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उज्जैन में अभी भी ‘हरा’ है ‘सिमी’ पेड़, खुफिया तंत्र की सूची में ये हैं नामजद

उज्जैन. तत्कालिन भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन सिमी (इस्लामिक मूवेंट ऑफ इंडिया) पर नकेल कसे यूं तो 20 साल से अधिक समय हो चुके हैं, लेकिन भारत में इसकी जड़े आज तक पूरी तरह सूखी नहीं हैं. सिमी के कई सरगनाओं की मध्य प्रदेश के उज्जैन को जन्मस्थली मानी जाती है इसलिए देश में समय-समय पर होने वाली हर छोटी-बड़ी आतंकी वारदातों में उज्जैन का नाम भी सुर्खियों में आता रहता है. पोस्ट में लिया गया कंटेट डेरिंग ऑफ न्यूज  से लिया गया है.

बीते 19 अगस्त 2021 की बात करें तो गीता कॉलोनी में देश विरोधी नारों के आरोप व जीवाजीगंज थाने पर डेढ़ दर्जन से अधिक आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रदोह व अन्य संगीन धाराओं मंक दर्ज मुकदमें के बाद उज्जैन एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल के निर्देश पर पुलिस का खुफिया तंत्र सिमी की पुरानी फाइलें खंगाल रही हैं.

पुलिस सूत्रों की मानें तो उज्जैन में अभी भी ‘हरा’ है ‘सिमी’ पेड़. भले ही इसके कई सरगना इस्पाती जेलों की सलाखों के भीतर हैं लेकिन जो सक्रिय संदिग्ध सदस्य हैं, वे अभी भी दबे पांव इस प्रतिबंधित पेड़ को पनपने के लिए खाद-पानी डालते रहते हैं.

उज्जैन के गीता कॉलोनी की घटना के बाद एक बार फिर उज्जैन पुलिस ने इनकी मौजूदगी की खुफिया पड़ताल शुरू कर दी है.

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सांकेतिक तस्वीर

ये हैं सिमी के नामजद आरोपी, जिनमें से ज्यादातर जेल में

सफदर नागौरी, कमरूद्दीन नागौरी, आमिल परवाज, खालिद नईम, मोहम्मद मुनीर देशमुख, सैय्यद सालारउद्दीन, शाकिर नागौरी, खालिद नागौरी, हमीद हुसैन, वाजिद सलीम, इकरार शेख, इरशाद खां, आशिक अली, मोहम्मद शकील, सरफराज अहमद, अब्दुल सत्तार, मोहम्मद शफी, मोहम्मद जाहिद, जाकिर हुसैन, सलीम उर्फ भूरा, अकबर लाला, खालिद हमीद, इरशाद खां, सरफराज अहमद, रशीद हुसैन, तनवीर अहमद, आशिक, अकील कुरैशी, सुजाउद्दीन (मौत हो चुकी), रईस खां, असलम खोकर, सईद खां, इकबाल खां, मुस्तफा आरिफ, साकिर मोहम्मद, शकील मोहम्मद, मोहम्मद इमरान कुरैशी, एमए नईम, जाहिद परवाज, अयाज उर्फ आशु, अकबर, मेहरुद्दीन, इरशाद अली, कयामुद्दीन कपाड़िया उर्फ मूसा व अन्य। सिमी संगठन के इन सभी आरोपियों के खिलाफ उज्जैन के महाकाल, खाराकुआं, कोतवाली, जीवाजीगंज, उन्हेल सहित अन्य थानों व देश के कई राज्यों में देशद्रोह, राजद्रोह सहित अन्य मुकदमें दर्ज हैं. यह भी हो सकता है कि इनमें से कई सरगनाओं को जमानत मिल गई हो लेकिन अभी ज्यादातर अलग-अलग राज्यों की जेलों में बंद हैं. गुजरात के अहमदाबाद में हुए बम धमाकों के आरोप में प्रदेश एटीएस व तत्कालीन कोतवाली सीएसपी अरविंद तिवारी की टीम ने 2008 में आरोपी कयामुद्दीन कपाड़िया उर्फ मूसा को मुल्लापुरा के समीप से घेराबंदी कर दबोचा था.

खुफिया तंत्र की सूची में ये हैं उज्जैन जिले के सक्रिय संदिग्ध सिमी सदस्य

शकील नागौरी, शराफत, शाकिर नागौरी, सरफराज कुरैशी, वाजिद मोहम्मद, जाहिद नागौरी, अब्दुल अजीज, अकबर खान, खालिद, खालिद जावेद, इनामुल, बाबू माजिद, मोहम्मद युसूफ, मोहम्मद इदरीश, मोहम्मद सईद, मोहम्मद शाकिर, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद नदीम, नावेद, नादिया, जाहिद नागौरी, जाहिद, ताहिर अली, फारूक, वाहिद, उस्मान, शाहिद, सजाद हैदर, शब्बीर, सरफराज, शाहिद सिद्दिकी, रिहाना, राजू, नियामुल्ला, हाफिज, मुदिसर, इबजुर रहमान, मेहफुज अली, मेहराज, मेहमूद, मुजिब, रईस, लतीफ, गुल्लू, अनवर, अरसनाल, असलम, आरिफ नदवी, अमीउद्दीन, अकबर, नजिम मौलाना, नोसा, जाकिर हुसैन, रशीद, शहजाद हुसैन, रईस खां, खालिद अहमद, शबनम, नावेद अब्दुल, सईद अहमद, मोहम्मद जाहिद, सरफराज अहमद, शाकिर हुसैन, साहिर नागौरी, नासिर मोहम्मद, जाकिर वाहिद, आशिक खान, अब्दुल सत्तार, अकील अहमद व अन्य.

ये हैं फरार मोस्ट वांटेड सिमी गुर्गे

असलम निवासी खंदार मोहल्ला, अकबर निवासी अमरपुरा, तनवीर निवासी नागौरी मोहल्ला, सलीम उर्फ भूरा निवासी जीवाजीगंज व इरशाद निवासी नागौरी मोहल्ला। ये सभी आरोपी उज्जैन पुलिस के खुफिया तंत्र की सूची में फरार मोस्ट वांटेड सिमी गुर्गे के तौर पर दर्ज हैं।

(नोट- सारी जानकारी पुलिस के खुफिया तंत्र के सूत्रों के मुताबिक, ये सभी नामजद आरोपी व सिमी के सक्रिय सदस्यों के नाम खुफिया तंत्र की सूची में दर्ज हैं)

इनका कहना
शहर में शांति बहाली व सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर प्रतिबंधित संगठन सिमी की पुरानी फाइलें व रिकार्ड खंगालने के निर्देश दिए गए हैं. गीता कॉलोनी में देश विरोधी नारों की वारदात में एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. कई आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की गई है.
सत्येंद्रकुमार शुक्ल, एसपी उज्जैन

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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