Best 1000+ मजेदार पहेलियाँ | Majedar Paheliyan in Hindi with Answer
प्रणाम दोस्तों ! आप सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी किसी पहेली (Paheli) से रुबरू जरूर हुए होंगे। हमारे जीवन में अक्सर यह होता है कि हम कभी-कभी उलझन में पड़ जाते हैं और जब उस परेशानी का हल खोजते हैं तो उसके लिए हमें अपने दिमाग के घोड़ों को दौड़ाना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार, जब भी हम किसी पहेली का उत्तर या सही जवाब खोजते हैं तो हमें अपनी बुद्धि का उपयोग करना पड़ता है | पहेलियाँ (Paheliyan) किसी भी व्यक्ति की सरलता या ज्ञान का परीक्षण करती हैं। साथ ही उसके दिमाग की क्षमता का पता भी लगाती है। पहेलियों का उत्तर खोजने में दिमाग की कसरत भी करवाती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए लेख के जरिए आप सभी के लिए (छोटी-बड़ी, सरल-कठिन) हर तरह की मजेदार पहेलियों का खजाना (Majedar Paheliyan in Hindi with Answer) लेकर आए हैं, जिसे पढ़ने के बाद आपका ज्ञान तो बढ़ेगा हीं, साथ में जबरदस्त मनोरंजन भी होने वाला है तो देर किस बात की, आइए पढ़ना शुरू करते हैं।
छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित | Majedar Paheliyan in Hindi with Answer
Table of Contents
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं?
उत्तर – गोता
अगर आप अँधेरे कमरे में एक मोमबत्ती, एक लालटेन और एक दीया के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे?
उत्तर – माचिस
उत्तर क्या है?
उत्तर – उत्तर एक दिशा है |
हाथी फरवरी के बजाय जनवरी में ज्यादा पानी क्यों पीता है?
उत्तर – क्योंकि जनवरी में ज्यादा दिन होते हैं |
कोई इंसान 30 दिन तक नींद लिए बिना कैसे रह सकता है?
उत्तर – रात में नींद लेकर |
ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या ?
उत्तर – मशरूम
ऐसी कौन सी चीज है, जो सोने की है मगर सुनार की दुकान पर नहीं मिलती?
उत्तर – तकिया और चारपाई
एक ऐसा सवाल, जिसका जवाब कोई हाँ में नहीं दे सकता?
उत्तर – क्या आप मर गए हैं ?
कितने महीने ऐसे है, जिसमें 28 दिन होते हैं?
जवाब – 12 महीने
ऐसी कौन सी चीज है, जो फटने पर आवाज नहीं करती है?
जवाब – दूध
ऐसा शब्द बताइए कि जिससे फूल, मिठाई और फल बन जाए?
उत्तर – गुलाब जामुन
वो कौन है जिसका पेट फूला हुआ है मगर वो दवाई नहीं खाता और दिन-रात बिस्तर पर हीं लेटा रहता है?
उत्तर – तकिया
ऐसा कौन सा फल है, जिसमें न हीं कोई बीज और न हीं कोई छिलका होता है |
उत्तर – शहतूत
ऐसी कौन-सी चीज है, जो समुद्र में पैदा होती है और आपके घर में रहती है?
उत्तर – नमक
ऐसी कौन सी चीज है, जिसे हम निगले तो जिंदा रह पाए और अगर वह हमें निगले तो हम मर जाए |
उत्तर – पानी
वह क्या है, जिसे आप एक बार खाकर दोबारा नहीं खाना चाहते हैं मगर फिर भी खाते हैं?
उत्तर – धोखा
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे आधा खाने पर भी वह पूरी रहती है ?
उत्तर – पूरी
ऐसी कौन – सी जगह है, जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं और शहर है पर घर नहीं ?
उत्तर – नक्शा
वह कौन – सा फूल है, जिसके पास कोई रंग और महक नहीं है?
उत्तर – अप्रैल फूल
ऐसी कौन – सी चीज है, जिसको जितना खींचा जाता है, वो उतनी हीं छोटी होती जाती है |
उत्तर – सिगरेट
- बूझो तो जाने पहेली क्रमांक 01, 02, 03,04 व 05 के सही उत्तर
- ऐसा क्या है जो साल में तो एक बार आता हैं, लेकिन सप्ताह में दो बार आता हैं
20 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित | Paheliyan in Hindi with Answer
ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे लोग काटते हैं, पीसते हैं और बाँटते हैं मगर खाते नहीं हैं?
