साधना बिना माला मंत्र की कैसे की जा सकती है | Sadhna Bina Mala Mantra Kaise Kare
मंत्र साधना आनादी काल से उपासकों के लिए बेहद खास क्रिया रही है। साधना के जरिए मानसिक और आध्यामिक शक्ति को पाया जा सकता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में साधना का बेहद ही खास महत्व बताया गया है। साधना लोगों के जीवन में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका रखती है, मुख्य रुप से साधना माला मंत्र के द्वारा ही की जाती है। लेकिन आप लोग शायद ही जानते होंगे कि, एक दिन की साधना बिना माला मंत्र की कैसे की जा सकती है, यदि आपको इसके बारे में सूक्ष्म ज्ञान भी नहीं है तो पाेस्ट के जरिए हम आपकों इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस रोचक पोस्ट के जरिए हम आपकों बताने जा रहे है कि, एक दिन की साधना बिना माला मंत्र की कैसे की जा सकती है, हम आपको इस विषय से जुड़ी करीब-करीब सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करेंगे। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
एक दिन की साधना बिना माला मंत्र की कैसे की जा सकती है?
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सनातन संस्कृति के अंतर्गत साधना का बेहद ही महत्वपूर्ण योगदान है। जैसा कि हम सभी को विधित है, कि, साधना के लिए किसी भी व्यक्ति को माला मंत्र की आवश्यकता होती है, जिसके अंतर्गत साधना के वक्त मन किसी मंत्र को पढ़ता है।
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल है, कि क्या बिना मंत्र या फिर बिना माला मंत्र की साधना की जा सकती है, तो आपका ज्ञान बढ़ाने के लिए बता दें कि, ऐसा करना बिल्कुल भी संभव नहीं है। बिना माला मंत्र की कोई भी साधना नहीं की जा सकती है, लोक मान्यता है कि,यदि कोई भी व्यक्ति बिना मंत्र या फिर बिना माला के साधना करने का प्रयत्न करता है, तो वह विचलित हो सकता है जो उसके लिए काफी बुरा साबित हो सकता है।
अध्यात्मिक साधना किसे कहते हैं?
जो भी साधक साधना के अंतर्गत अपनी रुचि रखता है या फिर जिसको साधना करना है, तो उसे आध्यात्मिक साधना के बारे में जानकारी होना बेहद ही जरूरी है।आध्यात्मिक साधना को ब्रह्म साधना भी कहा जाता है, कारण इस आध्यात्मिक साधना के अंतर्गत ब्रह्मांड के ज्ञान तथा ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति होती है, इसलिए आध्यात्मिक साधना या फिर ब्रह्म साधना के नाम से जाना जाता है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि, जो भी साधक साधना के अंतर्गत अपनी रुचि रखता है या फिर आध्यात्मिक साधना के अंदर अपना मन रखता है, उसको आगे चलकर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
स्तुति साधना क्या है?
दोस्तों जब भी हम देवी देवताओं का पूजन करते हैं, तो हम अलग-अलग प्रकार के मंत्र को बोलते हैं, या फिर उनके मंत्रों का गायन करते हैं, इसके अलावा उन मंत्रों के गायन के समय है उनकी भक्ति के अंतर्गत जान मगर हो जाते हैं तो इस प्रकार की साधना को ही स्तुति साधना कहा जाता है।
FAQ
क्या बिना माला के मंत्र जाप कर सकते हैं?
मंत्र जप के लिए यदि माला उपलब्ध न भी हो तो आसान विधि से निश्चित संख्या में मंत्र जाप किया जा सकता है। यह है तरीका- कर्मला यानी उंगलियों पर मंत्रों को गिनकर मंत्र जप करना।
चलते फिरते मंत्र जाप करने से क्या होता है?
यह जप करने वाले को हर चरण में सफलता दिलाती है। वह प्राणी जिसमें राम नाम का वास स्थायी रूप से होता है। बिना किसी के चलते, उठते-बैठते, हर चरण में राम नाम का जाप होता है।
सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
गायत्री मंत्र को शास्त्रों में बहुत शक्तिशाली बताया गया है। इतना ही नहीं इसे महामंत्र कहा गया है। गायत्री मंत्र ‘ओम भुर्भावः स्वाः तत्सवितुर्वारेण्यम भार्गो देवस्य धिमहि ध्यो यो ना: प्रचोदयात’ 24 अक्षरों से बना है।
मंत्र कितने दिन में सिद्ध होता है?
इसी प्रकार निरंतर जप का अभ्यास करने से वह मंत्र आपके मन में इस प्रकार स्थिर हो जाता है कि वह नींद में भी चलता रहता है और अंत में एक दिन वह मंत्र सिद्ध हो जाता है।
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