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Makar Sankranti Songs | मकर संक्रांति के गीत | मकर संक्रांति गाने के बोल

Makar Sankranti Songs | मकर संक्रांति के गीत | मकर संक्रांति गाने के बोल

Makar Sankranti Songs:- भारत में नित्य नए पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं। इसकी शुरुआत मकर सक्रांति से होती है। इसे माघी या Makar Sankranti के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व हिंदुओं का खास त्योहार होता है। मकर सक्रांति त्योहार पूर्ण रुप से सूर्य देव को समर्पित है। वर्ष 2023 में Makar Sankranti 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति माह के अंत का भी प्रतीक है, इसे शीत ऋतु के समाप्ति का सूचक माना जाता है।  जब शीत खत्म होती है, जिसे वर्ष की सबसे अंधेरी रात भी कहा जाता है। ये दिन साल का सबसे बड़ा दिन होता है, कहा जाता है कि Hindu पौराणिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति Uttarayan की शुरुआत का भी प्रतीक है, जिसे छह महीने का शुभ समय कहा जाता है।

इस त्योहार का सबसे खास पहलू यह है कि यह सौर चक्र के अनुसार Hindu’s द्वारा मनाए जाने वाला त्योहार है। यह दिन फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है। Makar Sankranti के दिन Ganga नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद तिल और गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार Makar Sankranti के बाद दिनों की लंबाई बढ़ने लगती है।

Makar Sankranti Songs in Hindi

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मकर संक्रांति gana

Makar Sankranti Songs | मकर संक्रांति के पर्व पर बॉलीवुड फिल्मों में काफी गाने फरमाए गए हैं। Makar Sankranti Bollywood Songs लिस्ट से हमने आपके लिए कुछ Makar Sankranti Songs निकाले है। आप दिए गए लिंक पर क्लिक करके सांग्स को इंजॉय करें।

1. उदी उदी जाए – रईस

यह इस लिस्ट में सबसे उपर होने का पूरा हकदार है। जैसे ही इस गाने को स्पीकर्स पर बजाएंगे उसके बाद खुद को पतंग उड़ाने के साथ ही डांस करने से रोक नहीं पाएंगे Click Here

टॉपिकमकर संक्रांति गीत
लेख प्रकारआर्टिकल
साल2023
मकर संक्रांति कब है15 जनवरी
पतंग उड़ाने की शुरुआत कब हुई2800 साल पहले
मकर संक्राति के देवसूर्य देव
मकर संक्रांति के दिन कौन सा वार हैरविवार
कर संक्रांति के दिन क्या खाया जाता हैतिल, गुड़ और दाल चावल खिचड़ी

2. धील दे – हम दिल दे चुके सनम

भले ही ये गाना थोड़ा पुराना हो, लेकिन आज भी मकर संक्रांति पर ये गाना अपनी जगह बनाएं हुआ है। इस गाने बगैर कोई भी पतंग उत्सव पूरा नहीं है। यह आपकी पतंग के साथ दौड़ते समय और छत पर अपने दोस्तों को चुनौती देते समय बजाने के लिए सबसे अच्छे संक्रांति गीतों में से एक है!

3. रूथ आ गई रे – पृथ्वी 1947

संक्रांति का त्योहार मौसम में बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि हम कठोर ग्रीष्मकाल की ओर बढ़ते हैं। यह गाना बदलते मौसम के एहसास को पूरी तरह से कैप्चर करता है।

4. मांझा – काई पो चे

काई पो चे फिल्म जिसने दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत को बॉलिवुड में पहचान दिलाई थी, इस अविश्वसनीय फिल्म का यह गीत हमारी शीर्ष मकर संक्रांति गीतों की सूची में होने का पूरा हक रखता है। आखिरकार, यह पतंग उड़ाने की भावना को पकड़ता है, जो प्रतिद्वंद्वी के तार को इतने आश्चर्यजनक रूप से काटने के आसपास केंद्रित है।

5. अंबरसरिया – फुकरे

मुझे पता है कि आप इस बात से इनकार नहीं करेंगे कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाना आपके क्रश को प्रभावित करने का एक और तरीका है। है न? फिर यह गाना पूरी तरह से स्थिति में फिट बैठता है।

6. मेरी प्यारी पतंग – दिल्लगी

यह संक्रांति गीत आपको अतीत में जरुर लेकर जाएगा,जब लोगों ने वास्तव में पारंपरिक तरीके से मकर संक्रांति की छुट्टी का आनंद लिया करते थे। वह समय जब पतंग उड़ाना खुशी से लोगों के दिलों के उड़ने का प्रतीक था।

7. अरी छोड़ दे पतंग – नागिन

नागिन फिल्म ने कई हिट गाने हमे दिए है, उनमें से ये गाना भी एक है, जिसके बिना पंतगों का त्योहार अधूरा है।

