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Pushya Nakshatra 2022: पुष्य नक्षत्र कब हैं ? इसका महत्व, जानें इसकी रहस्यमयी खूबियां

Guru Pushya Nakshatra 2022 पुष्य नक्षत्र कब हैं ? इसका महत्व, जानें इसकी रहस्यमयी खूबियां, मुर्हूत, राशि 

सनातन संस्कृति में कार्तिक माह बेहद ही शुभ माना जाता है, कार्तिक माह के शुरु होते ही पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की सुगबुगाहट शुरू हो जाती है। उन्हीं में से एक विषेश मुर्हूत है “पुष्य नक्षत्र”, इस वर्ष गुरु पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर 2022 को मंगलवार के दिन हैं। दीपावली और धनतेरस के पूर्व हिंदू लोग भिन्न-भिन्न सामग्री जैसे- बर्तन, आभूषण, प्रॉॅपटी आदि खरीदते है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत के पूर्व पुष्य नक्षत्र को शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में जब भी कुछ विशेष चीज की खरीदी करना होती है तो पुष्य नक्षत्र को महत्व दिया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि शुभ मुर्हूत में की गई खरीदी और कार्य में आवश्यक रूप से सफलता मिलती है।

पुष्य नक्षत्र का महत्व | Guru Pushya Nakshatra Significance

हिंदू ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। त्योतिषी की मानें तो “कुल 27 तरह के नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बेहद ही लाभकारी और शुभ होते है, उनमें से सबसे शुभ और फलदायी गुरु पुष्य नक्षत्र माना जाता है” हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि, इस दिन धन और वैभव की देवी महालक्ष्मी का अवतरण हुआ था। इस नक्षत्र को पूरे वर्ष का सबसे शुभ मुर्हूत माना जाता है। इस मुर्हूत में किए गए कार्य और खरीदारी श्रेष्ठ होती है। इसलिए लोगों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। पुष्य नक्षत्र होने से अशुभ घड़ी भी शुभ बेला में परिवर्तित होती है, ग्रहों की विपरीत दिशा के बावजूद ये योग बेहद ही शक्तिशाली माना जाता है।

  • इस नक्षत्र में गुरू और शनि का प्रभाव होता है, इसलिए पुष्य नक्षत्र में सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है।
  • व्यापारी वर्ग इस दिन नया बही खाता खरीदकर उसकी पूजा करते है।
  • पुष्य नक्षत्र में पढ़ाई की शुरुआत, मंदिर या घर निर्माण कार्य की शुरुआत करना बेहद ही शुभ फलदायी होता है।
  • हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यता है कि, इस दिन शुरू किए गए कार्य, वस्तुओं की खरीदी हमेशा अक्षय रहेगी, मतलब कि, जिसका कभी क्षय नहीं होगा।
  • यह दिन धनतेरस और दीपावली के समान ही बेहद शुभ है।

पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदे ?

वैसे तो इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ मानी जाती है, लेकिन फिर भी आप शनि गुरु यति से बने इस योग में सोना-चांदी, आभूषण या फिर वाहन, फर्निचर, शेयर, प्रॉपर्टी, या आप किसी भी वस्तु में निवेश कर सकते हैं। जिसका परिणाम आपकों भविष्य में बहुत ही अच्छा देखने को मिलेगा।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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