EMI Full Form in Hindi, EMI Ka Full Form Kya Hai, EMI का Full Form क्या है, EMI Ka Poora Naam Kya Hai, ईएमआई क्या है, EMI का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे तमाम सवालों के जवाब यदि आप खोज रहे हैं तो हमारा यह आर्टिकल आपकी पूरी मदद करेगा। इसे पूरा पढ़ने के बाद शायद ही आपके दिमाग में EMI को लेकर कोई सवाल आएगा।
EMI Full Form क्या हैं और EMI का क्या मतलब हैं?
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EMI की फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है। EMI को भारतीय हिंदी भाषा में समान मासिक क़िस्त कहा जाता है। पाठकों यदि EMI को आसान शब्दों में कहा जाए तो यह एक प्रकार की मासिक क़िस्त होती है। जो आपके द्वारा किसी बैंक से उधार लोन राशि या किसी वस्तु के तौर पर ली जाती है। जिसका प्रतिमाह भुगतान करना होता। मित्रों उक्त तीन लाइनों को पढ़कर आप EMI की फुल फॉर्म बेहद ही आसानी से समझ गए होंगे की EMI क्या होती है। तो चलिए अब आगे बढ़ते हुए हम अन्य सामान्य जानकारी को बेहद ही सरल तरीके से समझते हैं।
Second EMI Full Form क्या है और EMI का क्या मतलब है
EMI का फुल फॉर्म होता है Equated Monthly Installment. EMI बैंक या फिर किसी भी Financial Institutions से Loan के तौर पर ली गई Money की भरपाई करने के लिए बैंक आपको Loan के पैसों को किस्त में चुकाने की सुविधा देता है। EMI का चलन बजाज फिनसर्व कंपनी आने के बाद से तेजी से चला है। इसके लिए बैंक की ओर से आपके लिए एक राशि तय कर दी जाती है और उस राशि को पूरा करने के लिए एक अवधि यानी कि समय सीमा भी तय कर दी जाती है। आपको उसी समय के भीतर संबंधित बैंक का सारा Loan चुकाना होता है।
EMI के तहत आपको बैंक में एक निश्चित राशि जमा करना होती है। जिसमें मूल धन और ब्याज दोनों ही होते हैं। इस राशि को दी गई समय सीमा में ही बैंक को चुकाना होता है। यदि किसी कारणवश आप राशि समय पर नहीं चुका पाते तो आपकों भारी भरकम पैनाल्टी देना होता है। यदि दी गई समय सीमा के बीच ब्याज दर बढ़ जाती है तो आपकी समय सीमा भी बढ़ जाएगी। सीधे शब्दों में कहा जाए तोआपको EMI चुकाने के लिए बैंक की ओर से ज्यादा समय मिल जाता है.
EMI की गणना कैसे करें
EMI की गणना तीन कारकों पर निर्भर करती है जो इस प्रकार हैं –
- Interest Rate: साहूकार द्वारा लिए गए ब्याज की दर, जैसे कि – बैंक.
- Loan Amount: उधार ली गई राशि.
- Tenure of the Loan: ऋणदाता द्वारा ब्याज सहित संपूर्ण ऋण चुकाने का समय.
फ्लैट ब्याज दर
ब्याज की गणना पूरे मूल ऋण पर की जाती है, इस तथ्य पर विचार किए बिना कि प्रत्येक EMI के साथ मूल राशि कम हो रही है। उदाहरण से बेहद ही आसानी से समझिए- मान लीजिए कि, एक व्यक्ति एक कार खरीदना चाहता है और 3 लाख की कार पर ऋण लेता है, एक फ्लैट ब्याज दर 12% पर और इसे 3 साल में चुकाना होगा तब ईएमआई की गणना नीचे दी गई के रूप में की जा सकती है।
- Principal Amount 300,000
- Flat Rate of Interest: 12%
- Total Duration: 3 Years
EMI
मूल राशि (300,000) को 36 महीनों से विभाजित किया जाता है + 12% मूल राशि को 12 महीनों से विभाजित किया जाता है = 8333 + 3000 = 11.333. ब्याज फ्लैट दर आमतौर पर कार ऋण और दोपहिया ऋण जैसे अल्पकालिक ऋण पर लागू होता है।
घटता शेष ब्याज दर
शेष ब्याज दर कम होने की स्थिति में, ब्याज राशि हर महीने बदलती है क्योंकि पहले माह की ब्याज की गणना पूरे मूल ऋण पर की जाती है। इसी के साथ ही बाद के अन्य महीनों के लिए ब्याज की गणना बकाया ऋण राशि पर की जाती है। कम ब्याज राशि की गणना करने का सूत्र या तरीका नीचे दिया गया है।
- Principal Loan Amount = 300,000
- Diminishing rate of Interest =12%
- Duration: 3 Year
पहले महीने के लिए ब्याज = Loan Amount (300, 000)*(1/12*)*(12/100) =3000
दूसरे महीने के लिए ब्याज = (Outstanding Loan Amount)*(1/12)*(12/100)
ALL Full Form EMI –
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- EMI – Electric and Musical Instrument
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- EMI – Electronic Money Instituti
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