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पीर बाबा को बुलाने का मंत्र क्या है | Peer Baba Ko Bulane Ka Mantra

पीर बाबा को बुलाने का मंत्र क्या है | Peer Baba Ko Bulane Ka Mantra

दोस्तों हम बचपन से ही पीर का ना सुनते आ रहे हैं. क्या आपकों पता है, पीर बाबा को बुलाने के लिए कुछ मंत्र होते हैं. क्या आप भी पीर बाबा के मंत्रों के बारे में जानते हैं, यदि आपकों इसके बारे में कोई भी मंत्र का ज्ञान नहीं है. तो चलिए आज हम आपकों पोस्ट के जरिए पीर बाबा के मंत्रों के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

पोस्ट के जरिए हम आपकों बताएंगे कि, पीर बाबा को बुलाने का मंत्र क्या है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं. तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए. आपके द्वारा किया गया शेयर हमारा मनोबल बढ़ाने में सहायक होता है.

पीर बाबा को बुलाने का मंत्र क्या है?

दोस्तों पीर बाबा से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी होती है. लोगों को अटूट विश्वास रहता है कि, जब कोई साथ नहीं देगा तो पीर बाबा उनका साथ देकर उनके दुखों का निराकरण करेंगे.  हर कोई पीर बाबा को बुलाना चाहता है, तथा उनसे मिलना चाहता हैं. इसी के चलते अनेक लोग पीर बाबा को बुलाने वाले मंत्र की तलाश में लगे रहते हैं, तो यहां पर हमने आपको पीर बाबा को बुलाने का मंत्र उपलब्ध करवा दिया है, जो निम्न प्रकार से है:-

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Peer Baba Ko Bulane Ka Mantra

पीर बाबा को बुलाने का मंत्र (पंच पीर साधना मंत्र)

बिस्मिल्लाह अर्रहमान निर्रहीम,

मियां गाजी पीर,

जींद पीर ख्वाजा,

खिज्र पीर,

शेख फरीद पीर,

पीर बदर,

घोड़े पर भीड़ चढो,

मदद मेरी पंच करो,

जो मेरा काम  करो तो,

मुह्म्म्दुर्रसुलुल्लाह की दुहाई.

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पीर बाबा की साधना विधि

चलिए दोस्तों पोस्ट में ऊपर की ओर हमने मंत्र बता दिया. यदि पीर बाबा के साधना की विधि की बात की जाए, तो इस विधि को शुक्ल पक्ष के अंतर्गत रविवार के दिन किया जाता है. इस विधि को करने के लिए आपकों सफेद हकीक माला का इस्तेमाल करना होगा. यह साधना आपको 21 दिन तक करनी होती है, तथा प्रत्येक दिन आपको देसी घी का दीपक जलाना होता है, और चूरमे का लड्डू बनाकर भोग लगाना होता है.

पीर बाबा की साधना का समय शाम को 6:30 बजे से लेकर 7:30 बजे के बीच होता है, इस समय काल के अंतर्गत ही आपको यह साधना करनी होती है. बैठते समय सदैव पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठे. साधना के दौरान आपकों आसन तथा वस्त्र का कलर सदैव सफेद ही रखना होता है.

पीर शब्द का अर्थ क्या है?

दोस्तों बहुत से लोगों को पीर शब्द के अर्थ के बारे में जानकारी नहीं होती है, यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दू, की पीर शब्द का अर्थ महात्मा, धर्मगुरु, सिद्ध पुरुष तथा मुसलमानों के धर्मगुरु होता है.

आज आपने क्या सीखा

तो दोस्तों आज के इस पोस्ट के जरिए आपने क्या सीखा. लेख के जरिए हमने आपकों बताया कि पीर बाबा को बुलाने का मंत्र क्या है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी करीब-करीब सभी जानकारी को देने का प्रयास किया है. इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत पीर बाबा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे पीर बाबा की साधना किस तरह से की जाती है, आपको उस समय किस तरह के वस्त्रों का धारण करना होता है, आपको पीर बाबा को प्रसन्न करने या फिर पीर बाबा को बुलाने के लिए किस मंत्र का गायन करना गायन है.

FAQ

पीर बाबा की पूजा कैसे की जाती है?

पूजा में रोटी और हलवा का ‘चूरमा’ और दूध, दही और घी का भोग लगाया जाता है. इन सभी वस्तुओं को केले के पत्ते पर सजाने के बाद अगरबत्ती और दीप जलाकर नदी में फेंक दिया जाता है और श्रद्धा से नालियां निकाली जाती हैं. इसे ख्वाजा पीर को बेड़ा चढ़ाना कहते हैं. परिवार में जब भी भैंस दूध देना शुरू करती है तो ख्वाजा पीर की पूजा ऐसे ही की जाती है.

बड़े पीर का पूरा नाम क्या है?

आपकों जानना जरूरी है कि, बड़े पीर साहब उर्फ अब्दुल कादिर जिलानी उर्फ मुहीउददीन का जन्म 1075 ई. को ईराक देश के गिलानी नामक स्थान पर हुआ था.

पीर बाबा की दरगाह कहां है?

बाबा की कब्र और दरगाह वर्तमान खैबर पख्तूनख्वा के पहाड़ी बुनेर जिले के पाचा किल्ले गांव में है.

पीर इतिहास में क्या है?

पीर एक सूफी आध्यात्मिक मार्गदर्शक की उपाधि है. उन्हें हज़रत और शेख या शेख के नाम से भी जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ अरबी समकक्ष है. सूफियों के गुरु ए पीर एक सूफी संत हैं, जो शिष्यों को सूफीवाद का मार्गदर्शन और शिक्षा देते हैं.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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