Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi : सनातन धर्म में एकादशी का व्रत बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. पूरे वर्ष में 24 एकादशी व्रत होते हैं. मालूम हो कि, यदि साल मलमास है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. इन्हीं में से एक एकादशी होती है देवउठनी. जो दीवाली के बाद आती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस होती है. हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता है कि, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाते हैं और फिर चातुर्मास के समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवउठनी-उत्सव होता है. इस एकादशी को ही देवउठनी कहा जाता है. आइए पोस्ट के जरिए जानते हैं dev uthani ekadashi 2021 में कब मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी. साथ ही यह भी जानें कि देवउठनी एकादशी की पूजा विधि । Dev Uthani Ekadashi Pooja Vidhi
देव उठानी एकादशी पूजा का मुहूर्त– Dev Uthani Ekadashi 2021 Puja Muhurat
जैसा की हमने आपको बताया की साल 2021 में देव उठानी एकादशी 15 नवंबर की है, इसका शुभ मुहूर्त और समय कुछ इस प्रकार है-
देवउठनी एकादशी पारण मुहूर्त – 15 नवंबर को , 13:09:56 से 15:18:49 तक
हरी वासर समाप्त होने का समय – 15 नवंबर को 13:02:41 पर
देवउठनी एकादशी की पूजा विधि । Dev Uthani Ekadashi Pooja Vidhi
- इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा किया जाता है. इस दिन विष्णु जी को जगाने का आह्वान किया जाता है.
- सुबह उठकर साफ कपड़े पहने जाते हैं. फिर विष्णु जी के व्रत का संकल्प लिया जाता है.
- जिसके बाद घर के आंगन में विष्णु जी के चरणों का आकार बनाया जाता है. ध्यान रहे कि, यदि आंगन में धूप हो तो चरणों को ढक दिया जाता है.
- जिसके बाद ओखली में गेरू से चित्र बनाया जाता है और फल, मिठाई, ऋतुफल और गन्ना रखकर डलिया को ढक दिया जाता है.
- रात के समय घर के बाहर और जहां पूजा की जाती है वहां दिए जलाए जाते हैं.
- रात के समय विष्णु जी की पूजा की जाती है। साथ ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है.
- पूजा के दौरान सुभाषित स्त्रोत पाठ, भगवत कथा और पुराणादि का पाठ किया जाता है.
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