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ग्रेसिम उद्याेग नागदा के 20 से ज्यादा अधिकारी संक्रमित ( Grasim Industries Limited Nagda)

नागदा. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने उज्जैन जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग नागदा के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी चपेट में ले लिया है. दूसरी लहर में 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी ग्रेसिम उद्योग नागदा ( Grasim Industries Limited Nagda)  के संक्रमित हो चुके हैं. दुखद बात यह है कि, अप्रैल-मई के बीच तीन अधिकारियों की मौत हो चुकी है. कोविड-19 के बढ़ते असर और मांग में कमी आने के बाद ग्रेसिम उद्योग नागदा ने 11 में से 2 मशीनों को भी बंद कर दिया है. जिससे प्रतिदिन 100 टन का उत्पादन प्रभावित हो रहा है.

Lockdown और जनता कर्फ्यू के बीच भी नागदा के उद्योगों को रियायत देते हुए प्रशासन ने उद्योग में आने-जाने वाले मजदूर, कर्मचारी, अधिकारियों को छूट दी है जिससे उद्योग बिना किसी बाधा के अपना उत्पादन कर सके, लेकिन अप्रैल में हुए Lockdown के बाद फाइबर में मांग कम हुई है. जिसके कारण ग्रेसिम उद्योग नागदा को दो मशीनें बंद करना पड़ी है. ग्रेसिम उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास ने बताया 8 और 9 नंबर की मशीनों को फिलहाल बंद किया गया है.

मालूम हो कि, ग्रेसिम उद्योग में प्रतिदिन 11 मशीनें चलती हैं. जिससे प्रतिदिन 375 से 380 टन का उत्पादन होता है. व्यास के अनुसार दो मशीनें बंद होने से लगभग 100 टन प्रतिदिन का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. दूसरी ओर कोरोना की दूसरी लहर उद्योग के तीन अधिकारियों की मौत का कारण बन चुकी है. एक अधिकारी की रतलाम और दो अधिकारियों की इंदौर में उपचार के दौरान अप्रैल-मई में मौत हुई है. वहीं तकरीबन 25 अधिकारी-कर्मचारी दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.

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ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार बरती जा रही लापरवाही.

बाहर से आने पर सीधे काम नहीं, घूमना भी प्रतिबंधित

संक्रमण को देखते हुए ग्रेसिम उद्योग नागदा प्रबंधन ने बाहरी लोगों के उद्योग परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं जो अधिकारी-कर्मचारी किसी अन्य शहर से होकर आए हैं तो उनकी ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर उन्हें 7 दिन का Home isolation अनिवार्य किया गया है. जिससे उद्योग परिसर संक्रमण की जद में नहीं आ सके.

10 lakh rupees of material distributed

ग्रेसिम उद्योग नागदा प्रबंधन द्वारा सीएसआर फंड से 10 लाख रुपए के मास्क, सैनिटाइजर, फेसशील्ड, ऑक्सी मीटर प्रशासन, नगर पालिका, स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए दिए हैं. वहीं उज्जैन के बिरला हॉस्पिटल में 3 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें के साथ ही 50 बेड का कोविड सेंटर बनाने के लिए भी उद्योग प्रबंधन ने सहयोग दिया है.

Grasim Chemical Division व स्टाफ कॉलोनी बन चुकी है कोरोना का हॉट स्पॉट

इधर ग्रेसिम केमिकल डिवीजन नागदा में भी संक्रमण का असर हो चुका है. यही कारण है कि, केमिकल डिवीजन और स्टाफ कॉलोनी कुछ दिनों पहले कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुके थे. हालांकि अब संक्रमित मरीज धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं. केमिकल डिवीजन के अकाउंट सेक्शन में एक कर्मचारी को छोड़ बाकी अधिकारी-कर्मचारी पॉजिटिव हो गए थे, जिसके कारण अकाउंट सेक्शन को भी बंद करना पड़ा.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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