उत्तर – ताश के पत्ते
खुद कभी वह कुछ न खाए,
लेकिन सब को खूब खिलाए |
उत्तर – चम्मच
जब भी आए, होश उड़ाए,
फिर भी कहते हैं कि आए |
उत्तर – नींद
पंख नहीं पर उड़ती हूँ,
हाथ नहीं पर लड़ती हूँ |
उत्तर – पतंग
डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव,
चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर – रेलगाड़ी
कमर पतली है, पैर सुहाने,
कहीं गए होंगे बीन बजाने |
उत्तर – मच्छर
राजा के महल में रानी पचास,
सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख |
उत्तर – माचिस
बच्चों! एक लाठी की सुनो कहानी,
छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |
उत्तर – गन्ना
अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ,
तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |
उत्तर – चश्मा
एक गुफा के दो रखवाले,
दोनों लंबे, दोनों काले |
उत्तर – मूंछें
मैं मरती हूँ, मैं कटती हूँ |
पर रोते हो तुम, पहचानो कौन हूँ मैं |
उत्तर – प्याज
एक राजा की अनोखी रानी,
दुम के सहारे पीती पानी |
उत्तर – दीपक
मेरे नाम से सब डरते हैं,
मेरे लिए परिश्रम करते हैं |
उत्तर – परीक्षा
बूझो भैया एक पहेली,
जब काटो तब नई नवेली |
उत्तर – पेंसिल
आवाज है पर इंसान नहीं,
जुबान है पर निशान नहीं |
उत्तर – ऑडियो कैसेट
काली काली माँ, लाल लाल बच्चे,
जहाँ जाए माँ, वहाँ जाएँ बच्चे |
उत्तर – ट्रेन
हरी डिब्बी, पीला मकान,
उसमें बैठे कालू राम |
उत्तर – पपीता और बीज
बेशक न हो हाथ में हाथ,
जीता है वह आपके साथ |
उत्तर – परछाई
कमर बाँध कोने में पड़ी,
बड़ी सबेरे अब है खड़ी |
उत्तर – झाड़ू
तीन रंग की तितली,
नहा धोकर निकली |
उत्तर – समोसा
काला घोड़ा, सफेद सवारी,
एक उतरा तो दूसरे की बारी |
उत्तर – तवा और रोटी
मैं हरी, मेरे बच्चे काले,
मुझे छोड़ मेरे बच्चे खा ले |
उत्तर – इलायची
काले वन की रानी है,
लाल पानी पीती है |
उत्तर – खटमल
एक प्लेट में तीन चम्मच |
उत्तर – पंखा
हरी डंडी, लाल कमान,
तौबा – तौबा करे हर इंसान |
उत्तर – लाल मिर्च
एक पैर है काली धोती,
जाड़े में वह हरदम सोती |
गरमी में है छाया देती
सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर – छतरी
एक पहेली मैं बुझाऊँ,
सिर को काट नमक छिड़काऊँ |
उत्तर – खीरा
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा सीधा एक समान |
उत्तर – जहाज
ऊँट की बैठक, हिरन की चाल,
बोलो वह कौन है पहलवान |
उत्तर – मेढ़क
हजार लाख में रहे अँधेरा,
मात्र एक हीं में उजाला |
उत्तर – चाँद
पगरी में भी, गगरी में भी,
और तुम्हारी नगरी में भी |
कच्चा खाओ, पक्का खाओ
शीश में मेरा तेल लगाओ |
उत्तर – नारियल
लाल घोड़ा रुका रहे,
काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन?
उत्तर – आग और धुँआ
वह पाले नहीं भैंस, ना गाय,
फिर भी दूध मलाई हीं खाए |
घर बैठे हीं वह करे शिकार,
रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
उत्तर – बिल्ली
कटोरा पर कटोरा,
बेटा बाप से भी गोरा |
उत्तर – नारियल
भवनों से मैं नजर आता,
सब बच्चों को खूब भाता |
दूर का हूँ लगता मामा,
रूप बदलता पर दिल को भाता |
उत्तर – चंद्रमा
एक पाँव का काला मेंढक,
वर्षा काल में आता |
बहुत बरसता है जब पानी,
उपयोगी मैं बन जाता |
उत्तर – छाता
बिना पाँव पानी पर चलती,
बत्तख नहीं, ना पानी की रानी |
उसे न चाहिए सड़क या पटरी,
सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
उत्तर – नाव
सात रोज में हूँ आता,
बालकों का हूँ चहेता |
वे करते हैं बस मुझसे प्यार,
नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
उत्तर – रविवार
खड़ा पर भी खड़ा,
बैठने पर भी खड़ा |
उत्तर – सींग
कान मरोड़ो, पानी दूँगा,
मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |
उत्तर – नल
रंग है उसका पीला,
तपाया है तो ढीला |
पीटा है तो फैला,
कीमती है तो छैला |
उत्तर – सोना
खबर लाता हूँ सुबह
नहीं लगाता हूँ देर मैं |
फेंक दिया जाता हूँ,
दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
उत्तर – अख़बार
दिन में सोए, रात में रोए |
जितना रोए, उतना खोए |
उत्तर – मोमबत्ती
एक घर में पचास चोर,
रहते हैं सब साथ-साथ |
उत्तर – माचिस
हरा मकान, लाल दुकान,
और उसमें बैठता लल्लूराम |
उत्तर – तरबूज
बोल नहीं पाती हूँ मैं,
और सुन नहीं पाती |
बिना आँखों के हूँ अंधी,
पर सबको राह दिखाती |
उत्तर – पुस्तक
तीन अक्षर का मेरा नाम,
बीच कटे तो रिश्ते का नाम |
आखिरी कटे तो सब खाए,
भारत के तीन तरफ दिखाए |
उत्तर – सागर
शुरू कटे तो कान कहलाऊँ,
बीच कटे तो मन बहलाऊँ |
परिवार की मैं करूँ सुरक्षा
बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
उत्तर – मकान
न भोजन खाता, न वेतन लेता,
फिर भी पहरा डटकर देता |
उत्तर – ताला
एक पेड़ की तीस है डाली,
आधी सफेद और आधी काली |
उत्तर – महीना
सोने की वह चीज है,
पर बेचे नहीं सुनार |
मोल तो ज्यादा है नहीं,
बहुत है उसका भार |
उत्तर – चारपाई
नकल उतारे सुनकर वाणी,
चुप-चुप सुने सभी की कहानी |
नील गगन है इसको भाए,
चलना क्या उड़ना भी आए |
उत्तर – तोता
राजा महाराजाओं के ये,
कभी बहुत आया काम |
संदेश इसने पहुचाएँ,
सुबह हो या शाम |
उत्तर – कबूतर
आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’,
अंत में इसके ‘ह’ है |
पेड़ों पर रहता है,
सुर में कुछ कहता है |
उत्तर – पपीहा
सफेद मुर्गी, हरी पूँछ,
तुझे ना आए काले से पूछ |
उत्तर – मूली
देखी रात अनोखी वर्षा,
सारा खेत नहाया |
पानी तो पूरा शुद्ध था,
पर पी न कोई पाया |
उत्तर – ओस
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता,
रोज दही की नदी में नहाता |
उत्तर – दहीबड़ा
चार ड्राइवर एक सवारी,
उसके पीछे जनता भारी |
उत्तर – मुर्दा
बीसों का सिर काट लिया,
ना मारा ना ख़ून किया |
उत्तर – नाख़ून
सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ,
लोग कहते हैं मुझे मोती |
सूर्य का प्रकाश देखते हीं,
मैं गायब होती |
उत्तर – ओस
करती नहीं यात्रा दो गज,
फिर भी दिन भर चलती है |
रसवंती है, नाजुक भी,
लेकिन गुफा में रहती है |
उत्तर – जीभ
नहीं सुदर्शन चक्र मगर,
मैं चकरी जैसा चलता |
सिर के ऊपर उल्टा लटका.
