नमस्कार दोस्तों आज हम आपको गिलोय का काढ़ा (Giloy Kadha Ke Fayde) बनाना और उसके पीने का सही तरीका बताने जा रहे है. इसका सीधा कारण है कि, गिलोय एक ऐसी औषधि है, जो वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को इंसानी शरीर से दूर रखता है. इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होगी. कोरोनावायरस से बचने के लिए आज लोग आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं. आयुर्वेद में कई ऐसे इलाज मौजूद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (giloy immunity booster) को बढ़ाती है.
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जानना जरूरी है कि, आयुर्वेदिक उपचार का (ayurvedic ilaj) कोई साइड एफेक्ट्स नहीं होता हैं. कोरोना महामारी के नए स्ट्रैन आने के बाद से अधिकांश इन दिनों गिलोय का सेवन भी कर रहे हैं, क्योंकि गर्मी के सीजन में डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है और गिलोय इम्यूनिटी (giloy se immunity badhye) को भी मजबूत बनाता है.
सीजनल बीमारियों जैसे बुखार, सर्जी-खांसी आदि से बचे रहने के लिए भी आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं. दोस्तों गिलोय एक ऐसी प्राचीन औषधि है, जो वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों से बच्चों और बुजुर्गों को दूर रखता है. गिलोय का काढ़ा पीने से इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। जानें, गिलोय का काढ़ा बनाने की रेसिपी
आवश्यक सामग्री :
Table of Contents
- गिलोय का तना- छोटे टुकड़ों में कटा हुआ
- नीम की पत्तियों का डंठल- 5-7
- तुलसी की पत्तियां- 8-10
- गुड़- 20 ग्राम
बनाने का तरीका :
- सबसे पहले आपकों गियोल की पतली-पतली डाली लेना होगी.
- जिसे अच्छी तरह से बारिक-बारिक कुचल लें.
- जिसके बाद एक बर्तन में इसे रखें. अब इसमें नीम और तुलसी की पत्तियों और गुड़ को भी डाल दें.
- जिसके बाद इसमें 3-4 कप पानी डालकर मीडियम आंच पर उबलने के लिए रख दें.
- इसे तब तक खौलने दें, जब तक यह पानी आधा ना रह जाए.
- अब इसे छान लें. गर्म नहीं बल्कि गुनगुना होने के बाद इसका सेवन करें.
- गिलोय का काढ़ा नॉर्मल या सीजनल बुखार में दो दिनो तक पीने से बुखार उतर जाता है.
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कब तक पीना चाहिए गिलोय का काढ़ा ?
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की मानें तो, गिलोय का काढ़ा ( Giloy kadha benefits in hindi) सप्ताह में दो दिनों तक ही पीना चाहिए. कारण इसकी तासीर गर्म होती है. गर्मी के दिनों में आधा कप या उससे भी कम मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए. बुखार में इसका काढ़े पीने से बुखार में जल्द राहत मिलती है.
यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, ऐसे में किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन (Viral infection) से बचने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन अधिक नहीं. आप चाहें, तो किसी भी चिकित्सक की सलाह पर भी इसका सेवन कर सकते हैं.
प्लेटलेट्स बढ़ाए गिलोय :
दोस्तों गर्मी के सीजन में डेंगू बुखार होने पर शरीर में प्लेटलेट्स काउंट ना के बराबर हो जाते है, जो बेहद ही खतरनाक होता है.ऐसे में गिलोय का सत, गोली या इसका काढ़ा पीने से धीरे-धीरे प्लेटलेट्स काउंट में इजाफा होने लगता है. इतना ही नहीं यह गठिया रोग (Arthritis) में भी लाभदायक है. डायबिटीज मरीजों द्वारा इसके काढ़ा का सेवन करने पर ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है.
शरीर में बढ़ाए खून :
एंटी-फंगल और एंटी वायरल गुण होने के कारण गिलोय शरीर में मौजूद खून को साफ करने का काम करता है. इसके सेवन से शरीर में खून की मात्रा भी बढ़ती है. गिलोय का रस पीने से शरीर में खून की कमी दूर होगी.
जलन करें कम :
कुछ लोगों को हाथ-पैरों जलन या फिर झुनझुनी की समस्या बहुत होती है. खासकर 60 से 70 वर्ष की आयु के लोगों को, यदि आप भी इस समस्या से परेशान रहते हैं, तो गिलोय का जूस सप्ताह में दो दिन नियमित रुप से पिएं. गिलोय की पत्तियों को पीसकर इसे तलवों और हथेलियों पर लगाएं। तलवा गर्म नहीं रहेगा और जलन भी कम होगी.
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