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बेटी दिवस क्यों मनाया जाता हैं | Why we celebrate Daughter’s Day

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बेटी दिवस क्यों मनाया जाता हैं | Why we celebrate Daughter’s Day

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Daughter’s Day : भारत में महिलाओं को शक्ति के रूप में पूजा जाता है. अर्थात सनातन धर्म में शक्ति को माता के नौ रुपों में विभाजित किया गया है. बेटियों को विशेष अहसास दिलाने के लिए बेटी दिवस मनाया जाता है. भारत में इसे प्रतिवर्ष सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है. इस वर्ष बेटी दिवस 25 सितंबर 2022, रविवार को मनाया जाएगा. यह दिन विशेष तौर से बेटियों काे सम्मान और उपहार भेंट किए जाने का दिन होता है. बताते चलें कि, भारत में महिलाओं को सम्मान और आदर के भाव से देखा जाता है. कुछ वर्षों पूर्व तक महिलाओं को तिरस्कृत होना पड़ता था.

उन्हें पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की मनाही थी, लेकिन आज समय बदल चुका है. दुनिया में ऐसा कोई कार्य क्षेत्र नहीं है जहां पर स्त्रियों की भूमिका नग्ण्य हो. वैसे तो बेटियों के लिए हर दिन विशेष होता है लेकिन बेटियों को महत्व देने के लिए बेटी दिवस यानी डॉटर्स डे (Daughter’s Day) मनाया जाता है. इस दिन पिता अपनी बेटी को समय देते हैं, उन्हें उपहार और पर्यटन स्थल पर भ्रमण कराते हैं. प्रतिवर्ष सितंबर के चौथे रविवार को इस दिन को उत्साह और उमंग के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल 26 सितंबर को डॉटर्स डे पड़ रहा है.

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बेटी दिवस क्यों मनाया जाता हैं।

क्यों मनाया जाता है बेटी दिवस? (Why we celebrate Daughter’s Day)

भारतीय पैरेंट्स बेटियों को सम्मान और प्यार जताने के लिए बेटी दिवस (Beti Diwas) मनाया जाता है. भारत में केवल बेटियों के लिए ही नहीं, बेटा (Son’s Day, 11 August), मां (Mother’s Day, 10 May), पिता (Father’s Day, 21 June) और यहां तक की दादा-दादी (Grandparent’s Day) के लिए भी साल में एक बेहद खास दिन सेलिब्रेट करने के फिक्स होता है.

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दूसरी ओर भारत में बेटी दिवस मनाने के पिछे एक दूसरा और सुखद कारण यह भी है कि, बेटियों की शिक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है. साथ ही कन्या भ्रण हत्या पर अंकुश लगाना है. इतना ही नहीं बेटी को ना पढ़ाना, उन्हें जन्म से पहले मारना, घरेलू हिंसा, दहेज और दुष्कर्म से बेटियों को बचाने के लिए भारतीयों को जागरुक करना. उन्हें यह समझाना कि बेटियां बोझ नहीं होती, बल्कि आपके परिवार का एक अहम हिस्सा होती हैं.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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