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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले ड्राइवर को नागदा एसडीएम ने दोबारा कार्य पर रखा

लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले ड्राइवर को नागदा एसडीएम ने दोबारा कार्य पर रखा । Nagda News: The driver who violated the lockdown kept the Nagda SDM on task again

नागदा। साल 2020 में प्रभावी किए लॉकडाउन के दौरान कोरोना गाईड लाईन का उल्लंघन करने पर एक शासकीय कर्मचारी पर कार्यवाही करते हुए अपने विभाग से हटाकर मूल पद के विभाग में पदस्थ किया था लेकिन वर्तमान  नागदा एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने उक्त कर्मचारी को दोबारा उसी विभाग में बुला लिया जहां पर उसने गाईड लाईन का उल्लंघन किया था।

दरअसल एसडीएम के वाहन चालक जमील खान द्वारा बीते साल 2020 में लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया था।  एसडीएम गोस्वामी के इस कदम पर हर कोई आश्चर्य कर विरोध भी कर रहा है। लेकिन कार्यवाही के डर से कोई भी खुल कर बोल नहीं पा रहा है।

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प्रतिकात्मक तस्वीर : सोर्स गूगल

क्या है मामला

गत वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान स्थानीय प्रशासन ने कोरोना मरीज मिलने से गाईड लाईन के तहत जवाहर मार्ग के एक क्षेत्र डॉ शर्मा की गली व अन्य गली को सील कर कंटेनेमेंट एरिया बनाया था।  इस गली में तत्कालीन एसडीएम आरपी वर्मा का वाहन चालक जमील खान भी रहता था।

शासकीय कर्मचारी होने के नाते उसे अन्य स्थान पर भेज दिया था ताकि वह डूयूटी पर आ सके। यह गली 8 अप्रैल 2020 से कुछ दिनों के लिए सील कि गई थी। 16 अप्रैल को चालक जमील ने नियमों का उल्लंघन कर गली में लगाए गए बैरिकेडस से घुस कर अपने परिजनों से मिलने पहुंच गए।

इसका विरोध कुछ लोगों ने किया था और मीडिया में भी मामला प्रकाशित हुआ था। एसडीएम वर्मा ने वाहन चालक जमील को इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने यह कहा था कि वह अंदर ही नहीं गए। बाद में सोशल मीडिया पर अंदर जाने का विरोध वायरल होने पर एसडीएम वर्मा ने चालक जमील पर भादवी की धारा 188 में प्रकरण दर्ज कर राजस्व विभाग से हटा दिया था।

जमील मूल रुप से जनपद पंचायत खाचरौद का कर्मचारी है। इस कार्यवाही के बाद जमील को पंचायत में जनपद सीईओ के वाहन चालक के पद पर पदस्थ कर दिया था। इधर एसडीएम के वाहन चालक के लिए नपा से एक चालक भेजा गया था।

कलेक्टर के माध्यम से बुलवाया

बताया जा रहा है कि, जमील ने दोबारा नागदा एसडीएम कार्यालय पर पदस्थ होने के लिए कई राजनेता व अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई थी इतना ही नहीं एसडीएम गोस्वामी के निवास एवं ऑफिस पर कई बार चालक जमील दिखाई देता था उसी का परिणाम है कि पुन: नागदा में एसडीएम गोस्वामी के साथ चालक के रूप में पदस्थ हो गया। कलेक्टर ने जनपद पंचायत को पत्र लिखकर नागदा भेजने का आदेश दिया है।

अधिकारी ही कर रहे नियमों का उल्लंघन

जमील शासकीय विभाग ने स्थाई कर्मचारी है। उसका वेतन हजारों में है। वेतन जनपद पंचायत द्वारा दिया जाता है। लेकिन वह कार्य नागदा में राजस्व विभाग में कर रहा है। जनपद पंचायत में कार्य करने के लिए जमील को प्रतिदिन अपडाउन कर गांव-गांव का भ्रमण करना पड़ता था।

लेकिन इस कार्य से बचने के लिए जमील ने पुन: नागदा में अपना स्थानातंरण कर लिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि वर्तमान में अधिकारी कोरोना को छोड़ कर अन्य कार्य नहीं कर रहे कई पीड़ित लोग परेशान हो रहे है। ऐसे में अधिकारियों ने आदेश भी कर दिया।

कोरोना के चलते किसी भी मामले में कोई भी अधिकारी हस्तक्षेप नहीं कर रहे है सिर्फ अति आवश्यक कार्य कर रहे है। वर्तमान में कोरोना के अलावा पुलिस प्रशासन के पास ओर कोई काम नहीं है क्योंकि यह एक गंभीर विषय है ओर इसकी व्यवस्था में पूरा पुलिस प्रशासन ओर जनप्रतिनिधि लगे हुए है।

कोरोना के चलते कई पत्र कलेक्टर, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को समय-समय पर देकर जनप्रतिनिधि व नेता कोरोना की इस महामारी मे सहयोग व व्यवस्था की बात कर रहे है ऐसे में नागदा में कई अव्यवस्था हॉस्पीटल में हो रही है या कमी दिखाई दे रही है किंतु उस ओर कलेक्टर का ध्यान नहीं गया, लेकिन कलेक्टर ने ड्राइवर का खाचरौद से नागदा आदेश कर दिया आखिर किस नेता या किस प्रशासनिक अधिकारी ने यह करवाया यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

इनका कहना
ड्राइवर जमील खान का खाचरौद से नागदा ट्रांसफर हुआ है यह कलेक्टर के आदेश से हुआ है।

आशुतोष गोस्वामी, एसडीएम 

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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