रविंद्रसिंह रघुवंशी / नागदा । शहर के सटोरिए पिता-पुत्रों के अवैध रुप से मकान को स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार सुबह धवस्त कर दिया। महज ढेड़ घंटे की कार्यवाही में नपा संसाधानों से एक मंजिला मकान मलवे में तब्दील हो गया। नपा प्रशासन ने सटोरिए दीपक जैन के श्री राम कॉलोनी में स्थित निवास पर कार्यवाही की।
कार्यवाही के चलते प्रशासन ने सटोरिए की माता को वृद्वा आश्रम में कैद कर दिया था। ताकि वह विरोध नहीं कर पाए। चूंकि पूर्व में पुलिस व सटोरिए की माता के बीच कई बार कार्यवाही के दौरान विवाद हो चुका है। कार्यवाही को लेकर नपा प्रशासन ने काफी संख्या में पुलिस बल मांगा था।
लिहाजा स्थानीय पुलिस प्रशासन ने नागदा व आसपास तथा जिला मुख्यालय से काफी संख्या में बल बुलवाया। प्रशासन को अंदेशा था कि सटोरिए जैन की माता विवाद कर सकती है, इस लिहाज से एक दर्जन महिला पुलिस आरक्षक को जिला मुख्यालय से बुलवाया था।
शहर में बदमाशों के खिलाफ प्रशासन की यह तीसरी कार्यवाही है। गौरतलब है कि पुलिस प्रशासन ने दीपक को जिला बदर किया था, लेकिन उसके बावजूद वह नागदा में अपने घर पर रहकर सट्टे का व्यापार कर रहा था। पुलिस ने 15 फरवरी को उसके घर पर दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ा था।
इस दौरान पुलिस ने उसके घर से 39 हजार रुपए व काफी मात्रा में सट्टा पर्ची एवं एक चाकू बरामत कर दीपक के भाई समरथ व उसके पिता को भी गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने दोनों भाई को जेल भेज दिया था, जबकि पिता को जमानत दे दी थी।
रात से ही तैयारी प्रारंभ
मकान ध्वस्त की कार्यवाही के लिए प्रशासन ने बुधवार रात से ही तैयारी प्रारंभ कर दी थी। रात 11 बजे से मंडी थाने पर आसपास के थाने व जिला मुख्लालय से बल पहुंचना प्रारंभ हो गया था। इधर नपा सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागढ़े ने भी रात को नपा कर्मचारियों व अधिकारियों को मोबाइल पर संदेश भेज सुबह 5:30 बजे पुरानी नपा परिसर स्थित पानी की टंकी पर बुला लिया था। सुबह 7 बजे पुलिस बल भी थाने से श्रीराम कॉलोनी के लिए रवाना हो गया। सुबह 7:30 बजे प्रशासन ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी और महज ढेड़ घंटे में ही मकान गिरा दिया। जैन ने मकान बिना अनुमति के बना रखा था।
17 साल में पिता-पुत्र पर 43 प्रकरण दर्ज हुए
दीपक जुए-सट्टे का व्यापार गत 17 वर्ष से रहा है। उसे पुलिस ने पहली बार 08 नवंबर 2003 को जुआ एक्ट में पकड़ा था। पहले तो दीपक अकेला यह व्यापार कर रहा था, लेकिन कुछ वर्ष बाद उसका भाई व पिता भी इस व्यापार में शामिल हो गए। उसके भाई समरथ पर पहला प्रकरण 30 अक्टूबर 2006 को सट्टा एक्ट का दर्ज हुआ था।
इसी प्रकार उसके पिता भी वर्ष 2007 में बेटे के इस गोरखधंधे में शामिल हो गए। पुलिस ने पिता पर 14 जुलाई 2007 पहला अपराध दर्ज किया था। एक बार इस गोरखधंधे में शामिल होने के बाद तीनों पिता-पुत्र ने फिर पीछे कदम नहीं लिया। लेकिन इस दौरान इन तीनों पर 43 प्रकरण दर्ज हुए व 9 बार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई। इन में सबसे अधिक दीपक पर 18 उसके पिता पर 9 तथा भाई पर 16 प्रकरण दर्ज है। पुलिस दीपक पर 5 बार, समरथ पर 3 बार व पिता पर 1 बार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर चुकी है।
शहर में गुंडे बदमाश का मकान गिराने की यह तीसरी कार्यवाही है। पहली कार्यवाही 23 जुलाई 2020 को राजीव कॉलेानी में सलमान लाला के मकान से की थी। दूसरी कार्यवाही बायपास पर तालाब के समीप माफिया डीके मीणा के अवैध फार्म हाउस पर 10 जनवरी को की थी। उसके बाद यह तीसरी कार्यवाही है।
यह थे मौजूद
कार्यवाही के दौरान एसडीएम आशुतोष गोस्वामी, तहसीलदार आरके गुहा, सीएसपी मनोज रत्नाकर, नपा सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागढ़े, मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, बिरलाग्राम थाना प्रभारी हेंमत जादोन समेत राजस्व व नपा विभाग का अमला मौजूद था।
क्यों हुई कार्यवाही
जैन जिस कॉलोनी में निवास करता है। उस कॉलोनी में संभ्रात परिवार के लोग भी रहते है। उक्त कॉलोनी में प्रथम श्रेणी व एडीजे न्यायालय के न्यायाधीश, राजस्व विभाग के गिरधावर, पटवारी आदि निवास करते है। जैन के मकान के सामने ही आरएसएस का कार्यालय भी बना हुआ है।
जैन के सट्टा का व्यापार के कारण आए दिन कॉलोनी में असामाजिक तत्वों के लोगों का आना-जाना लगा रहता था। जिसको लेकर कॉलोनी के रहवासियों को परेशानी होती थी और उनके द्वारा आए दिन शिकायत उच्च अधिकारियों को की जाती थी।
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