फर्श पर नहीं उतरता |
उत्तर – पंखा
पास में उड़ता – उड़ता आए,
क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए |
बिना आग के जलता जाए,
सबके मन को वह लुभाए |
उत्तर – जुगनू
छिलके को दूर हटाते जाओ,
बड़े स्वाद से खाते जाओ |
इतना पर अवश्य देखना,
छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
उत्तर – केला
आँखें दो हो जाए चार,
मेरे बिना कोट बेकार |
घुसा आँखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से मैं भागा |
उत्तर – बटन
मैं एक बीज हूँ,
तीन अक्षर है मेरे |
दो दल वाला अन्न हूँ,
दाल बनाकर खाते हो |
उत्तर – मटर
तरल हूँ पर पानी नहीं,
चिपचिपा हूँ गोंद नहीं |
मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं,
मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
उत्तर – शहद
दो सुंदर लड़के,
दोनों एक रंग के |
एक बिछड़ जाए,
तो दूसरा काम न आए |
उत्तर – जूता
सात गांठ की रस्सी,
गांठ – गांठ में रस |
इसका उत्तर जो बताए,
उसको देंगे रूपए दस |
उत्तर – जलेबी
पढ़ने में, लिखने में,
दोनों में हीं आता काम |
कलम नहीं, कागज़ नहीं,
बताओ क्या है मेरा नाम |
उत्तर – चश्मा
बैठ तार में आती वह,
घर के दीप जलाती वह |
कई मशीनों का है वह प्राण,
बोलो क्या कहलाती वह |
उत्तर – बिजली
मध्य कटे तो सास बन जाऊँ,
अंत कटे तो सार समझाऊँ |
मैं हूँ पक्षी, रंग सफेद,
बताओ मेरे नाम का भेद |
उत्तर – सारस
एक हाथ है लकड़ी की डंडी,
बने हुए हैं इसमें आठ घर |
ज्यों-ज्यों हवा जाए उस भवन में,
त्यों-त्यों निकले हैं मीठे स्वर |
उत्तर – बाँसुरी
उड़ नहीं सकती मैं वायु में,
चल नहीं पाती सड़कों पर |
लेकिन लाखों पर्यटकों को,
पहुँचाती हूँ इधर-उधर |
उत्तर – रेल
बिन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज है वह,
झट से बताओ उसका नाम |
उत्तर – पेट्रोल
जंगल मेरी जन्मभूमि है,
महफिल मेरा धाम |
सबके होंठ लग कर देती,
सरगम का पैगाम |
उत्तर – बाँसुरी
एक सींग की ऐसी गाय,
जिता दो उतना हीं खाए |
खाते – खाते गाना गाए,
पेट नहीं उसका भर पाए |
उत्तर – आटा चक्की
आदि कटे तो गीत सुनाऊँ,
मध्य कटे तो संत बन जाऊँ |
अंत कटे साथ बन जाता,
संपूर्ण सबके मन भाता |
उत्तर – संगीत
पूरे विश्व में एक यहीं,
सबसे बड़ा महाद्वीप |
भारत-पाक रूस और
इसमें हीं है चीन |
उत्तर – एशिया
हाल – चाल यदि पूछो उससे,
नहीं करेगा सीधे बात |
सादा लगता है,
पर पेट में रखता दांत |
उत्तर – अनार
ऐसा एक अजब खजाना,
जिसका मालिक बड़ा श्याना |
दोनों हाथों से लुटाता,
फिर भी दौलत बढ़ता हीं जाता |
उत्तर – ज्ञान
मुझको उल्टा करके देखो,
लगता हूँ मैं नौजवान |
कोई पृथक नहीं रहता,
बूढ़ा बच्चा या जवान |
उत्तर – वायु
सिर काट दो, मन दिखता हूँ,
पैर काट दो, आदर बना दूँ |
पेट काट दो, कुछ न बताता,
प्रेम से अपना शीश नवाता |
उत्तर – नमन
लाल – लाल आँखें,
लंबे – लंबे कान |
रुई का फुहासा,
बोलो क्या है उसका नाम ?
