Ashadha Gupta Navratri 2022 Date: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 कब हैं?
Ashadha Gupta Navratri 2022 Date: Ashadha Gupt Navratri 2022 starts on June 30, Thursday and ends on July 08, Friday आषाढ़ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) के नाम से जाना जाता है. गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 से शुरू हो रही हैं. आषाढ़ नवरात्रि जून-जुलाई माह के बीच में आती है. इन दिनों माता दुर्गा की 9 दिनों तक पूरे श्रद्धा से पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है. पौष, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है.
Important Timings On Ashadha Gupt Navratri 2022
सूर्य उदय | 30 June, 2022 05:48 AM. |
सूर्यास्त | 30 June, 2022 07:12 PM. |
प्रतिपदा तिथि शुरू | 29 June, 2022 08:22 AM. |
प्रतिपदा तिथ समाप्त | 30 June, 2022 10:49 AM. |
अभिजीत मुहूर्त शुरू | June 30, 12:03 PM – June 30, 12:57 PM |
घटस्थापना मुहूर्त | June 30, 05:48 AM – June 30, 10:16 AM |
गुप्त नवरात्रि कथा (Gupt Navratri katha)
हिंदू धर्म की पौराणिक कथा के अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे. तभी अचानक भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और करबद्ध होकर ऋषि श्रृंगी से बोली कि मेरे पति दुर्व्यसनों से सदा घिरे रहते हैं जिस कारण मैं कोई पूजा-पाठ नहीं कर पाती. यहां तक कि ऋषियों को उनके हिस्से का अन्न भी समर्पित नहीं कर पाती थी.
मेरा पति मांसाहारी हैं, जुआरी है, लेकिन मैं मां दुर्गा की सेवा करना चाहती हूं, उनकी भक्ति-साधना से अपने और परिवार के जीवन को सफल बनाना चाहती हूं. ऋषि श्रृंगी महिला के भक्तिभाव से बहुत प्रभावित हुए. ऋषि ने उस स्त्री को आदरपूर्वक उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित है, लेकिन इसके अतिरिक्त 2 नवरात्रि और भी होते हैं जिन्हें ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की उपासना होती है और गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है. इन नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है. यदि इन गुप्त नवरात्रि में कोई भी भक्त माता दुर्गा की पूजा-साधना करता है, तो मां उसके जीवन को सफल कर देती हैं.
ऋषि श्रृंगी ने आगे कहा कि लोभी, कामी, व्यसनी, मांसाहारी अथवा पूजा-पाठ न कर सकने वाला भी यदि गुप्त नवरात्रों में माता की पूजा करता है, तो उसे जीवन में कुछ और करने की आवश्यकता ही नहीं रहती. उस स्त्री ने ऋषि श्रृंगी के वचनों पर पूर्ण श्रद्धा करते हुए गुप्त नवरात्रि की पूजा की. मां उस पर प्रसन्न हुईं और उस स्त्री के जीवन में परिवर्तन आने लगा. उसके घर में सुख-शांति आ गई. पति, जो गलत रास्ते पर था, सही मार्ग पर आ गया. गुप्त नवरात्रि की माता की आराधना करने से उनका जीवन पुन: खिल उठा.
- Day 1: Pratipada Tithi – Ghatasthapana and Shailpurti Puja
- Day 2: Dwitia Tithi – Brahmacharini Puja
- Day 3: Tritiya Tithi – Chandraghanta Puja
- Day 4: Chaturthi Tithi – Kushmanda Puja
- Day 5: Panchami Tithi – Skandamata Puja
- Day 6: Shasthi Tithi – Katyayani Puja
- Day 7: Saptami Tithi – Kalaratri Puja
- Day 8: Ashtami Tithi – Maha Gauri Puja
- Day 9: Navami Tithi – Siddhidatri Puja
- The 10th day is observed as Vijaya Dashami Puja and brings an end to the Navratri festivities.
इसे भी पढ़े :