Surya Jayanti 2023 – This festival is also known as Ratha Saptami, Achala Saptami, Magha saptami.
Achala Saptami 2023 Date: हिंदू धर्म में माघ मास की शुक्ल पक्ष की अचला सप्तमी सभी सप्तमी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाती है. विभिन्न प्रांतों में इसे रथ, अरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल अचला सप्तमी 19 फरवरी 2021 को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यता है कि, इस दिन सात जन्म के पाप को दूर करने के लिए रथारूढ़ सूर्यनारायण का पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन सूर्य ने सबसे पहले विश्व को प्रकाशित किया था. इसे सूर्य जयंती के नाम से भी जानते हैं.
Surya Jayanti 2023 – Ratha saptami 2023 – Achala Saptami 2023 | सूर्य जयंती कब है? रथ सप्तमी 2023 – अचला सप्तमी 2023
माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य जयंती, रथ सप्तमी या अचला सप्तमी का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन मुख्य रूप से सूर्य देव को समर्पित व्रत किया जाता है. साल 2023 में सूर्य जयंती और रथ सप्तमी 28 जनवरी 2023, दिन शनिवार को है.
सूर्य जयंती 2023 तारीख रथ सप्तमी 2023 तारीख अचला सप्तमी 2023 तारीख | 28 जनवरी 2023, शनिवार |
Surya Jayanti 2023 Date Ratha Saptami 2023 Date Achala Saptami 2023 Date | 28 January 2023, Saturday |
माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि की जानकारी
दोस्तों जैसा कि, हम सभी को विधित है कि, सूर्य जयंती और रथ सप्तमी का व्रत माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है. इसलिए सभी व्रत साधकों को माघ शुक्ल सप्तमी तिथि के बारे में जानकारी होना बेहद ही आवश्यक है. 28 जनवरी 2023, शनिवार को प्रातः काल में पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत ही शुभ है.
माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ | 27 जनवरी 2023, शुक्रवार 09:10 am |
माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त | 28 जनवरी 2023, शनिवार 08:43 am |
सूर्य जयंती | रथ सप्तमी का महत्व (Importance of Surya Jayanti | Ratha Saptami
- रथ सप्तमी का दिन भगवान सूर्य देव का जन्म दिन माना गया है. इसे सूर्य देव जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है.
- सूर्य देव की आराधना और स्तुति करना रथ सप्तमी के दिन बहुत ही मंगलकारी माना गया है.
- इस दिन व्रत करना भी शुभ फल देता है.
- साथ ही रथ सप्तमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण करना भी बहुत ही शुभ माना गया है.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य जयंती के दिन सूर्य देव की आराधना करने, पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण करने से मनुष्य को उत्तम स्वास्थ्य, जीवन में सफलता, धन वैभव में बढ़ोतरी आदि की प्राप्ति होती है.
- रथ सप्तमी के दिन दान पूण्य करना भी बहुत ही शुभ फलदायक माना गया है.
- रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है.
- मान्यता के अनुसार इस दिन सभी नियमों का पालन करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण करने से शारीरिक रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
- अचला सप्तमी के दिन सूर्यदेव की आराधना करने से अक्षय फल मिलता है.
- पूजन करने से भगवान सूर्य अपने उपासकों कों सुख-समृद्धि एवं अच्छी सेहत का आशिष देते हैं.
- इसे आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.
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अचला सप्तमी पूजा विधि (Achala Saptami Puja Vidhi)
सप्तमी की अलसुबह स्नान करने के बाद सूर्य का ध्यान कर गन्ने से जल को नहलाना चाहिए. जिसके बाद कर- ‘नमस्ते रुद्ररूपाय रसानां पतये नम:. वरुणाय नमस्तेऽस्तु’- पढ़ कर दीपक को बहाना चाहिए. मंत्र पढ़ने के बाद सूर्य की अष्टदली प्रतिमा बना लें. जिसके बाद शिव और पार्वती को स्थापित कर विधिपूर्वक पूजन करें. फिर तांबे के पात्र में चावल भर कर दान करें. जो लोग नदी में स्नान नहीं कर सकते, वे गंगा का स्मरण कर, गंगा जल डाल कर स्नान कर सकते हैं. इस तिथि को शाम के समय सूर्य को दीपदान जरूर करना चाहिए.
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