उत्तर – खरगोश
तीन अक्षर का शहर हूँ,
विश्व में प्रसिद्ध हूँ |
अंत कटे तो आग बन जाऊँ,
मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ |
उत्तर – आगरा
हरी-हरी मछली के
हरे-हरे अंडे |
जल्दी से बूझो पहेली
नहीं तो पड़ेंगे डंडे |
उत्तर – मटर
दुम कटे तो सीता,
शीश कटे तो मित्र |
बीच कटे तो खोपड़ी,
पहेली है बड़ी विचित्र |
उत्तर – सियार
सुबह सवेरे आता हूँ,
शाम ढले चल जाता हूँ |
मुझे देखकर दिन की शुरुआत,
सभी को रोशन कर जाता हूँ |
उत्तर – सूरज
शुरू कटने से हूँ मैं पशु,
बीच कटे पर काम |
आखिर कटे तो पक्षी होता
बताओ मेरा नाम |
उत्तर – कागज
एक बूढ़े के बारह बच्चे,
कोई छोटे तो कोई लंबे |
कोई गर्म और कोई ठंडे,
बताओ नहीं तो खाओ डंडे |
उत्तर – साल
100 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित | Paheliyan in Hindi with Answer
शरीर है इसका लंबा-लंबा,
मुख है कुछ-कुछ गोरा |
पेट में जिसके है काली डंडी,
नाम लिखे हैं वो मेरा |
उत्तर – पेंसिल
भैया मैं हूँ तीन पंख का,
चार महीने पाता आराम |
बिजली का प्रवाह मैं सहता,
घंटों मैं तो चलता रहता |
उत्तर – पंखा
धरती में मैं पैर छुपाता,
आसमान में शीश उठाता |
हिलता पर कभी न चलता,
पैरों से हूँ भोजन खाता |
उत्तर – पेड़
डिब्बा देखा एक निराला,
ना ढक्कन ना ताला |
ना है पेंदी, ना है कोना,
बंद है उसमें चाँदी सोना |
उत्तर – अंडा
बिन पावों के चलते देखा,
इत – उत उसको फिरते देखा |
काम विचित्र करते देखा,
जल से उसे मरते देखा |
उत्तर – जूता
मुझे खाना चाहो तो,
सबसे पहले मुझे तोड़ो |
मेरे अंदर है सुनहरा खजाना,
फ्राई कर के झट से खा लो |
उत्तर – अंडा
रात दिन है मेरा,
घर पर तुम्हारे डेरा |
रोज मीठे गीतों से,
करती नया सवेरा |
उत्तर – गौरया
पानी का मटका,
पेड़ पर लटका |
हवा हो या झटका,
उसको नहीं पटका |
उत्तर – टमाटर
दो अँगुली की है सड़क,
उस पर चले रेल बेधड़क |
लोगों के है काम आती,
जरुरत पड़ने पर खाक बनाती |
उत्तर – माचिस
बिना चूल्हे की खीर बनी,
ना मीठी ना नमकीन |
थोड़ा – थोड़ा खा गए,
बड़े – बड़े शौक़ीन |
उत्तर – चूना
दो अक्षर का नाम है,
रहता हरदम जुखाम है |
कागज मेरा रुमाल है,
बताओ मेरा क्या नाम है ?
उत्तर – कलम
चार कुआँ बिन पानी,
चोर अठारह बैठे लिए एक रानी |
आया एक दारोगा लाल,
कुएं में दिया सबको डाल |
उत्तर – कैरमबोर्ड
एक सींग का है चौपाया,
मोटी उसकी खाल |
खाल से किसी जमाने में,
बनती थी ढाल |
उत्तर – गैंडा
पक्षी हूँ मैं अजब निराला,
मैं नहीं हूँ उड़ने वाला |
प्यारे बच्चों ध्यान लगाओ,
झट से मेरा नाम बताओ |
उत्तर – शुतुरमुर्ग
प्यारा सुंदर पक्षी हूँ मैं,
तुंरत मुझे लो पाल |
हरे रंग की काया मेरी,
चोंच है मेरी लाल |
उत्तर – तोता
सोलह, बारह, आठ कड़ी है,
लंबी डंडी एक छड़ी है |
उत्तर – छाता
बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर,
छिपी एक महारानी |
हंसकर बोले, दिलों को जीते,
ऐंठे तो याद आए नानी |
उत्तर – जीभ
नींद में मिलूँ, जागने पर नहीं,
दूध में मिलूँ, पानी में नहीं |
दादी में हूँ, नानी में नहीं,
कूदने में मिलूँ, भागने पर नहीं |
उत्तर – “द”
तीतर के दो आगे तीतर,
तीतर के दो पीछे तीतर |
आगे तीतर पीछे तीतर,
बोलों कितने तीतर?
उत्तर – तीन
पैर नहीं तो नग बन जाए,
सिर न हो तो गर |
यदि कमर कट जाए मेरी,
तो हो जाता हूँ नर |
उत्तर – नगर
पीली हरी हवेली एक,
उसमें बैठे कालू राम |
पेट साफ करता हूँ मैं,
बूझो तो जरा मेरा नाम |
उत्तर – पपीता
वन में काटो, वन में छांटो,
वन में हुआ हार – श्रृंगार |
एक बार जल में उतरे,
फिर न देखे घर बार |
उत्तर – नौका
अंत नहीं तो फौज समझिए,
आदि नहीं तो बन गया नानी |
देश प्रेम के लिए न्यौछावर,
उनकी बड़ी महान कहानी |
उत्तर – सेनानी
दो इंच का मनीराम,
दो गज की पूंछ |
जहाँ चले मनीराम,
वहाँ चले पूंछ |
उत्तर – सुई-धागा
तीन रंग का सुन्दर पक्षी,
नील गगन में भरे उड़ान |
यह है सबकी आँखों का तारा,
हम सब करते इसका सम्मान |
उत्तर – तिरंगा
धन दौलत से बड़ी है यह,
सब चीजों से ऊपर है यह |
जो पाए इसे पंडित बन जाए,
इसे बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान |
आता हूँ खाने के काम,
बूझो तो भाई मेरा नाम?
