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सीमा पर तैनात सैनिक भाई को पत्र

सीमा पर तैनात सैनिक भाई को पत्र |
Letter to your brother who is Posted on Border telling him About Corona And Lockdown

नमस्कार पाठकों आशा करता हूँ कोराना संक्रमण के दौर में आप सभी स्वस्थ होंंगे. जब तक महामारी से निजात नहीं मिल जाती तब तक आप फेस मास्क को जरूर पहने, दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखें. कोरोनो महामारी के कारण पूरी दुनिया प्रभावित हुई. मनुष्य प्रजाति का कोराेना महामारी के कारण मानसिक रूप से अत्यधिक प्रभावित हुई हैं. भारत में मिडिल क्लास और गरीब परिवार को आर्थिक रूप से बहुत प्रभावित हुए हैं. निम्नलिखित पत्र के माध्यम के से आप सीमा पर तैनात सैनिक भाई को पत्र आवेदन कर कोरोना और उससे संबंधी चीजों के बारे में विस्तृत विवरण दे सकते हैं.

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सीमा पर तैनात सैनिक भाई को पत्र | Letter to your brother who is Posted on Border

01, जवाहर मार्ग
उज्जैन, म.प्र
16 अप्रैल 2021

आदरणीय रमेश भैया,
सादर चरण स्पर्श!

ईश्वर की असीम कृपा से आप सभी सैनिक भाई स्वस्थ्य होंगे. आशा है सीमा पर आप और आपके साथी सैनिक भाई सकुशल होंगे! हम सब भी यहां कुशल-मंगल से हैं!

आपको यह बात जानकर बेहद खुशी होगी कि पिताजी-माताजी ने कोविड-19 के टीके का पहला डोज़ प्राथमिकता से लगवा लिया है और दोनों स्वस्थ हैं. कुछ दिनों के अंतराल में उन्हें दूसरा और अंतिम डोज़ लगेगा.

हमारे भारतवर्ष और पुरे विश्व में कोरोना वायरस बेहद ही कठोर परीक्षा ले रहा है. साल 2019 दिसंबर में चीन के वुहान से शुरु हुए इस संक्रमण ने अब तक लाखों लोगों की जान ले ली हैं. चारो ओर हाहाकार मची हुई है.रेमेडिसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की शॉटेज होने के कोरोना से जूझ रहे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. जिन मरीजों की मौत हो रही है उनके परिजनों पर वृजपात हो रहा है. लेकिन भारत इस वायरस का डटकर मुकाबला कर रहा है और दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. भारत ने कोरोना से निपटने के लिए – आरोग्य सेतु ऐप, लॉकडाउन, आवागमन/ट्रेवल पर प्रतिबंध और तीन सुनहरे नियमों का प्रचार जैसे जो कदम उठाए हैं, वो काफी कारगर साबित हुए हैं.

आपके सुझाव पर घर व आस-पड़ोस में सभी ने ‘आरोग्य सेतु ऐप’ को डाउनलोड कर लिया है. मास्क, हाथ बार-बार धोना व 6 फिट की दूरी के तीन सुनहरे नियमों का भी हम ठीक से पालन कर रहे हैं. हम लोगों ने आवागमन को भी कम से कम कर दिया है और आवश्यक होने पर ही बाहर निकलते हैं.

बीते साल की बात करें तो लॉकडाउन के समय तो पूरी कॉलोनी में सन्नाटा था और कोरोना-वॉरियर्स के प्रोत्साहन के लिए सबने जमकर थालियां बजाकर उत्साह वर्धन किया था. डॉक्टर-नर्स, मेडिकल कर्मी, सफाई-कर्मी, पुलिस, डिलीवरी पर्सन, एंबुलेंस ड्राइवर आदि, ये कोरोना-वॉरियर्स स्वयं के प्राण जोखिम में डालकर इस संकटकाल में देश की सेवा कर रहे हैं.

उपलब्ध जानकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता हैं. कोरोना-पीड़ित बहनों-भाइयों की खांसी, छींक या श्वसन के दौरान जो बारीक नम बुंदें हवा में निकलती है, उनमें कोरोना संक्रमण फैलता है. ऐसे समय यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति उनके समीप हो तो यह नम बुंदें श्वास लेने के दौरान वह अपने भीतर ले सकता है और तब उसे भी कोरोना हो जाता है. इतना ही नहीं यह नम बूंदें विभिन्न सामानों-स्थानों की सतहों पर या स्वस्थ व्यक्ति के हाथ पर भी गिर सकती है.

कोरोना संक्रमण वाली सतह पर हाथ रखने पर यह तेजी से वायरस स्वस्थ व्यक्ति के हाथ पर चला जाता है.जहां से हाथ के जरिय से यह नाक, मुंह या आँख के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे भी कोरोना-पीड़ीत बना देता हैं. तीन सुनहरे नियम इसीलिए बहुत उपयोगी है.

कोरोना संक्रमण की अभी कोई पुख्ता मेडिसीन नहीं बनी हैं. हालांकि, भारत ने इस वायरस से निपटने के लिए दो स्वदेशी टीके बना लिए है. टीके से यह रोग लोगों को होगा ही नहीं और चिकित्सा की आवश्यकता पड़ेगी ही नहीं. यह स्वदेशी टीके भारत अन्य देशों को भी ‘वैक्सीन मैत्री’ अभियान के अंतर्गत उपलब्ध करा रहा है.

कोरोना हो या कोई और दुश्मन, भारतीय सैनिक दुश्मनों से लड़ना बहुत अच्छे से जानते हैं. इसके बावजूद आपको कुछ बातें कहना चाहता हुं. गश्त के दौरान हैंड सेनिटाइजर साथ रखना, हथियारों को भी सेनिटाइज करना, इधर-उधर कहीं भी हाथ मत लगाना, मुंह व नाक को ठीक से मास्क से ढककर रखना, साथी सैनिक भाइयों से 6 फिट की दूरी बनाएं रखना, गाड़ियों-दिवारों से भी दूरी बनाए रखना, जरुरी कारण ना हो तो बाहर मत निकलना. ।

प्यारे भाई! अंत में यही कहुंगा कि आप और समस्त सैनिक भाइयों पर हमारे पुरे परिवार को ही नहीं बल्कि सभी 130 करोड़ देशवासियों को बहुत गर्व है. भारतीय सेना, भारत के बाहुबल, वीरता, बलिदान और गौरव का आभास कराती है. आप और सभी सैनिक भाइयों व उनके परिवारों के लिए प्रभु कृपा की कामना के साथ पत्र को विराम दे रहा हूं.

आपका छोटा भाई

क ख ग (स्वयं का नाम)

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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