महत्वपूर्ण जानकारी
Table of Contents
- फुलेरा दूज 2024
- मंगलवार, 12 मार्च 2024
- द्वितीया तिथि प्रारंभ – 11 मार्च 2024 को सुबह 10:44 बजे
- द्वितीया तिथि समाप्त – 12 मार्च 2024 को सुबह 07:13 बजे
- क्या आप जानते हैं: फुलेरा दूज एक ऐसा दिन है जो सभी दोषों से मुक्त है। इसलिए सभी शुभ कार्यों विशेषकर विवाह समारोहों में फुलेरा दूज के दिन किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। इस दिन भारत में सबसे ज्यादा विवाह होते है।
दोस्तों पोस्ट के जरिए हम जानेंगे Phulera Dooj 2024 Kab Hai | फुलेरा दूज 2024 में कब हैं तारीख, महत्व फुलेरा दूज कब है? फुलेरा दूज 2024 तारीख, फुलेरा दूज का महत्व तथा फुलेरा दूज से संबंद्धित अन्य धार्मिक जानकारी। आपकों मालूम होना चाहिए कि भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए फुलेरा दूज का त्यौहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। फुलेरा दूज का त्यौहार होली पर्व के के आने के संकेत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण जी के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। कृष्ण भक्तों को इस दिन प्रभु श्री कृष्ण के विशेष दर्शन होतें हैं.
फुलेरा दूज 2024 में कब है? (Phulera Dooj 2024)
फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है. साल 2024 में फुलेरा दूज का त्यौहार 12 मार्च 2024, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा.
फुलेरा दूज 2023 तारीख | 12 मार्च 2024, मंगलवार |
Phulera Dooj 2023 Date | 12 March 2024, Tuesday |
अब हम लोग फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि के बारे में जानकारी
आपकों उपरोक्त लेख में बताया गया है कि, फुलेरा दूज का त्यौहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाई जाती है. इस कारण से हम सबको फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि के प्रारम्भ और समाप्त होने के समय के बारे में जानकारी अमावस्या होनी चाहिए.
फुलेरा दूज का महत्व | Importance of Phulera Dooj
- फुलेरा दूज पावन उत्सव है।
- उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र के लिए फुलेरा दूज का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता है।
- फुलेरा दूज को होली के आगमन और होली की तैयारी के त्यौहार के रूप में जाना जाता है.
- यह दिन श्री कृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण दिन होता है.
- फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण का फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाता है.
- इस दिन फूलों की रंगोली भी बनाई जाती है.
- श्री कृष्ण की मंदिरों को फूलों से सजाया जाता हैं.
- कृष्ण के संग फूलों की होली खेली जाती है.
- फुलेरा दूज के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है.
- किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए फुलेरा दूज का दिन पवित्र होता है।
- फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करना, श्री कृष्ण के भजन, मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना बेहद ही शुभ माना गया है।
- इस दिन से गुलरियाँ बनाने का कार्य प्रारम्भ किया जाता है।
- गुलरियाँ गाय के गोबर से बनाई जाती है. इसका इस्तेमाल होलिका दहन के दिन किया जाता है.लों से सजाया जाता है. फूलों की होली इस दिन खेली जाती है।
फुलेरा दूज की पौराणिक कथा
ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण लंबे समय से अपने कार्य में व्यस्त रहे थे। जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण राधा रानी से नहीं मिल पा रहे थे। राधा रानी अत्यंत दुखी रहने लगी थी। राधा रानी के दुखी होने के कारण प्रकृति पर विपरित प्रभाव पड़ने लगा, भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति की हालत को देख कर, राधा रानी का दुख और नाराजगी को दुर करने के लिए मिलने गये। जब भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी से मिलें तो राधा और गोपियां प्रसन्न हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़ा और राधारानी पर फेंक दिया। इसके बाद राधा ने भी कृष्ण पर फूल तोड़कर फेंक दिया। फिर गोपियों ने भी एक दूसरे पर फूल फेंकने शुरू कर दिए। हर तरफ फूलों की होली शुरू हो गई। यह सब फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था। तब से इस तिथि को फुलेरा दूज के नाम से एक त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा।
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FAQ’s Phulera Dooj 2024
Q.फुलेरा दूज का त्यौहार कब मनाया जाता है?
Ans.फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है.
Q.फुलेरा दूज के त्यौहार को अन्य किन नामों से जाना जाता है?
Ans.आप सबको बता दें की फुलेरा दूज त्यौहार को फुलैरा दूज, फुलरिया दूज नामों से जाना जाता है.
Q.फुलेरा दूज का त्यौहार किस भगवान से समबंद्धित त्यौहार है?
Ans.फुलेरा दूज का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण और राधा जी से संबंद्धित है.
Q.फुलेरा दूज का अर्थ ?
Ans. फुलेरा दूज एक ऐसा दिन है जो सभी दोषों से मुक्त है। इसलिए सभी शुभ कार्यों विशेषकर विवाह समारोहों में फुलेरा दूज के दिन किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। इस दिन भारत में सबसे ज्यादा विवाह होते है।