उत्तर – डालडा
उजली धरती काले बीज,
हमको देती सुन्दर सीख |
उत्तर – पुस्तक
लाल है पर सेब नहीं,
बहादुर है पर सिपाही नहीं |
शास्त्री है पर पंडित नहीं,
जो बताए वो मूर्ख नहीं |
उत्तर – लाल बहादुर शास्त्री
हाथ-पैर में पड़ी जंजीर,
फिर भी दौड़ लगाती |
टेढ़े-मेढ़े रास्तों से,
गाँव-गाँव घूमती |
उत्तर – साइकिल
शब्द एक हीं, मतलब दो,
एक भाषा, एक रहने को |
उत्तर – बंगला
पेट में अंगुली, सिर पर पत्थर,
झटपट बताओ इसका उत्तर |
उत्तर – अंगूठी
चार खंभे चलते जाएँ,
सबसे आगे अजगर |
पीछे सबके सांप चल रहा,
फिर भी तनिक नहीं है डर |
उत्तर – हाथी
पीला-पीला रंग मेरा,
गोल-मटोल शरीर |
बड़े-बड़े वीरों के दांत,
करूँ खट्टे महावीर |
उत्तर – नींबू
हरा किला है, लाल महल,
श्वेत-श्याम सब वासी हैं |
भीतर जल-थल में रहते,
बाहर से मजबूती है |
उत्तर – तरबूज
“बा” अक्षर है पहला नाम,
जल भरने के आऊँ काम |
उत्तर – बाल्टी
नन्हीं कील को ढूंढ निकालूँ,
अजब निराली चीज |
प्लास्टिक को ढूंढ न पाऊँ,
आती मुझको खीज |
उत्तर – चुम्बक
बीस मार्च को दिवस मनाते,
चहक-चहक इठलाऊँ |
दाना-पानी लोग न रखते,
क्या पीऊँ, क्या खाऊँ |
उत्तर – गौरैया
“शौ” अक्षर पहले है आता,
हर घर की मैं शान बढ़ाता |
उत्तर – शौचालय
काँच से बनती है,
सुन्दर और चमकीली |
मम्मी की कलाई में सजती,
लाल, हरी, नीली, पीली |
उत्तर – चूड़ियाँ
घर की डॉक्टर, घर की रानी,
बीच चौक में लगे सुहानी |
उत्तर – तुलसी
कांटों से निकले, फूलों में उलझे,
नाम बताओ तो समस्या सुलझे |
उत्तर – तितली
चुटकी भर डालो मुझे,
बढ़िया सोच-विचार |
कितनी भी हो स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार |
उत्तर – नमक
जन्म के बाद आता हूँ,
मरने के पहले जाता हूँ |
क्रोध में रगड़ा जाता हूँ,
भोजन खूब चबाता हूँ |
उत्तर – दाँत
एक शब्द अंग्रेजी का,
दस अक्षर होते जिसमें |
पाँच व्यंजन हैं शामिल,
पाँच स्वर भी होते जिसमें |
उत्तर – Precaution
प्रथम कटे तो मन बनूँ,
अंत कटे तो मूल्य।
मध्ये कटे सुकर्म हो,
ऐसे जीत लूँ सबका दिल |
उत्तर – दामन
मांस नहीं, हड्डी नहीं,
सिर्फ उंगलियाँ मेरी |
नाम बता भाई कौन हूँ मैं,
जानें अक्ल हम तेरी |
उत्तर – दस्ताने
आंखें मूंद के खाते हैं,
और खाकर पछताते हैं |
जो कोई पूछे क्या था वो,
तो कहते हुए शरमाते हैं |
उत्तर – धोखा
आज यहाँ, कल वहाँ रहे,
नहीं किसी के पास रुके |
और रुक जाए किसी के घर,
तो फिर घुमा देता है सर |
उत्तर – पैसा
झुकी कमर का बूढ़ा,
जहाँ ठहर जाए |
वहीं पर भाषा रुके,
सवाल उभर जाए |
उत्तर – प्रश्नवाचक चिह्न (?)
तीन अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान |
सुभाष चन्द्र का मैं हूँ गाँव,
जल्दी बताओ मेरा नाम?
उत्तर – कटक
हमने देखा ऐसा बंदर,
उछले जो पानी के अंदर |
उत्तर – मेंढक
एक चीज है ऐसी भैया,
मुंह खोले बिन खाई जाए |
बिन काटे और बिना चबाए,
खानी पड़े रुलाई आए |
उत्तर – पिटाई
जन्म तो हुआ जंगल में,
नाचे पर गहरे जल में |
उत्तर – नौका
चाय गरम है, गरम है पानी,
दूध गरम घण्टे बीते |
चाहे दिन हो, रात हो चाहे,
बड़े मज़े से सब पीते |
उत्तर – थर्मस
बिल्ली की पूँछ हाथ में,
बिल्ली रहे इलाहाबाद में |
उत्तर – पतंग
जो तुझमें है, वह उसमें नहीं,
जो झण्डे में है, वह डण्डे में नहीं |
उत्तर – “झ”
ना तो पंख हैं, ना तो पैर हैं,
फिर भी चलती पानी में |
सबको उनकी मंज़िल पहुँचाती,
ज़िक्र भी आता कहानी में |
उत्तर – नाव
एक किले के दो हीं द्वार,
जिसके सैनिक लकड़ीदार |
दीवार से टकरा गए,
तो खत्म उनका संसार |
उत्तर – माचिस
रंग-बिरंगी देह हमारी,
भरे पेट में फाहा |
जाड़े की कठिन रातों में,
सबने मुझको चाहा |
उत्तर – रजाई
एक प्लेट में दो अंडा,
एक गर्म, एक ठंडा |
उत्तर – सूरज और चंदा
अश्व की सवारी,
भाला ले भारी |
घास की रोटी खाई,
जारी रखी लड़ाई |
उत्तर – महाराणा प्रताप
इचक दाना बीचक दाना,
दाने ऊपर दाना |
छज्जे ऊपर मोर नाचे,
लड़का है दीवाना |
उत्तर – अनार
पक्षी देखा एक अलबेला,
पंख बिना उड़ रहा अकेला |
बांध गले में लम्बी डोर,
नाप रहा अम्बर का छोर |
उत्तर – पतंग
वैसे मैं काला,
जलाओ तो लाल |
फेंको तो सफेद,
खोलो मेरा भेद |
उत्तर – कोयला
घेरदार है लहंगा उसका,
एक टांग से रहे खड़ी |
सबको उसी की इच्छा होती,
हो बरखा या धूप कड़ी |
उत्तर – छतरी
जिसने घर में खुशी मनाई,
मुझे बांध कर करी पिटाई |
मैं जितनी चीखी-चिल्लाई
उतनी ही कस कर मार लगाई |
उत्तर – ढोलक
दो अक्षर का नाम मेरा,
रोज पड़े दुनिया को काम |
उत्तर – चाकू
पानी पीकर हवा उगलता,
गर्मी में आता हूँ काम |
सर्दी में मेरा नाम न लेना,
अब बतला दो मेरा नाम |
उत्तर – कूलर
दिखने में मैं सींकिया पहलवान,
लेकिन गुणों में हूँ बलवान |
शीतल, मधुर और तरल रसीला,
गांठदार परिधान |
उत्तर – गन्ना
रक्त से सना हूँ,
दो अक्षर का नाम है |
बहादुर के पहले, जवाहर के बाद,
यह मेरी पहचान है |
उत्तर – लाल
पचास और पचीस में क्या अंतर है?
