पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी से जानिएं मृत्यु के ये 12 संकेत | Sign of Death By Shivpuran in Hindi
क्या आपकों पता हैं कि वो मृत्यु के संकेत (sign of death) क्या हैं ? नहीं पता ! तो चलिए विस्तार से जानतें हैं –
शिव पुराण में वर्णित क्या हैं मृत्यु के 12 संकेत ! Sign of Death By Shivapuran
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथो में भारतीय संस्कृति का प्राण माना जाता हैं. वेद, निषद, उपनिषद धर्म से जुड़ें ग्रंथ हैं. जिसमे सृष्टि, प्राचीन ऋषियों और राजाओं आदि के बारे में विस्तार से बताया गया हैं. यह वैदिक काल के काफी बाद के ग्रन्थ हैं, भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रन्थों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें भक्ति से जुड़े पुराण बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. शिवमहापुराण उन्ही पुराणों का सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाला पुराण हैं.
मृत्यु के बारे में वेद, योग, पुराण और आयुर्वेद में सच्चाई पूर्वक लिखा हुआ है. पुराणों में गरुड़ पुराण, शिव पुराण और ब्रह्म पुराण में मृत्यु के स्वभाव का उल्लेख पढ़ने को मिलता है. मृत्यु के बाद घर में गीता और गरुड़ पुराण सुनने की प्रथा है, इससे मृत आत्मा को शांति और सही ज्ञान मिलता है जिससे उसके आगे की गति में कोई रुकावट नहीं आती है. शरीर को छोड़ने के बाद सच्चा ज्ञान ही लंबे सफर का रास्ता दिखाता है.
शिवपुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को मृत्यु के सम्बन्ध में कुछ विशेष संकेत बताते हैं. इन संकेतों (sign of death) को समझकर यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति की मौत कितने समय में हो सकती हैं.
यह 12 संकेत कुछ इस प्रकार हैं | Sign of Death By Shivapuran
- शिवपुराण में उल्लेख मिलता है कि, जिस इंसान को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बेचैनी छाई रहे, तो उस इंसान की मृत्यु 6 माह में हो सकती है.
- जिस इंसान को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें, उसकी मौत एक माह में हो जाती है.
- ऐसा शिवपुराण में वर्णित है कि, जिस इंसान के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह एक माह के भीतर काल के मुंह में समा जाता है.
- यदि अचानक किसी इंसान का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझ जाएं कि, यमराज उसके ईद गिर्द घूम रहे हैं, ऐसे इंसान की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी. जिस किसी के मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, शिवपुराण के अनुसार उसकी मृत्यु 6 माह में हो जाती है.
- जिस व्यक्ति को चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दें, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो जाती है. अरुंधती तारा व चंद्रमा जिसे न दिखाई दें अथवा जिसे अन्य तारे भी ठीक से न दिखाई दें, ऐसे मनुष्य की मृत्यु एक महीने के भीतर हो जाती है.
- त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता. यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने समाप्त होने के पूर्व ही उसकी मौत निश्चित है.
- जब किसी इंसान को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दें, तो समझ जाएं कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है. जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक माह से अधिक समय तक जीवित नहीं रहता.
- जब किसी इंसान का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है, ऐसा जानना चाहिए. जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब वह मनुष्य एक मास(महीने) तक ही जीवित रहता है.
- जिस इंसान को ध्रुव तारा अथवा सूर्य मंडल का भी ठीक से दर्शन न हो. रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं होती, ऐसा शिवपुराण में उल्लेख मिलता है.
- जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहु से ग्रस्त देखता है (चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घूमती दिखाई देती है, ऐसे इंसान की मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है.
- शिवपुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता, उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है. जिसे आकाश में सप्तर्षि तारे न दिखाई दें, उस मनुष्य की आयु भी 6 महीने ही शेष समझनी चाहिए.
- शिवपुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दें तो उसका जीवन भी 6 माह का शेष बचा होता है.
अस्वीकारण : यह सभी संकेत शिव पुराण में वर्णित हैं, इसका आधार कितना सत्य है, इसकी पुष्टि पंडित प्रदीप मिश्रा जी और न्यूजमग.इन नहीं करता है. इन संकेतों में कितनी सच्चाई है इसके प्रमाण स्पष्ट नहीं है.
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