8. मैं बन पतंग उद जौन

नूरजहां के गाने को जज नहीं किया जा सकता है। इसकी रिलीज़ के वर्षों बाद भी इसका ऑरा वहीं है और ये सुनने पर उतना ही आनंद देता है जितना पहले दिया करता था। यही कारण है कि यह हमारे बॉलीवुड मकर संक्रांति गीतों की सूची में है।

9. चली चली रे पतंग – भाभी

पुरानी क्लासिक फिल्म भाभी का यह गीत पतंगबाजी उत्सव थीम को पूरी तरह से सेट करता है। अपनी महत्वाकांक्षाओं को मकर संक्रांति की रंगीन पतंगों के रूप में ऊंचा जाने दें और जीवन के आकाश में ऊंची उड़ान भरें।

मकर संक्रांति सोंग्स लिरिक्स | मकर संक्रांति गाने के बोल

उदी उदी जाए – रईस

उड़ी उड़ी जाये

दिल की पतंग देखो उड़ी उड़ी जाए

[तारने तरलो मेलो जामयो

जामयो हेत नो होदो] x 2

हाले कोणी रामी लायी

हाले कोणी रामी लायी

[तारने तरलो मेलो जामयो

जामयो हेत नो होदो] x 2

मेरे जीवन के गल्ले में

तेरा प्यार ही तो मेरा धन है

तू है तो धनवान हूँ मैं

हो.. प्रेम के इस मोहल्ले में

मेरा घर तेरा ही तो ये मन है

की तेरी मेहमान हूँ मैं, हाँ

जैसे सुगंध फूल के संग

चाँद के संग किरण
जैसे रस्सा दारु के संग

बाम के संग रगन

माझे से लिप्टी ये पतंग

जुडी जुडी जाए

उड़ी उड़ी जाये

उड़ी उड़ी जाये

दिल की पतंग देखो उड़ी उड़ी जाए

ये जो पतंग है तेरे ही संग है

तेरी ही और देख मुड़ी मुड़ी जाए

दो दिल उड़े, दो दिल उड़े

ऊँचे आसमानों में जुड़े..

दो दिल उड़े, दो दिल उड़े

ऊँचे आसमानों में जुड़े..

अरे उड़ी उड़ी उड़ी.. उड़ी जाये..

उड़ी उड़ी जाये..

2. धील दे – हम दिल दे चुके सनम

कैपोचे

आय ढील दे ढील देदे रे भैया…

उस पतंग को ढील दे

जैसी ही मस्ती मे आये

अरे जैसी ही मस्ती मे आये

उस पतंग को खींच दे

ढील दे ढील देदे रे भैया

Hum Dil De Chuke Sanamतेज़ तेज़ तेज़ है मांजा अपना तेज़ है…

ऊंगली कट सकती है बाबु..

तो पतंग क्या चीज़ है

ढील दे ढील देदे रे भैया..

उस पतंग को ढील दे

जैसी ही मस्ती मे आये..

उस पतंग को खीच दे

ढील दे ढील देदे रे भैया

कैपोचे

एय लपेट

तेरी पतंग तो गयी काम से

कैसी कटी उडी थी शान से

चल सरक अब खिसक

तेरी नही थी वो पतंग

वो तो गयी किसीके संग संग संग

ओह गम ना कर घुमाफिर्के तू फिरसे गर्र गर्र

आसमान है तेरा प्यार होसला बुलद कर

दम नही है आंखो मे ना मांजे की पकड़ है

तन्नी कैसे बांधते है इसको क्या खबर है

लागले पेच फिर से तू होने दे जंग

नज़र सदा हो ऊची सिखाती है पतंग

सिखाती है पतंग

ढील दे ढील देदे रे भैया…

ढील दे,

ढील दे ढील देदे रे भैया…

उस पतंग को ढील दे

जैसी ही मस्ती मे आये…

उस पतंग को खींच दे

ढील दे ढील देदे रे भैया

कैपोचे

3. रूथ आ गई रे – पृथ्वी 1947

पीली पीली सरसों फूल पीले पत्ते झूम
पीहु पीहु पपिया बोले चल बाग में

धमक धमाक ढोलक बाजे छनक छनक पायल छंके
खनक खनक कंगना बोले चल बाग में
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे

रुथ आ गई रे रुथ छा गई रे (दो बार दोहराएं)

गीतों की मौज आई फूलों की फौज आई
नदियों में जो धूप घुली सोना बहार
खंबवा से है लिपि एक बेल पे लेकिन
तू ही मुझसे है दूर आ पास आ
मुझको तू सांसों से छूले
झूले बहनों के झूले
प्यार थोड़ा सा मुझको देके मेरे जानो दिल तुम लेलो

रुत आ गई रे रुथ छा गई रे
रुत आ गई रे रुथ छा गई रे

पीली पीली सरसों फूल पीले पत्ते झूम
पीहु पीहु पपिया बोले चल बाग में
धमक धमाक ढोलक बाजे छनक छनक पायल छंके
खनक खनक कंगना बोले चल बाग में
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे

