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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता हैं | International Literacy Day 2022

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022 | International Literacy Day 2022 | अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022, गुरुवार 8 सितंबर को मनाया जाएगा

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022, गुरुवार 8 सितंबर को मनाया जाएगा

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास क्या हैं ?

Table of Contents

यूनेस्को द्वारा 7 नवंबर 1965 में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 8 सितंबर को मनाया जाएगा। निर्णय के बाद सन् 1966 में पहली बार इसे मनाने का क्रम शुरू हुआ, जो वर्तमान में भी जारी है। व्यक्ति, समाज और समुदाय में शत प्रतिशत साक्षरता बढ़ाने के उद्देश्य से इसे मनाए जाने की पहल शुरू की गई। जिसके बाद से पूरी दुनिया में इसे मनाना शुरु किया गया। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए वयस्क शिक्षा और साक्षरता की दर को प्रतिवर्ष और आगे बढ़ाने के लिए इस दिन को खासतौर पर मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह

शिक्षा पर वैश्विक निगरानी रिपोर्ट और शोध की मानें तो, हर पांच में से एक पुरुष और दो-तिहाई महिलाएं निरक्षर है, यानी कि अनपढ़ है। उनमें से कुछ के पास कम साक्षरता का गुण है यानी वह अक्षरों का ज्ञान रखती हैं, विड़बना यह है कि, भारत के कुछ प्रांतों में बच्चों से शिक्षा और स्कूल कोसों दूर है। सीधे शब्दों में कहा जाएं तो कई ग्रामीण इलाकों में आज भी स्कूल नहीं है। करी 58.6% की सबसे कम वयस्क साक्षरता दर दक्षिण और पश्चिम एशिया के नाम है। बुरकिना फासो, माली और नाइजर वो देश है जहाँ सबसे कम साक्षरता दर है।

यह पूरे विश्व में शिक्षा की खास विषय-वस्तु, कार्यक्रम के उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि आने वाले वर्षों में शिक्षा का स्तर सुधारा जा सकें। साल 2007 और 2008 में इस दिन की विषय-वस्तु साक्षरता और स्वास्थ्य था (टीबी, कॉलेरा, एचआईवी और मलेरिया जैसी फैलने वाली बीमारी से लोगों को बचाने के लिये महामारी के ऊपर मजबूत ध्यान देने के लिये)। वर्ष 2009 और 2010 का मुद्दा साक्षरता और महिला सशक्तिकरण था जबकि 2011 और 2012 के इस उत्सव का विषय साक्षरता और शांति था।

किसी भी समाज की साक्षरता के स्तर को बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है, समाज की जरूरतें। यानी सार्वजनिक चेतना को बढ़ावा देने के लिये इस दिन को मनाने का खास महत्व है। साक्षरता सुधार की मदद करने के लिये कुछ लेखकों ने लेख लिखे हैं वो हैं- मारगरेट एटवुड, पॉलो कोहेलहो, फिलीप डेलर्म, पॉल ऑस्टर, फिलीप क्लॉडेल, फैटेउ डियोम आदि और भी बहुत सारे। कुछ कंपनियाँ, दानी संस्थाएँ, वैश्विक विकास शोध केन्द्र, रोटरी अंतर्राष्ट्रीय, मौंटब्लैंक और राष्ट्रीय साक्षरता संस्थान भी सामाजिक साक्षरत को बढ़ावा देने में शामिल हैं। साक्षरता इंसान के जीवन को आकार देने के साथ ही उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाता है।

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है

मनाव के बौद्धिक विकास और समाज को शहरी आयामों से जोड़ने के लिए, आम नागरिकों को उनके अधिकारों का ज्ञान कराने के लिए साक्षरता बेहद ही जरूरी है। जीवित रहने के लिए जिस प्रकार भोजन लेना जरूरी है, ठीक उसी प्रकार समाज में सम्मान से रहने के लिए साक्षर होना बेहद ही जरूरी है। गरीबी को मिटाना, बाल मृत्यु दर को कम करना, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि को जड़ से उखाड़ने के लिए समाज में शिक्षित लोगों का होना बहुत जरुरी है। साक्षरता में वो दादागिरी है, जो समाज से भ्रष्टाचार और अन्य कुरितियों को उखाड़ फेंकता है।

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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय (थीम)

दर्जनों देशों में पूरे विश्व की निरक्षरता से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए कुछ सामरिक योजनाओं के कार्यान्वयन के द्वारा इसे शक्तिशाली बनाने के लिए प्रतिवर्ष 8 सितंबर को एक खास विषय पर अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस उत्सव मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का कुछ सालाना विषय हमारे द्वारा पोस्ट में क्रमानुसार दर्शाए गए हैं-

  • सामाजिक प्रगति प्राप्ति पर ध्यान देने के लिये 2006 का विषय “साक्षरता सतत विकास” था।
  • महामारी (एचआईवी, टीबी और मलेरिया आदि जैसी फैलने वाली बीमारी) और साक्षरता पर ध्यान देने के लिये 2007 और 2008 का विषय “साक्षरता और स्वास्थ्य” था।
  • लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के लिये “साक्षरता और सशक्तिकरण” 2009 का मुद्दा था।
  • वर्ष 2010 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता विकास को बनाए रखने” था।
  • वर्ष 2011 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम ” साक्षरता और महामारी (एचआईवी, क्षय रोग, मलेरिया, आदि जैसे संक्रमणीय बीमारियों) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “साक्षरता और स्वास्थ्य” था।
  • वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “लैंगिक समानता और महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “साक्षरता और सशक्तिकरण” था।
  • वर्ष 2013 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “शांति के लिए साक्षरता के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “साक्षरता और शांति” था।
  • वर्ष 2014 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “21 वीं शताब्दी के लिए साक्षरता” था।
  • वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता और सतत विकास” था।
  • वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता और सतत समाज” था।
  • वर्ष 2016में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “अतीत पढ़ना, भविष्य लिखना” था।
  • वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “डिजिटल दुनिया में साक्षरता” था।
  • वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता और कौशल विकास” था।
  • वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता और बहुभाषावाद (Literacy and Multilingualism)” था।
  • वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा (Literacy teaching and learning in the COVID-19 crisis and beyond)” था।

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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