महत्वपूर्ण जानकारी
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- सोमवती अमावस्या 2022
- सोमवार, 30 मई 2022
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 29 मई 2022 दोपहर 02:55 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 30 मई 2022 शाम 05:00 बजे
चंद्रमा के घटते-बढ़ते आकार के कारण प्रत्येक माह पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पड़ती हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की आखिरी तारीख को अमावस्या तिथि पड़ती है. इस बार सोमवती अमावस्या 30 मई 2022 को पड़ रही है. अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने से इसका महत्व बेहद अधिक बढ़ जाता है. सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या 2022 (somvati amavasya 2022) कहा जाता है. चलिए पोस्ट के जरिए जानते हैं कब है सोमवती अमावस्या 2022, जानें इस दिन क्या करें । somvati amavasya 2022 mein kab hai.
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिनें महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना कर उपवास रखती हैं. अमावस्या के दिन कुछ कार्यों को करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है. इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त भी प्राप्त होता है. तो चलिए लेख के जरिए जानते हैं शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या करें और क्या न करें.
सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त :
- सोमवती अमावस्या 2022
- सोमवार, 30 मई 2022
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 29 मई 2022 दोपहर 02:55 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 30 मई 2022 शाम 05:00 बजे
सोमवती अमावस्या पर क्या करें :
- अमावस्या के दिन यदि कारणवश नदी पर स्नान करने नहीं जा सकते हो तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान अवश्य करें.
- अमावस्या तिथि पर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य जरूर दें.
- पितरों के निमित्त भी जल अर्पित करना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद सदा बना रहता है.
- सोमवती अमावस्या पर शिव जी की आराधना भी शुभ फलदायक रहती है.
- इस दिन ऊं का उच्चारण करना चाहिए।
- अमावस्या पर तुलसी का पूजन का भी बहुत महत्व माना जाता है.
- तुलसी पूजन करके 108 परिक्रमा करनी चाहिए. इससे सौभाग्य प्राप्त होता है.
- किसी जरुरतमंद को अनाज, खाने की चीज़ें या फिर वस्त्र दान अवश्य करना चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
इस दिन भूलकर भी न करें ये काम :
- अमावस्या के दिन श्मशान घाट या किसी सूनसान जगहों पर जाने से बचना चाहिए. इसका सीधा कारण यह है कि, इस दिन नकारात्क शक्तियां जागृत होती हैं.
- अमावस्या के दिन सुबह प्रात काल जल्दी उठना चाहिए. देर तक सोना वर्जित माना गया है.
- इस दिन तामसिक भोजन और नशीली चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए.
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है.
- अमावस्या के दिन पीपल की पूजा का विधान माना जाता है. पूजा करनी लेकिन उसे स्पर्श नहीं करना चाहिए.
सोमवती अमावस्या का महत्व :
अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्त्व माना गया है, इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए. इससे पुण्यफल मिलता है. यदि नदी पर जाकर स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देने से से रोगों का नाश होता है और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और 108 प्रदक्षिणा (परिक्रमा) करनी चाहिए.
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