उत्तर – ई की मात्रा
एक गिरस्थन ऐसी देखी,
चूल्हा करे ना चक्की |
भर-भर घड़े चासनी रखती,
अपनी धुन की पक्की |
उत्तर – मधुमक्खी
बच्चों से प्यार करें,
गुलाब रखे हमेशा |
प्रथम प्रधानमंत्री बने,
बताओ कौन है ऐसा?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू
हाथ आए तो सौ-सौ काटे,
थक जाए तो पत्थर चाटे |
उत्तर – चाकू
अंधेरे में बैठी एक रानी,
सिर पर है आग,
और तन पर है पानी |
उत्तर – मोमबत्ती
कश्मीर का इतिहास है जिसमें,
ऐसी पुस्तक न्यारी |
कल्हण ने लिखा है जिसको,
याद करे दुनिया सारी |
उत्तर – राजतरंगिणी
तीन अक्षर ऐसे मिल जाएँ,
ऐसे यंत्र का नाम बनाएँ |
जिससे दूरी घटती जाती,
गुल्लो अपनी मंजिल पाती |
उत्तर – पहिया
ऐसा आसन एक अनोखा,
जीवन लंबा करने वाला |
तन – मन अपना स्वस्थ बनाओ,
नाम बताओ सोनू, लाला |
उत्तर – प्रणायाम
ऐसे आकाशीय पिंड,
गैस से जो सब बनते |
स्वयं का ऊष्मा प्रकाश है,
नभ में खूब चमकते |
उत्तर – तारा
एक अनोखा है चौपाया,
भारी भरकम उसकी काया |
नहीं सवारी का कुछ काम,
पानी हीं है उसका धाम |
उत्तर – दरियाई घोड़ा
कही जाती है “रेडियम महिला”
मिला दो बार नोबल सम्मान |
नाम बता दो इस महिला का,
तो समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान |
उत्तर – मैडम क्यूरी
ऊपर से कुछ हरा-भरा,
अंदर से है भरा-भरा |
छिलके दूर हटा लो जी,
बीज नहीं है खा लो जी |
उत्तर – केला
काला हूँ, मतवाला हूँ,
और मधुर रस वाला हूँ |
तीन वर्ण का नाम बना,
मध्य हटा तो जान बना |
उत्तर – जामुन
सूर्य हैं मेरे पिता,
वर्षा की बूंदें माता |
झुका धनुष सा मेरा अंग,
मेरे कपड़ों में सातों रंग |
उत्तर – इन्द्रधनुष
लाल रंग की गेंद,
मोती भरे हजार |
शबनम जैसा चमके,
भीतर से रसदार |
उत्तर – अनार
सीधा अगर पढ़ो जो मुझको,
काट – काट खाकर मुस्काओ |
उल्टा अगर पढ़ो तो मिलकर,
रक्षाबंधन पर्व मनाओ |
उत्तर – खीरा
पगड़ी ओढ़े, पगड़ी छोड़े,
कैसा मुर्दा आया |
पड़ा धरा पर नाच दिखाए,
अजब है इसकी काया |
उत्तर – लट्टू
गोल – गोल से छोटे फल हम,
जो भी खाए वो माने |
खाने लगो, ढेर सारा खा जाओ,
स्वाद बस लोमड़ी जाने |
उत्तर – अंगूर
एक मुर्गा आता है,
चल – चल कर रूक जाता है |
चाकू लाओ गर्दन काटो
फिर चलने लग जाता है |
उत्तर – पेन्सिल
देख सूरज की जो रोशनी
अपनी गर्दन को है मोड़े,
उस फूल का नाम बतलाना
पाप लगे जो उसको तोड़े |
उत्तर – सूरजमुखी
एक चाँद अठारह तारे,
खेलें मुन्ना- मुन्नी प्यारे |
उत्तर – कैरम
एक चीज ऐसी कहलाए,
हर कोई मजबूरी में खाए |
पर कैसी मजबूरी हाय,
खाकर भी भूखा रह जाए |
उत्तर – कसम
देश का दिल बना जो,
बसा यमुना किनारे |
शहर बड़ा अलबेला,
करे सबको इशारे |
उत्तर – दिल्ली
सबको इससे डर है लगता,
पर उजियारा इस पे हँसता |
उत्तर – अँधेरा
