नागदा में तीसरी लहर के संकेत, 10 बच्चों में मिले नए सिंड्रोम के लक्षण । nagda corona news : Signs of third wave in Nagda, symptoms of new syndrome of corona found in 10 children
nagda corona news : कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमने को ही हैं कि, उज्जैन जिले के नागदा तहसील में कुछ बच्चों में ऐसे सिंड्रोम के लक्षण दिखे, जो संभवत: तीसरी लहर का संकेत हो सकता है. नागदा में इस प्रकार के 10 मामले प्रकाश में आए हैं. हालांकि ये सब निजी लैब में पकड़ में आए और प्रशासन तक नए सिंड्रोम की जानकारी बाद में पहुंची.
निजी लैब की जांच में बच्चाें में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएसी) लक्षण पाए गए है. एक निजी लैब में 10 बच्चों की सीआरपी वैल्यू ब्लड जांच में 20 से लेकर 137 एमजी तक मिली है, जाे कई प्रकार के सवाल पैदा कर रही हैं. कारण यह वैल्यू मात्र 6 से 10 एमजी तक ही हाेना चाहिए. परेशान करने वाली बात यह है कि, निजी और सरकारी चिकित्सकों ने इन बच्चाें काे अलग-अलग शहरों में रैफर तक कर दिया और स्वास्थ्य विभाग काे अवगत तक नहीं कराया है.
विशेषज्ञ बोले- पीक का एक माह, इसलिए दिख रहे केस
नागदा के काेविड प्रभारी डाॅ. संजीव कुमरावत का कहना है कि देश के बाहर ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिन पर हम शोध कर चुके हैं. जिन बच्चों काे काेविड-19 हाे चुका है या जाे बच्चे काेविड पाॅजिटिव के संपर्क में आए हैं, उनमें लगभग एक माह बाद मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण आने लगते हैं. इसमें सीआरपी वैल्यू, ईएसआर वैल्यू बढ़ने लगती है.
जब इससे ग्रसित बच्चे आते हैं ताे उनकी एलडीएच सहित अन्य प्रकार की जांच जाती है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन्हें एमआईएससी है या नहीं. उज्जैन जिले में करीब 27 अप्रैल 2021 काे कोविड-19 पीक आया था. तब लगभग हर दूसरे-तीसरे घर में संक्रमित मरीज मिले थे. इसके आधार पर ही एक माह बीत चुका है, तभी एमआईएससी की शुरुआत जिले में हुई है.
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जानिए, निजी लैब में बच्चों की कितनी आई सीआरपी वैल्यू
- 3 साल की बालिका- 137.07 एमजी
- 4 साल का बालक- 31.79 एमजी
- 2.5 साल का बालक- 19.88 एमजी
- 11 साल का बालक- 37. 53 एमजी
- 6 साल का बालक – 42.72 एमजी
- 3 साल का बालिका- 58 एमजी
- 10 साल का बालक- 39.74 एमजी
- 11 साल का बालक- 47.18 एमजी
- 4 साल की बालिका- 20.42 एमजी
- 8 साल का बालक- 29.20 एमजी
इस तरह के लक्षण नजर आए थे बच्चों में
बुखार आना, आंखें आना, शरीर पर दाने आना, जीभ और हाेंठ लाल हाेना, दस्त होना, ब्लड प्रेशर कम हाेना, गुमसुम या सुस्त रहना.
हमने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है
- मामले की जानकारी मिली है. स्वास्थ्य विभाग को संचेत किया है. पैथालॉजी लैब संचालकों को आदेश दिया है कि इस तरह के मामले सामने आने पर वह स्वास्थ्य विभाग को जानकारी उपलब्ध कराएं. – आशुतोष गोस्वामी, एसडीएम, नागदा
ऐसे मामलों की स्टडी की है, स्टाफ को प्रशिक्षण दे रहे
- ऐसे मामलों की स्टडी की गई है.स्टाफ को इसका प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा है. यह कोविड-19 की तरह ही है, लेकिन इसके उपचार में स्टेरायड का उपयोग किया जाएगा, इसे कितनी मात्रा में देना है, यह मुख्य होगा. – डॉ. संजीव कुमरावत, कोविड प्रभारी, नागदा-खाचरौद
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