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आईसीयू (ICU) का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of ICU in Hindi

ICU : Intensive Care Unit

ICU Ka Full Form Intensive Care Unit हैं। हिंदी में आईसीयू का फुल फाॅर्म गहन चिकित्सा कक्ष है। ICU को Intensive Therapy Unit / Critical Care Unit (CCU) के नाम से भी जाना जाता है। किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम का मुख्य कक्ष होता है। इसमें गंभीर मरीजों का गहन देखभाल, उपचार किया जाता है। गंंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया जाता है। स्वास्थ्य सामान्य हो जाने के बाद सामान्य वार्ड में भेजा जाता है। आईसीयू वार्ड में परिपक्क चिकित्सक और जुडा की टीम कार्यरत होती है। यह लोग मरीज की निरंतर मॉनिटरिंग करते हैं।

आपात स्थिित में मरीज को सीधे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया जाता है। नवजात शिशुओं के लिए विशेष आईसीयू वार्ड होते हैं। जो बच्चे आठ माह के पूर्व जन्म लेते हैं, उन्हें Neronatal Intensive Unit (NICU) में रखा जाता है। सबसे पहले आईसीयू वार्ड के चिकित्सक Peter Safar थे।

Other Full Form Intensive Care Unit

  • ICU (Intensive Care Unit)
  • NICU (Neronatal Intensive Unit )
  • HCU (High Care Unit)

आईसीयू में उपयोग होने वाले उपकरण क्या-क्या होते हैं – Use Device In ICU

ICU वार्ड में बेहद चिंताजनक वहां पर इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण होते हैं। कारण एक ही मरीज पर दर्जन भर उपकरण का उपयोग किया जाता है। ICU वार्ड के उपकरणों का संचालन मौजूदा चिकित्सक या Machine Operators द्वारा संचालित किया जाता है।

वेंटिलेटर मशीन (Ventilator Machine)

वेंटिलेटर मशीन का नाम हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं, यह एक प्रकार की जीवनदायिनी मशीन होती है। जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है तो वेंटिलेटर से Endotracheal Tube के जरिए मरीज की श्वासनली में लगाया जाता है। यह ट्यूब लचीली होती है, मरीज को सांस लेने में मददगार होती है। इसे लगाए जाने के पहले मरीज को बेहोश किया जाता है।

हार्ट मॉनिटर (Heart Monitor)

यह एक रंगीन रेखाओं के साथ चलने वाली आधुनिक मशीन होती है। इसमें एक मॉनीटर लगा होता है, जिसमें मरीज के ह्दय की गतिविधियां दिखाई देती है। इसे लगाने के लिए मरीज की छाती पर चिपकने वाले Sticky Paid का इस्तेमाल किया जाता है। Heart Monitor से सुनाई देने वाली आवाज चिकित्सकों और नर्सों को सचेत करने के लिए होती है, ताकि मरीज की ह्दय की गति तेज या कम होने पर उन्हें पता चल सके।

डायलिसिस (Dialysis Machine)

यह एक प्रकार का Artificial Method (कृत्रिम विधि) होती है, इस मशीन का इस्तेमाल वृक्क से जुड़ी बीमारियों के उपचार में किया जाता है। इस मशीन के जरिए मरीज के शरीर में मौजूद खून को दो से तीन घंटे के भीतर बदला या साफ किया जाता है। किडनी फेल हो जाने पर Dialysis Method द्वारा स्थायी व अस्थायी रूप से स्थापित की जाती है, यह ह्दय की गति और ह्दय की मांसपेशियों में होने वाली विध्रुवीकृत के समय शरीर पर Microelectronics Changes को फैलाता है।

सिरिंज पंप (Syringe Pump)

इसका इस्तेमाल मरीज को दवा देने में किया जाता है, Bloodstream में डालकर दवाओं को रोगी के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। सरल शब्दों में कहा जाएं तो यह पतली नलियों के द्वारा यह कार्य किया जाता है।

डिफाइब्रिलेटर (Defibrillator)

इसके द्वारा रोगी व्यक्ति को बिजली के झटके दिए जाते हैं। इसे दिए जाने का कारण यह है कि जब भी किसी मरीज को दिल का दौरा पड़ता है या उसके ह्दय की गति अनियमित हो जाती है तो उन्हें एक क्रम में लाने के लिए चिकित्सकों की यह पहली कोशिश होती है। ताकि रोगी व्यक्ति के ह्दय की गति को प्राकृतिक लय में वापस लाया जा सके।

पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter)

एक बेहद ही छोटा सा डिवाइस होता है। यह मरीज के शरीर में मौजूद खून में ऑक्सीजन की मात्रा को नापने का कार्य करता है। मरीज का दिल कितनी बार धड़क रहा है यह भी Pulse Oximeter से मापा जा सकता है।

ब्लड वार्मर (Blood Warmer)

इस आधुनिक उपकरण का उपयोग मरीज को खून चढ़ाने के लिए किया जाता है। रक्त चढ़ाए जाने के पूर्व Blood Warmer से खून को गर्म किया जाता है, ताकि रोगी के शरीर के तापमान के बराबर ही गर्म किया जाता है। इसके अतिरिक्त और भी कई प्रकार के उपकरण है जिनका उपयोग ICU Unit में किया जाता है।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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