दो अक्षर का मेरा नाम,
सिर पर चढ़ना मेरा काम |
उत्तर – टोपी
पन्द्रह दिन में हुआ बीमार,
पन्द्रह दिन का राजकुमार |
उत्तर – चाँद
अमर जवान ज्योति जलती,
युद्ध स्मारक इसकी पहचान |
भारत के ये दिल में बसता,
जल्दी बताओ इसका नाम |
उत्तर – इंडिया गेट
मेरे नाम के दो हैं मतलब,
दोनों के है अर्थ निराले |
एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं,
एक अर्थ में पालने वाले |
उत्तर – पालक
इसने दिया, उसने लिया,
चलती रही हर बार |
मेरे बिना सुना लागे,
पूरा ये संसार |
उत्तर – रुपया
पहरेदार तुम्हारे घर का,
दिन सोऊँ न रात |
अंदर बाहर जाते लोग,
रखते मुझपे हाथ |
उत्तर – दरवाजा
एक अक्षर का नाम मेरा,
अंगारे बरसाऊँ |
हवा के साथ आती हूँ,
बोलो क्या कहलाऊँ |
उत्तर – लू
नवाबों का शहर है वो,
तहजीब की पहचान |
गोमती किनारे बसता,
करे सबका सम्मान |
उत्तर – लखनऊ
अंत कटे तो कदम रखें,
मध्य कटे तो डर बन जाऊँ |
खुद न चल सकूँ मगर
राही को मंजिल पर पहुँचाऊँ |
उत्तर – डगर
चार पैर रखती हूँ,
लेकिन कहीं न जाती हूँ |
ऑफिस हो या हो संसद
हर जगह फसाद कराती हूँ |
उत्तर – कुर्सी
मध्य काट कर मली गई,
प्रथम काट कर छली गई |
पानी में रह कर सुख भोगा,
बाहर आकर तली गई |
उत्तर – मछली
दो अक्षर की मैं बहना,
उल्टा-सीधा एक रहना |
उत्तर – दीदी
चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े,
एक-एक के मुंह में दो-दो पड़े |
उत्तर – खाट
एक जानवर ऐसा,
जिसकी दुम पर पैसा |
उत्तर – मोर
वाणी में गुण बहुत है,
पर मुझसे अच्छा कौन?
सारे झगड़ों को टालूँ
बतलाओ मैं कौन?
उत्तर – मौन
सब सोएँ पर यह न सोए
चोर भाई की आँखें रोएँ |
उत्तर – स्ट्रीट लाइट
कम्प्यूटर का मैं “की” कहलाता,
मुझसे अक्षर, अंकन आता |
उत्तर – कीबोर्ड (Keyboard)
गुलाबी नगर सदियों से,
सबके मन को भाता |
हवामहल के कारण हीं,
वो पहचाना जाता।
उत्तर – जयपुर
कद लंबा और रूप गोल है,
आए काम जब आती रात |
रोती जलती खड़ी-खड़ी,
कभी न पूछे कोई बात |
उत्तर – मोमबत्ती
ऊपर से नीचे बहता हूँ,
हर बर्तन को अपनाता हूँ |
देखो मुझको गिरा न देना,
वरना कठिन हो जाएगा भरना |
उत्तर – द्रव्य
दादी-नानी का यह धन,
बच्चों का खुश कर दे मन |
उत्तर – कहानी
काली-काली एक चुनरिया,
जगमग-जगमग मोती |
आ सजती धरती के ऊपर
जब सारी दुनिया सोती |
उत्तर – तारों भरा आकाश
बापू के नाम से हुई,
इस शहर की पहचान |
गुजरात की राजधानी,
नगर है बड़ा महान |
उत्तर – गांधीनगर
वह कौन-सी जीव है,
जो हर चीज का स्वाद जीभ
से नहीं अपने पैरों से लेती है?
उत्तर – तितली
दो अक्षर का मेरा नाम,
आता हूँ खाने के काम |
उल्टा लिखकर नाच दिखाऊँ,
फिर क्यों अपना नाम छिपाऊँ?
उत्तर – चना
पांच अक्षर का मेरा नाम,
उल्टा-सीधा एक समान।
दक्षिण भारत में रहती हूँ,
बोलो तो मैं कैसी हूँ?