रुथ आ गई रे रुथ छा गई रे (दो बार दोहराएं)

तू जब यूं सजती है एक झूम मचती है
सारी गलियों में सारे बाजार में
आंचल बसंती है उसमें से छांटी है
जो मैंने पूजी है मूरत प्यार में
जाने कैसी है ये डोरी
जिसको बांधा हूं मैं गोरी
तेरे नैनों ने मेरी नींदें की करली है चोरी

रुथ आ गई रे रुथ छा गई रे (3 बार दोहराएं)

पीली पीली सरसों फूल पीले पत्ते झूम
पीहु पीहु पपिया बोले चल बाग में
धमक धमाक ढोलक बाजे छनक छनक पायल छंके
खनक खनक कंगना बोले चल बाग में
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे
चुनरी जो तेरी उड़ती है उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है गिर जाने दे

रुथ आ गई रे रुथ छा गई रे (दो बार दोहराएं)

रुथ आ गई रे..
रुथ आ गई रे…
रुथ आ गई रे रुथ चा गई रे
रुथ आ गई रे

4. मांझा – काई पो चे

रूठे ख़ाबों को मन लेंगे

कटि पतंगों को थामेंगे

हा हा है जज़्बा

हो हो है जज़्बा

सुलझा लेंगे उल्झे रिश्तों का मांझा

हम्म का मांझा हम्म का मांझा सोया तकदीरे जगा देंगे

कल को अंबर झुकेंगे

हा हा है जज्बा हो हो है जज्बा

सुलझा लेंगे उल्झे रिश्तों का मांझा

हम्म मांझा हो हो बर्फीली आंखों में

पिगला सा देखेंगे हम कल का चेहरा

हो हो पत्रीले देखने में

उबाला सा देखेंगे हम लड़ेंगे गहरा

अगन लगी लगन लगी

टूटे ना टूटे ना जज़्बा ये टूटे ना

मगन लगी लगन लगी

कल होगा क्या कह दो

किस को है परवा

परवाह परवाह रूठे ख़ाबों को मन लेंगे

कटि पतंगों को थामेंगे

हा हा है जज्बा हो हो है जज्बा

सुलझा लेंगे उल्झे रिश्तों का मांझा

हम्म मांजा हम्म मांजा

5. अंबरसरिया – फुकरे

गली में मारे फेरे

पास आने को मेरे

गली में मारे फेरे

पास आने को मेरे

कभी परखता नैन मेरे

तो कभी परखता तोल

कभी परखता नैन मेरे

तो कभी परखता तोल

द्वारा संचालित

वीडीओ.एआई

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

अंबरसरिया…

हो अम्बरसरिया…

मैं कलियों के जैसी

मेरी अलहद उमर नियादी

छोटी सी ये जान मेरी

और जोबन बढ़ाता पानी

अरे मैं कलियों के जैसी

मेरी अलहद उमर नियादी

छोटी सी ये जान मेरी

और जोबन बढ़ाता पानी

जब से चढ़ी जवानी

ढूंढती दिल दा हैनी

जब से चढ़ी जवानी

ढूंढती दिल दा हैनी

मैं अंजनी कोए पानी

ले ना जावे रॉड..

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

अंबरसरिया…

अंबरसरिया…

हो.. गोरी गोरी मेरी कलाई..

हाय…

हो.. गोरी गोरी मेरी कलाई

चूड़ियां काली काली

मैं शर्माती रोज लगाती

काजल सुरमा लाली

नहीं मैं सुरमा पाड़ा

धूप न मैं चमकाना

नहीं मैं सुरमा पाड़ा

धूप न मैं चमकाना

नैन नशेले होन अगर तो

सुरमेती की लोद

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

अंबरसरिया मुंड्या वे

कच्छियां कलियां न तोड़

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

तेरी मां ने बोले हैं

मुझे तीखे से बोल

अंबरसरिया…

हो अम्बरसरिया।।

FAQ’s Makar Sankranti Songs

Q. मकर संक्रांति को उत्तरायन के नाम से कहां मनाया जाता है ?

Ans. गुजरात और राजस्थान में मकर संक्रांति को उत्तारायन के नाम से जाना जाता है।

Q. मकर संक्रांति को माघ बिहू कौन से राज्य में बुलाया जाता है?

Ans. असम में मकर संक्रांति को बिहू कहा जाता है।

Q. पतंग उड़ाने की शुरुआत कब हुई थी ?

Ans. 2800 साल पहले पतंग उड़ाने की शुरुआत हुई थी।

Q. मकर संक्रांति के दिन किस चीज़ की सबसे ज्यादा महत्वता है ?

Ans. दान करने का महत्व मकर संक्रांति में सबसे ज्यादा होता है।

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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