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Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती क्यूँ मनाई जाती है और क्या करना चाहिए?

Hanuman Jayanti 2024 : क्या आप जानते हैं की हनुमान जयंती क्यों मनाया जाता है? हनुमान जयंती पर्व हिंदू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे पूरे भारत वर्ष में उत्साह के साथ मनाया जाता है। बता दें कि, हनुमान जयंती पूरे वर्ष में दो बार मनाया जाता है। वर्ष में दो बार इसे मनाए जाने के पीछे भिन्न-भिन्न प्रकार की पौराणिक मान्यता और हिंदू धर्म का उद्देश्य है।

एक तिथि की हनुमान जयंती भगवान संकट मोचन श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी तिथि की हनुमान जयंती विजय अभिनंदन समारोह के रूप में उत्साह पूर्वक मनाई जाती है।

भगवान श्री हनुमान हिन्दू धर्म के अनुयायियों के द्वारा माने जाने वाले बेहद ही प्रचलित और लोकप्रिय भगवान है। हनुमान जयंती का पावन पर्व धार्मिक लोगों के द्वारा पूरे जोश और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन शहरों में बड़ी बड़ी झांकिया निकाली जाती हैं। हनुमान जी के उपासक लोग इस दिन व्रत भी धारण करते हैं।

बहरहाल आप में से कई लोग ऐसे भी होंगे, जिन्हें की हनुमान जयंती के विषय में अल्प ज्ञान होगा। इसी को देखते हुए हमारे द्वारा सोचा गया कि, क्यूँ न आप लोगों को हनुमान जयंती क्यूँ मनाई जाती के विषय में संपूर्ण और विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाए। तो चलिए फिर देर ना करते हुए शुरू करते हैं हनुमान जयंती क्यूँ मनाई जाती है।

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Hanuman Jayanti Wishes in Hindi

हनुमान जयंती क्या है – What is Hanuman Jayanti in Hindi

हनुमान जयंती एक हिंदू धार्मिक त्योहार हैं। जिसमें की भगवान संकट मोचन श्री हनुमान के जन्मोत्सव को बहुत ही उत्साह और जश्न के साथ मनाया जाता है। हनुमान जयंती हिन्दू धर्म के रक्षकों के द्वारा मनाया जाने वाला बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित पर्व है।

इसे भारत देश के अलावा अन्य देशों में भी उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। चूंकि भारतवर्ष में हिन्दू धर्म के अनुयायियों की जनसंख्या सभी धर्म के अनुयायियों के मुकाबले बहुत अधिक है, इसलिए भारत वर्ष में इस उत्सव की बहुत धूम धाम देखते ही बनती है। दूसरी ओर अन्य देशों में भी इस दिन हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा व्रत आदि रखा जाता है तथा इस दिन हनुमान जी का विशेष पूजन किया जाता है।

Hanuman Jayanti कब मनाई जाती है?

हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को है। आपको जानना जरूरी है कि, वर्ष में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

हनुमान जयंती प्रतिवर्ष दो तिथियों को मनाई जाती है। पहली हनुमान जयंती हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती प्रतिवर्ष मार्च या अप्रैल माह के मध्य में मनाई जाती है।

जबकि दूसरी हनुमान जयंती कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन मनाई जाती है। इसके पीछे का कारण है कि, महर्षि वाल्मीकि के द्वारा रचित की गई रामायण में हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न के दिन बताया गया है। इसी तिथि को भगवान श्री हनुमान के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है जबकि दूसरी हनुमान जयंती विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में मनाई जाती है।

हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्ल माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है।

हनुमान जयंती 2024 के तारीख व कैलेंडर:

त्यौहार के नाम दिन त्यौहार के तारीख
हनुमान जयंती मंगलवार 23 अप्रैल 2024

हनुमान जयंती क्यों मनाया जाता है

हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। श्री हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। दोनों प्रकार के जन्मोत्सव को लेकर भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। दोनों हनुमान जयंती के पीछे दो अलग कथाएं प्रचलित हैं।

एक हनुमान जयंती भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के तौर पर मनाई जाती है। हनुमान जी का जन्म माता अंजनी की कोख से हुआ था। हनुमान जी को दर्जनों नामों से पुकारा जाता है। जिसमें से मुख्य नाम हैं अंजनिपुत्र, महाबली, रामेष्ट, बजरंगबली इत्यादि हैं।

हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता में सुनने को मिलता है कि, जब हनुमान जी का जन्म हुआ था तो उन्हें बहुत जोरों की भूंख लग गई थी तो वह सूर्य को फल समझ कर उसे खाने के लिए सूर्य की तरफ बढ़े। उसी दिन राहु भी अपना ग्रास बनाने के लिए सूर्य की तरफ आ रहा था इसीलिए सूर्यदेव नें हनुमान जी को राहु समझ लिया था।

वहीं दूसरी हनुमान जयंती दीपावली के दिन मनाई जाती है। इस दिन हनुमान जयंती मनाए जाने के पीछे यह पौराणिक मान्यता है कि माता सीता ने हनुमान जी के समर्पण और भक्ति को देखकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था। जिस दिन माता सीता ने वरदान दिया था उस दिन दीपावली थी। इसलिए दीपावली के दिन भी हनुमान जयंती मनाई जाती है।

हनुमान जयंती 2023 मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2023 Muhurat)

चैत्र पूर्णिमा तिथि शुरू 22 अप्रैल 2024 सुबह 09.19
चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त 23 अप्रैल 2024 सुबह 10.04

हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?

