सत्यनारायण कथा पूजन सामग्री लिस्ट | Satyanarayan Katha Puja Samagri List
हिंदू धर्म में भगवान सत्यनारायण की कथा कराया जाना बेहद ही शुभ माना जाता है. सनातन संस्कृति में भगवान सत्यनारायण को विष्णु का अवतार माना जाता है. किवंदति है कि, यदि कोई भी जातक पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ घर पर कराता है, तो उसके घर में सुख समृद्धि आती है. घर से द्ररिता दूर होती है. पारिवारिक कलह से निजात मिलती है. भारतीय लोगों द्वारा इस पूजा को बेहद ही शुभ ही फलदायी माना जाता है. दोस्तों क्या आप भी भगवान विष्णु के अवतार भगवान सत्यनारायण कथा पूजन सामग्री लिस्ट | Satyanarayan Katha Puja Samagri List के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो हम आपकों पोस्ट के जरिए सत्यनारायण पूजन सामग्री लिस्ट | Satyanarayan Puja Samagri List In Hindi | सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी | सत्यनारायण भगवान की आरती लिरिक्स के बारे में विस्तार पूर्वक बताने जा रहे हैं. जैसा कि हमें पूर्व से विधित है कि, हिन्दू धर्म में सत्यनारायण पूजा या पूजन का बहुत ही ख़ास महत्व है.
सत्यनारायण कथा पूजन सामग्री लिस्ट | Satyanarayan Katha Puja Samagri List
सामग्री लिस्ट: सत्यनारायण पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी में निम्नवत है
- चौकी
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा
- पूजा, पूजन के लिए सत्यनारायण की फोटो या पीली मूर्ति
- दीपक
- घी
- धूपबत्ती
- कपूर
- केसर
- चंदन
- केले के पत्ते
- पंचामृत
- तुलसी दल
- कलश (तांबे या मिट्टी का)
- सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
- लाल या पीला कपड़ा (आधा मीटर)
- दीपक 3 नग ( 1 बड़ा+2 छोटे )
- ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
- नारियल, दूर्वा
- 5 नग पान के पत्ते
- खुले फूल 500 ग्राम
- फूलमाला, कुशा व दूर्वा
- पंचमेवा, गंगाजल
- शहद, शक्कर
- शुद्ध घी, दही
- दूध, ऋतुफल
- मिष्ठान्न
- यज्ञोपवीत
- रोली
- चावल
- हल्दी
- कलावा
- रुई, सुपारी
- आसन इत्यादि पूजन सामग्री
Satyanarayan Puja Mantra | सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित
भगवान श्री सत्यनाराण की कथा व पूजन विधि निम्नवत है : –
- बाएँ हाथ में जल ले उसके बाद मंत्र का उच्चारण करते हुए.
- अपने ऊपर जल का छिड़काव करें.
सत्यनारायण पूजा मंत्र निम्नवत है.
- ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
- यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः॥
- पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं।
सत्यनारायण भगवान की आरती लिरिक्स
- जय लक्ष्मी रमणा, जय श्रीलक्ष्मी रमणा ।
- सत्यनारायण स्वामी जन- पातक- हरणा ।।
- रत्नजटित सिंहासन अदभुत छबि राजै ।
- नारद करत निराजन घंटा-ध्वनि बाजै ।।
- प्रकट भये कलि-कारण, द्विजको दरस दियो ।
- बूढ़े ब्राह्मण बनकर कंचन-महल कियो ।।
- दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी ।
- चन्द्रचूड़ एक राजा, जिनकी बिपति हरी ।।
- वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीँ ।
- सो फल फल भोग्यो प्रभुजी फिर अस्तुति कीन्हीं ।।
- भाव-भक्ति के कारण छिन-छिन रुप धरयो ।
- श्रद्धा धारण कीनी, तिनको काज सरयो ।।
- ग्वाल-बाल सँग राजा वन में भक्ति करी ।
- मनवाँछित फल दीन्हों दीनदयालु हरी ।।
- चढ़त प्रसाद सवायो कदलीफल, मेवा ।
- धूप – दीप – तुलसी से राजी सत्यदेवा ।।
- सत्यनारायण जी की आरती जो कोई नर गावै ।
- तन मन सुख संपत्ति मन वांछित फल पावै ।।
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