Surya Grahan 2023 सूर्य ग्रहण क्यों लगता है
दोस्तों जैसा कि हम सभी को विधित है कि, सूर्य ग्रहण इसलिए लगता है क्योंकि पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रहण होता है। इस प्रकार की परिस्थिति में सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा के कारण छिप जाता है। और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुँच पाता है। जब पृथ्वी,सूर्य और चन्द्रमा तीनों ही एक स्थान पर आ जाते हैं तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा
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हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण का कारण राहु और केतु को माना गया है। सनातन संस्कृति की पौराणिक कथा में सुनने को मिलता है कि, समुन्द्र मंथन के बाद जब अमृत को लेकर देवताओ और असुरो में विवाद हुआ तो भगवान श्री विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया।
भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप से असुरो को अपने मोह जाल में फंसाकर देवताओ से अलग बिठाया और एक एक कर अमृत पान करवाने लगे मोहिनी रूप में भगवान विष्णु देवताओ को अमृत का पान करवा रहे थे लेकिन असुरो को उन्होंने अपनी माया से कोई और ही पेह पदार्थ पिलांना शुरू कर दिया।
भानु नाम का असुर यह बात समझ बैठा और वह देवताओं का रूप बदल कर देवताओ की कतार के बीच जा बैठा। मोहिनी अभी राहु को अमृत पीला ही रही थी की सूर्य देव और चंद्र देव ने उसे पहचान लिया यह देख विष्णु भगवान ने सुदर्शन चक्र से राहु के सर उसके धड़ से अलग कर दिया परन्तु राहु अमृत पी चूका था। इसलिए उसकी मृत्यु नही हो सकती थी।
कथा के अनुसार उसके सर वाला भागराहु और धड़ वाला भाग केतु के नाम से जाना गया अब सूर्य और चंद्र ने राहु को अमृत पीते हुए पहचान लिया था इसलिए राहु दोनों को अपना दुश्मन मानता है और ग्रहण के समय उन्हें ग्रास लेता है इस वजह से चंद्र और सूर्य ग्रहण लगते है !
सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?
- सूर्य ग्रहण के पूर्व और बाद में स्नान करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम कार्य करना वर्जित होता है।
- सूर्य ग्रहण के समय भोजन करना वर्जित माना गया है।
- सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को किसी भी प्रकार की कोई सब्जी या कुछ भी काटना या छीलना नहीं चाहिए।
- ग्रहण के समय भोजन नहीं पकाना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए ,सूर्य ग्रहण के समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद ताजा भोजन बनाए।
FAQ’S
सूर्य ग्रहण कब है?
सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल दिन गुरुवार सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर लगेगा और 12 बजकर 29 मिनट तक है।
सूर्य ग्रहण में मंदिर क्यों बंद रखते है?
ग्रहण में मंदिर इसलिए बंद रखते है की ग्रहण की नकरात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।
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