हनुमान जयंती विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है। बहुत से लोग इस दिन सुबह उठकर नहाने के बाद व्रत धारण करते हैं, वहीं कई लोग इस दिन 5 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस दिन बहुत से घरों और मंदिरों में विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है।

इस दिन घरों और मंदिरों में श्री राम और हनुमान जी का भजन कीर्तन भी किया जाता है। इसके पीछे का कारण है कि, श्री हनुमान जी श्रीराम भक्त थे। हनुमान जी को खुश करने के लिए सुंदरकांड का पाठ भी किया जाता है।

हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी थे इसीलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की मूर्ति को जनेऊ धारण कराया जाता है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार हनुमान जी ने श्रीराम की लंबी उम्र के लिए अपने पूरे शरीर में सिन्दूर चढ़ा लिया था जिसे चोला कहा जाता है।

पौराणिक मान्यता है कि, चोला हनुमान जी को बहुत प्रिय था इसीलिए इस दिन भगवान हनुमान जी की मूर्ति में चोला चढ़ाया जाता है और कुछ भक्त खुदको भी चोला चढ़ा लेते हैं। इस दिन तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस का भी पाठ किया जाता है।

भगवान हनुमान जी की आरती और पूजन के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन वृहद्ध मेले का आयोजन किया जाता है तो कई शहरों में इस दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है।

हिन्दू धर्म के अनुयायियों के द्वारा कई जगहों पर इस दिन विशाल रैलियों का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें भगवान श्री हनुमान जी के छायाचित्र या फिर मूर्ति को बैंड बाजे और आधुनिक वादक यंत्रों जैंसे डी.जे. इत्यादि के साथ उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।

हनुमान जयंती में महिलाओं के लिए नियम

हनुमान जयंती में जब भगवान हनुमान जी का पूजन किया जाता है, तो महिलाओं और युवतियों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। धार्मिक मान्‍यता अनुसार, चूंकि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे, वहीं वह हमेशा स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते थे। इसलिए मान्‍‍‍‍‍यता के अनुसार हनुमान जयंती के दिन पूजा करते वक्‍त महिलाआं को कुछ बातों का जरुर से ध्‍यान रखना चाहिए।

–  हनुमान जी को सिंदूर का लेप न लगाएं।

–  हनुमान जी को चोला नहीं चढ़ाना चाहिए।

–  हनुमान जी को जनेऊ न पहनाएं।

–  बजरंग बाण का पाठ न करें।

–  पूजा करते वक्‍त हनुमान जी की मूर्ति का स्‍पर्श न करें।

–  यदि आप चाहें तो हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के चरणों में दीपक प्रज्‍ज्‍वलित कर सकती हैं। ऐसा करने से इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है।

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हनुमान जयंती का महत्व

हिन्दू धर्म में हनुमान जयंती का बेहद ही खास महत्व होता है। हनुमान जी का नाम हिन्दू धर्म के प्रमुख भगवानों में लिया जाता है। यह साक्षत रूप से शिव जी के 11वें अवतार ही है। हनुमान जी प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे। कहा जाता है कि हनुमान जी को सिर्फ याद करने से सारे कष्ट हर जाते हैं।

हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी थे। इसलिए महिलाएं हनुमान जी को स्पर्श नहीं करती हैं। महिलाएं हनुमान जी को बिना स्पर्श किए पूजन पाठ कर लेती हैं। मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना गया है। हनुमान जी के भक्त इस दिन मांस, मदिरा आदि अशुद्ध चीजों से परहेज करते हैं। हनुमान जी के व्रत को भी कठोर तप माना गया है, कारण हनुमान जी के व्रत में साफ सफाई एवं शुद्धता का बहुत ध्यान रखा जाता है।

सन् 1969 मे हनुमान जयंती किस दिनांक को थी?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सन् 1969 मे हनुमान जयंती 2nd April 1969 को थी.

हनुमान जी के अलग अलग नाम क्या क्या हैं?

हनुमान जी को दर्जनों नाम से जाना जाता है जिसमें से मुख्य नाम हैं अंजनिपुत्र, महाबली, रामेष्ट, बजरंगबली आदि हैं.

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाया जाता है?

हनुमान जयंती वर्ष में एक बार नहीं दो बार मनाई जाती है। यह सही बात है। रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। तो दूसरा जन्मदिन चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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