World Food Day Quotes in Hindi : खाद्य और कृषि संगठन के सदस्य देशों ने नवंबर 1979 में 20वें महासम्मेलन में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना की और 16 अक्टूबर 1981 को विश्व खाद्य दिवस मनाने की शुरुआत की. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 5 दिसंबर 1980 को इस निर्णय की पुष्टि की गई और सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय संगठनों से विश्व खाद्य दिवस मनाने में योगदान देने का आग्रह किया. 1981 से, विश्व खाद्य दिवस (World Food Day 2024) हर साल आयोजित किया जाता है. हम आपके लिए विश्व खाद्य दिवस के अनमोल विचार । World Food Day Quotes in Hindi लेकर आएं हैं, अनुरोध है कि आप इसे अपने शुभचितंकों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे.
कब हुयी थी इस दिन की शुरुआत
इस दिन की शुरुआत सबसे पहले 1945 में रोम में ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ (Food and Agriculture Organization, FAO) द्वारा स्थापना की गई थी. इस साल की थीम इस दिन को मनाने के लिए हर साल एक नई थीम चुनी जाती है. इस साल की थीम Leave No One Behind यानी किसी को पीछे न छोड़ें.ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या होता है?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति बताता है. इस लिस्ट को हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प (जर्मनी में Welthungerhilfe) नामक यूरोपीयन NGO तैयार करते हैं. दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन कर इंडेक्स को तैयार किया जाता है.
विश्व खाद्य दिवस के अनमोल विचार । World Food Day 2024
मैं गरीब का बच्चा था , इसलिए भूखा रह गया पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर घर का था
कतार बहुत लंबी थी इसलिए सुबह से रात हो गई दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा अधूरा ख्वाब हो गई
गरीब नहीं जानता क्या है मजहब उसका
जो बुझाए पेट की आग वही है रब उसका
जो जिनके हाथों में हर वक्त छाले रहते हैं आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं
खुदा के दिल को भी सुकुन आता होगा
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा
कुचल कुचल के न फूटपाथ को चलो इतना
यहां पे रात को मजदूर ख्वाब देखते हैं
अमीरी ने सिखाया जीना दौलत तौल के मुफलिसीने सिखाया जीना मीठा बोल के
तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे हें दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे हैं
फेंक रहे हो जो तुम खाना क्योंकि, थोड़ी इज्जत से फेंकना साहेब
मेरी बेटी कल से भूखी है
मुझे देखकर मुंह मत मोड़ों दुनियावालों
मुझे भी उसी ने बनाया है जिसने आपकों अमीर बनाया है
अमीर के घर पर बैठा कौआ भी मोर लगता है गरीब का भूखा बच्चा भी चोर लगता है
दिखाने को दुःख तो सभी जताते हैं मगर कोई भी आँसू क्यों नहीं पोछता, अपनी रोटी में से एक किसी और को दे दूं इस बात को कोई क्यों नहीं सोचता, जिस दिन इस देश के लोगों की सोच बदल जायेगी, यकीन मानिये हमारे देश में गरीबी और भुखमरी दूर दूर तक नज़र नहीं आयेगी.
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