नेशनल प्रतिनिधि शेख मोहम्मद बिन ज़ियाद अल निहान गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे.

इस बार, दुनिया भर के 10 एशियाई देशों के नेताओं में कंबोडियाई प्रधानमंत्री हंट्समैन, म्यांमार के राष्ट्रपति हतिन क्याया, सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा जैकब, मलेशियाई प्रधान मंत्री नजीब रजाक और अन्य शामिल हैं. हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने पर गर्व है.

गणतंत्र दिवस समारोह

हम हर साल 26 जनवरी को देशभक्तों को श्रद्धांजलि देते हुए भारत के हर कोने में बड़े उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं. यह भारत की राजधानी, दिल्ली सहित हर राज्य और विदेशों में भारतीय दूतावासों में उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है.

26 जनवरी का मुख्य कार्यक्रम भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न राज्य भाग लेते हैं और देखने आते हैं. परेड विजय चौक पर शुरू होती है और राजपथ और दिल्ली के कई इलाकों से गुजरते हुए लाल किले पर समाप्त होती है.

क्या सही माईने में भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र कहा जा सकता है?

हालांकि हमारा देश दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन हमारे देश में कई भ्रष्ट राजनेताओं और नौकरशाहों ने देश को भ्रष्टाचार और उन घोटालों के लिए जिम्मेदार ठहराया है जिन्होंने हमारे देश को दयनीय बना दिया है.

संविधान के लागू होने के बाद बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, जाति जैसी समस्याओं को समाप्त किया जाना चाहिए था, लेकिन ये समस्याएं कई गुना बढ़ गई हैं और देश के लिए एक चुनौती बन गई हैं. हमारा समाज बदल रहा है. मीडिया जागरूक हो रहा है, लोग जागरूक हो रहे हैं, युवा विकसित हो रहे हैं, शिक्षा बढ़ रही है.

इस सब के साथ, देश का राजनीतिक विकास अब हो रहा है. लंबे समय तक भ्रष्टाचार और अपराध और शासन और प्रशासन में अक्षमता अब संभव नहीं होगी. केवल 26 जनवरी को बैंड बजाना और परेड खेलना देश के लोगों को खुश नहीं करेगा.

देश तभी अच्छा लोकतंत्र बन सकता है, जब देश से गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, जाति और कई अन्य सामाजिक बुराइयों को मिटाया जाए ताकि लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बहाल हो सके और हमारा गणतंत्र दिवस लोकतांत्रिक हो. और देश वास्तव में विकसित राष्ट्रों की संख्या में शामिल हो सकता है.

गणतंत्र दिवस पर झंडा कौन फहराता है?

गणतंत्र दिवस पर झंडा भारत के राष्ट्रपति फहराते हैं। वहीं इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है।

गणतंत्र दिवस कब लागू हुआ?

भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ था।

राज्यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज कौन फहराता है?

राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौक़े पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं.

आज आपने क्या सीखा

दोस्तों हमें पूरा विश्वास है कि, आपकों हमारा यह लेख गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है जरुर पसंद आई होगी. हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि, readers को गणतंत्र दिवस के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी अन्य sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करें. आपके  प्रश्नों का उत्तर देने में हमें खुशी होगी.

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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