तिल और शहद खाने का फायदा और स्वास्थ्य लाभ । Benefits and health benefits of eating sesame and honey in Hindi
तिल और शहद भारतीय आयुवैदिक वनस्पति है। तिल को अंग्रेजी में तिल ऑयल (Teel oil), तिलसीड (Tilseed) नाम से जाना जाता हैं. भारतीय रसोई घर में तिल आवश्यक रुप से संभाल के रखी जाती है। भारत के कुछ एक व्यंजन होंगे जिसमें इसका उपयोग नहीं किया जाता। तिल को मसालों के साथ भारतीय भोजन में डाला जाता है। आयुर्वेद में औषधि के रुप में काले तिलों से प्राप्त तेल अधिक उत्तम समझा जाता है। भारतवर्ष में तिल की प्रचुर मात्रा में खेती की जाती है।
शहद को प्राचीन काल से ही चमत्कारिक द्रव्य के रूप से जानते हैं। पूजन कार्य में भी शहद का उपयोग किया जाता है। भारतीयों में विवाह के दौरान एक रस्म हल्दी की होती है जिसमें हल्दी के साथ शहद को मिलाकर वर वधु के शरीर पर लगाया जाता है। डायबिटीज मरीजों को चीनी के स्थान पर शहद खाने की चिकित्सक सलाह देते हैं। हिंदू धर्म में नवजात के जन्म लेने के बाद सबसे पहले उसे शहद की कुछ बूंदे खिलाई जाती है। दोस्तों लेख के माध्यम से हम आपकों तिल और शहद खाने का फायदा और स्वास्थ्य लाभ । Benefits and health benefits of eating sesame and honey in Hindi में बताने जा रहे हैं।
तिल का उपयोग | Use of sesame seeds
तिल की न्यूट्रिशन वेल्यू काफी अधिक होती है। 30 ग्राम तिल में करीब 5 ग्राम प्रोटीन होता है। मालूम हो कि प्रोटीन वेट लॉस और मसल्स गेन में भी मददगार है। तिल में फाइबर, ओमेगा 6, मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी काफी मात्रा में होता है, जो इसे न्यूट्रिशन का कॉम्बो पैक बना देता है।
तिल और शहद खाने का फायदा और स्वास्थ्य लाभ । Benefits and health benefits of eating sesame and honey in Hindi
1. न्यूट्रिशन और प्लांट प्रोटीन का है सोर्स : तिल और शहद न्यूट्रिशन और प्लांट प्रोटीन का है सोर्स है। नियमित रुप से सुबह खाली पेट तिल और शहर का सेवन करने से पैर के जोड़ों का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है।
2. हड्डियों को मजबूत बनाने में है मददगार : तिल को पका हुआ (Hulled) और बिना पका (Unhulled) खाने पर उसकी न्यूट्रिशन वेल्यू बदल जाती है। तिल और शहद को साथ में खाना हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए निम्न न्यूट्रिशन मिलते हैं। जैसे – कैल्शियम (Calcium) : बिना पके हुए तिल में RDI का 22% और और पके हुए तिल में 1% , मैग्नीशियम (Magnesium) : बिना पके हुए तिल में RDI का 25% और पके हुए तिल में भी 25% आदि।
3. सूजन को कम करने में मदद करता है : तिल और शहद के सेवन से कुछ हद तक सूजन में भी राहत मिल सकती है। लंबे समय तक रहने वाली सूजन से कई बीमारी भी हो सकती हैं। जैसे मोटापा (obesity), कैंसर (cancer), क्रोनिक कंडीशन (chronic conditions) और किडनी समस्या (kidney disease ) आदि।
4. स्ट्रेस और डिप्रेशन से लड़ने में रामबाण : तिल और शहद में टाइरोसिन नाम का अमीनो एसिड होता है, जो सीधे सेरोटोनिन एक्टिविटी से जुड़ा होता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो कि इंसानी मूड को प्रभावित करता है।
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5. इम्यूनिटी बढ़ाने में भी करता है मदद : तिल और शहद के सेवन से इम्यूनिटी भी बढ़ती है। यह कई न्यूट्रीएंट्स का काफी अच्छा सोर्स है। इसमें जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, विटामिन बी 6 और विटामिन ई अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। तिल और शहद में जिंक पाया जाता है। जिंक की कमी से भी आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।