ग्रेसिम उद्योग के ठेका श्रमिकों को नहीं मिला रोजगार तो कांग्रेस करेगी आंदोलन
Nagda News. ग्रेसिम उद्योग नागदा (grasim industries limited nagda ) के हजारों ठेका श्रमिकों को काम पर नहीं रखा गया तो कांग्रेस कमेटी ठेका श्रमिकों के हित में आंदोलन का शंखनाद करेगी। चरणबद्ध आंदोलन की कड़ी में एसडीएम नागदा कार्यालय का और कलेक्टर उज्जैन कार्यालय का घेराव शामिल है।
ठेका श्रमिकों के समक्ष शासन, प्रशासन को चेतावनी देते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने यह बात शनिवार को कही।
स्वामी ने कहा कि ग्रेसिम उद्योग नागदा के हजारों ठेका श्रमिक बीते दस माह से घर पर बैठे हैं। ऐसे में श्रमिक आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। परेशानी से जूझ रहे सत्ता पक्ष और ना ही शासन प्रशासन उनकी सुध ले रहा हैं। जब भी ठेका श्रमिक उनकी आवाज grasim industries limited nagda के विरूद्ध उठाते हैं तो उद्योग प्रबंधन प्रशासन से मिली भगत कर उनकी आवाज को दबाने में अपनी पुरी ताकत लगा देता है।
जबकि औद्योगिक क्षेत्र में हजारों घर बैठे श्रमिकों को कार्य पर रखवाने की जिम्मेदारी उद्योग में कार्यरत श्रम संगठनों व प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की होती है। लेकिन दोनों ही श्रमिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से कई बार मिल लिए पर ठेका श्रमिकों की समस्या का हल नहीं निकला।
स्वामी ने कहा कि स्थानिय भाजपा कई बार प्रेस बयानों में कह चुके हैं कि उन्होंने ठेका श्रमिकों को कार्य पर रखे जाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की है। लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी भाजपा नेता यह बताने को तैयार नहीं हैं कि मुख्यमंत्री ने उनके आवेदनों पर क्या कार्रवाई की है ? वहीं ठेका श्रमिकों के लिए कोई भी भाजपा नेता अपनी आवाज बुलंद नहीं कर रहा है।
भाजपा नेताओं के प्रबंधन से जुडे़ हैं हितलाभ
स्वामी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के हितलाभ grasim industries limited nagda से सीधे-सीधे जुडे़ होने के कारण श्रमिकों के साथ हो रहे अन्याय पर संपूर्ण भाजपा मौन धारण करके बैठी हुई है। इस अवसर पर ठेका श्रमिकों की लडाई लड़ रहे श्रमिक रतनसिंह ने बताया कि कोविड -19 जैसी महामारी के दौरान ग्रेसिम मैनेजमेंट एवं यहां कार्यरत सभी श्रम संगठनो ने अपने निजी हितों व स्वार्थो को साधते हुए कोराना आपदा को अवसर मे बदल कर उधोग मे काम कर रहे लगभग 3500 ठेका श्रमिको को कार्य से बन्द करते हुए श्रम कानूनों का उल्लंघन कर नौकरी से बेदखल कर दिया।
जिसकी शिकायत ठेका श्रमिको ने सहायक श्रमायु्क्त उज्जैन को की थी। शिकायत फलस्वरूप श्रमायुक्त दृवारा grasim industries limited nagda के १३ ठेकेदारों को नोटिस जारी कर कल दिनांक १५-१-२१ को समझोता वार्ता हेतु उज्जैन बुलाया गया। जहां पर श्रम निरीक्षक बी एल राठौर के समक्ष ठेका श्रमिकों और ठेकेदारों के बीच बातचीत की गई।
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इसके बाद ठेका श्रमिकों ने स्वयं अलग, अलग आवेदन देकर ग्रेसिम मैनेजमेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस पर श्रम निरीक्षक ने जल्दी ही समझौता वार्ता करवाने का आश्वासन दिया। लगभग 150 से ज्यादा श्रमिकों के आवेदन सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सहायक श्रमायुक्त कार्यालय में हमारे द्वारा दिए जाएंगे।
श्रमिक रमेश गौतम ने श्रम संगठनों को चेतावनी दी है कि हमारी चुप्पी को हमारी कमजोरी न समझे प्रंबंधन एवं श्रमिक संगठन के आगेवान। गौतम ने आव्हान किया है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी राजनीतिक दल हमें सहयोग करें। आज हजारों श्रमिक 10 माह से घर बैठे हुए हैं। हमारे परिवारों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। ऐसी विषम परिस्थिति में नेताओं को हमारा साथ देना चाहिए।
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