Tulsidal Tips: किस दिन नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी का पत्ता
Tulsidal Tips: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही औषधीय महत्व है. यह अमूल्य पौधा जिस घर में होता है वहां सुख-समृद्धि का वास होता है. एकादशी तिथि के दिन इसका विशेष महत्व है. खासकर भगवान विष्णु व कृष्ण पूजन इसके बिना संपूर्ण नहीं माना जाता. हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं में भी तुलसीदल की विशेष महिमा बताई गई है. तुलसीदल कभी बासी नहीं माना जाता, न ही ये किसी चीज से अपवित्र होता है.
आयुर्वेद की कई औषधियों में भी तुलसीदल का प्रयोग किया जाता है. वास्तु में भी इसकी अनमोल महिमा बताई गई है. तुलसी का पौधा सही स्थान पर हो तो आय में वृद्धि देने वाला कहा गया है. इसलिए हमेशा तुलसी को घर के उत्तर और पूर्व दिशा में लगाना चाहिए.
तुलसीदल से संबंधित विशेष बातें
- भगवान गणेश को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.
- तुलसी के पौधे और पत्तियों को बिना नहाए नहीं छूना चाहिए और न ही कभी तोड़ना चाहिए.
- तुलसी के पत्ते हमेशा उंगलियों के पोरों से तोड़ने चाहिए. नाखून के प्रयोग से नहीं.
- तुलसी का पौधा सूख गया हो तो उसे फेंकना नहीं चाहिए बल्कि नदी में प्रवाहित कर देने चाहिए. या जमीन में दबा देना चाहिए.
- रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
- एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.
- सूर्य संक्रान्ति, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण के समय पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.
- शाम के समय में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
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