Newsधर्म

नीम करोली बाबा की आरती | नीम करोली बाबा चालीसा | Neem karoli baba aarti lyrics

नीम करोली बाबा की आरती | नीम करोली बाबा चालीसा | Neem karoli baba aarti lyrics |  नीम करोली बाबा के मंत्र

साल 1960 में दिनांक 15 जून को बाबा नीम करौली जी ने विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम की नींव रखी थी. इसी क्रम में प्रतिवर्ष 15 जून को भवाली नैनिताल स्थित बाबा के धाम कैंची धाम का स्थापना दिवस श्रद्धालुओं द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालुओं के लिए मेला लगता है. बाबा नीम करोली के भक्त विदेश से मेले में शामिल होने पहुंचते है.

बाबा के सभी भक्त अपने घर से उनकों याद करें और उनका का गुणगान करें. कैंची धाम में आरती के लिए हनुमान चालीसा ,हनुमान अष्टक, बजरंग बाण और गुरु वंदना का पाठ किया जाता है. इसी के साथ बाबा नीम करोली जी की आरती विनय चालीसा का पाठ भी किया जाता है. बता दें कि, बाबा नीम करोली का गुणगान हेतु, श्री प्रभु दयाल शर्मा जी ने विनय चालीसा की रचना की. तो आइए पोस्ट के जरिए गुणगान करते हैं बाबा नीम करोली जी की आरती का.

neem-karoli-baba-arti
Neem karoli baba aarti lyrics

नीम करोली बाबा की आरती / “विनय चालीसा”

दोहा –

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।

करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।

चौपाई –

जय जय नीम करोली बाबा , कृपा करहु आवे सदभावा।।

कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।नाम ग्राम कछु मैं नही जानू।।

जापे कृपा दृष्टि तुम करहु। रोग शोक दुख दारिद हरहु।।

तुम्हरे रुप लोग नही जाने। जापे कृपा करहु सोई भाने।।

करि दे अरपन सब तन मन धन | पावे सुख आलौकिक सोई जन।।

दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।।

जै जै संत भक्त सुखदायक। रिद्धि सिद्धि सब संपत्ति दायक।।

तुम ही विष्णु राम श्रीकृष्ण। विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा।।

जै जै जै जै श्री भगवंता। तुम हो साक्षात भगवंता।।

कही विभीषण ने जो वानी। परम सत्य करि अब मैं मानी।।

बिनु हरि कृपा मिलहिं नही संता। सो करि कृपा करहिं दुःख अंता।।

सोई भरोस मेरे उर आयो । जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो।।

जो सुमिरै तुमको उर माही । ताकी विपत्ति नष्ट ह्वे जाई।।

जय जय जय गुरुदेव हमारे। सबहि भाँति हम भये तिहारे।।

हम पर कृपा शीघ्र अब करहु। परम शांति दे दुख सब हरहु।।

रोक शोक दुःख सब मिट जावे। जपे राम रामहि को ध्यावे।।

जा विधि होइ परम कल्याना । सोई विधि आपु देहु वारदाना।।

सबहि भाँति हरि ही को पूजे। राग द्वेष द्वन्दन सो जूझे।।

करें सदा संतन कि सेवा। तुम सब विधी सब लायक देवा।।

सब कुछ दे हमको निस्तारो । भवसागर से पार उतारो।।

मैं प्रभु शरण तिहारी आयो। सब पुण्यन को फल है पायो।।

जय जय जय गुरु देव तुम्हारी। बार बार जाऊ बलिहारी।।

सर्वत्र सदा घर घर की जानो । रखो सुखों ही नित खानों।।

भेष वस्त्र हैं, सदा ऐसे। जाने नहीं कोई साधु जैसे।।

ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी । वाणी कहो रहस्यमय भारी।।

नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वे जाए। जब स्वामी चेटक दिखलावे।।

सब ही धरमन के अनुनायी। तुम्हे मनावे शीश झुकाई ।।

नही कोउ स्वारथ नही कोई इच्छा। वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा।।

केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊ। जासो कृपा प्रसाद तव पाऊं।।

साधु सुजन के तुम रखवारे। भक्तन के हो सदा सहारे।।

दुष्टऊ शरण आनी जब परई । पूरण इच्छा उनकी करई।।

यह संतन करि सहज सुभाउ। सुनि आश्चर्य करई जनि काउ।।

ऐसी करहु आप दया।निर्मल हो जाए मन और काया।।

धर्म कर्म में रुचि हो जावे। जो जन नित तव स्तुति गावे।।

आवे सदगुन तापे भारी। सुख संपत्ति सोई पावे सारी।।

होइ तासु सब पूरण कामा। अंत समय पावे विश्रामा।।

चारी पदारथ है, जग माही। तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही।।

त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी । हरहु सकल मम विपदा भारी।।

धन्य धन्य बढ़ भाग्य हमारो। पावे दरस परस तव न्यारो।।

कर्महीन अरु बुद्धि विहीना। तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा।।

दोहा-

श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।

कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।

जय हो महाराज जी की !

उपरोक्त पोस्ट के जरिए हमारे द्वारा आपकों नीम करोली बाबा की आरती | विनय चालीसा | Neem karoli baba aarti lyrics बेहद ही सरल तरीके से बताई गई है. इस आरती / चालीसा के माध्य्म से आप घर मे बैठ कर बाबा नीम करोली जी का गुणगान कर सकेंगे.

इसे भी पढ़े :

 गोवर्धन पूजन के मंत्र  वक्रतुंड महाकाय मंत्र
 ॐ यन्तु नद्यो वर्षन्तु पर्जन्या प्रतिवेदन किसे कहते हैं?
एकात्मता स्तोत्र, मंत्र अर्थविद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्र
 हिंदी लोक में खोजें, ज्ञानकराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र
बुखार उतारने का मंत्रनिबंध लेखन की परिभाषा
प्रधानमंत्री जी को पत्र कैसे लिखेंआवेदन पत्र क्या होते हैं 
 ATM कार्ड के लिए पत्रखाता खुलवाने के लिए पत्र

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

DMCA.com Protection Status