उत्तर – मलयालम
पवित्र प्यार का चिह्न हूँ मैं,
गैरों को बना लूँ अपना |
उल्टा कर दो सब्जी हूँ,
खा सकते हो मुझे कच्चा |
उत्तर – राखी
प्रथम काट कर “गाली” है,
उसकी मां भी “काली” है |
फिर भी भारतवासी है,
अपना प्यारा साथी है |
उत्तर – बंगाली
उल्टा कर दो रंग भरूं,
सीधा रखो मैं फल हूँ |
बीमारों का दोस्त हूँ मैं,
देता उन्हें बहुत बल हूँ |
उत्तर – चीकू
मोटी घनी पूंछ पीठ पर
काली-काली रेखा है |
दोनों हाथों में उसको मैंने
फल खाते देखा है |
उत्तर – गिलहरी
500 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित | Paheliyan in Hindi with Answer
केरल से आया टिंगू काला,
चार कान और टोपी वाला |
उत्तर – लौंग
देश भी हूँ, औजार भी हूँ,
खींचो अगर तो हूँ पानी |
अढ़ाई अक्षर का नाम है वो,
पूछ रही मेरी नानी |
उत्तर – बर्मा
कठोर भी हूँ और महंगा भी,
उल्टा कर दो सफर करूं |
करवा दूँ सबमें झगड़ा,
मुंह में रख लो प्राण हरूं |
उत्तर – हीरा
उल्टा करो नदी की धारा,
सीधा रखो तो देवी |
पीताम्बर के साथ रहूँ मैं,
नाम बताओ मेरा |
उत्तर – राधा
जीभ नहीं है फिर भी बोले,
पैर नहीं पर जंग में डोले |
राजा-रंक सभी को भाता,
जब आता है खुशियाँ लाता।
उत्तर – रुपया
एक है ठगनी करे कमाल,
दिखती हरी, लिखती लाल |
स्याही नहीं, न रंग गुलाल,
बात जरा सी लगे सवाल |
उत्तर – मेंहदी
सब्जियों का राजा हूँ मैं,
खाए मुझको लालू , शालू |
कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता,
बच्चों मैं क्या कहलाता |
उत्तर – आलू
अंदर सफेद बाहर लाल,
मैं सब्जी हूं एक कमाल |
मुझको छीलो आंसू आए,
बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ |
उत्तर – प्याज
ना हूँ फिगर, ना हीं लेडी
लोग कहे मुझे लेडी फिंगर |
मैं सब्जी हूँ एक निराली,
खूब विटामिन मेरे अंदर |
उत्तर – भिंडी
पाषाण की आकृति में,
टोर खड़े हैं चहूं ओर |
राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत,
नाम बताओ बिना शोर |
उत्तर – अशोक स्तंभ
जय हिंद का नारा दिया,
आजीवन किया संघर्ष तमाम |
नेताजी वो कहलाए,
बताओ जी उनका नाम |
उत्तर – सुभाषचन्द्र बोस
चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ,
सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ |
चार अक्षर का मेरा नाम,
नाम बताओ भोलू राम |
उत्तर – अदरक
एक किले में चोर बसे हैं,
सबका मुंह है काला |
पूंछ पकड़ कर आग लगाई,
झट कर दिया उजाला |
उत्तर – माचिस
काशी में मैं रहू अकेला,
कलकत्ता में दो-दो |
दिल्ली में नहीं पाओगे तुम,
कानपुर में खोजो |
उत्तर – “क”
बचपन जवानी हरी भरी,
बुढ़ापा हुआ लाल,
हरी थी तब फूटी थी जवानी,
लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल |
उत्तर – मिर्ची
रात्रि बेला के आते हीं,
भरते खूब उड़ान |
जलते-बुझते दीप सरीखे,
बारिश के हम मेहमान |
उत्तर – जुगनू
मैं कागज का ऐसा टुकड़ा,
ठुमक-ठुमक कर जाऊँ |
हर-शहर और गांव-गांव में
सबके संदेश पहुंचाऊँ |
उत्तर – पत्र
खुशबू उसकी सबसे न्यारी,
कलियां भी लगती है प्यारी |
फूल बड़ा हीं यह है सुंदर,
गुलकंद इसका पान के अंदर |
उत्तर – गुलाब
जिसके आँगन में जीवन संभव,
जिसको नील ग्रह सब माने |
जो सूरज के आगे-पीछे घूमें,
नाम बताओ तो हम माने |
उत्तर – पृथ्वी
छू जाने से ही यह शारमाए,
देख रूप अपना ही इतराए |
छोटा फूल बड़ा शर्मिला यहीं,
फूल बताओ ये क्या कहलाए |
उत्तर – छुई-मुई
कश्मीर का फल है यह न्यारा,
हिमाचल में सभी का यह प्यारा |
हरा-लाल रंग इसका अनोखा,
लौह खनिज का अनुपम भंडारा |
उत्तर – सेब
पीले रंग से गहरा नाता,
मेरी रंगत सबको भाती |
घरती ओढ़ती मेरी चुनरी,
वसंत ऋतु में आती |
उत्तर – सरसों
चिड़िया सी आंगन में चहके,
फुलवारी सा जिससे घर महके |
अपनी होते हुए पराई,
क्या कुछ-कुछ समझ में आई |
उत्तर – बिटिया
एक कटोरी चूने के पानी को,
अगर मुँह से फूंका जाए |
मुँह से निकली कौन-सी गैस,
जिससे पानी दुधिया हो जाए |
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड
रूई जैसा लगता,
फिर भी रूई नहीं |
भरा लबालब पानी,
फिर भी रूई नहीं |
उत्तर – बादल
चार अक्षर से बनकर मैं तो,
आया सबके हाथ में |
बात करो या गाने सुनो,
रखना अपने साथ में |
उत्तर – मोबाइल
मैं हूँ एक ऐसा तारा,
धूप सभी को देता हूँ |
सभी ग्रहों का मुखिया हूँ मैं,
तुमसे कुछ न लेता हूँ |
उत्तर – सूरज
जय जवान जय किसान,
किसका था नारा?
कौन था वह ईमानदार,
देश का दुलारा?
उत्तर – लाल बहादुर शास्त्री
अलग-अलग पर एक हीं नाम,
रूप एक सा एक हीं काम |
कुछ ना बोले लेकिन सुनते संग
हम दोनों के बीच सुरंग |
उत्तर – कान
बारह कदम चलकर रुक जाती,
फिर कोई दूसरी आती |
ये क्रम सदा बना रहता है,
उसको मनुज क्या कहता है |
उत्तर – साल
एक चीज़ का सस्ता रेट,
लम्बी गर्दन, मोटा पेट |
पहले अपना पेट भरे,
फिर सबकी प्यास बुझाए |
उत्तर – सुराही
सुबह-सुबह सबके घर जाताा,
कदम कदम हरि के गुण गाता |
पाता कुछ बहुत दे जाता,
पहेली का है किससे नाता |
उत्तर – भिखारी
तरुवर में शान इनकी,
सकल अंग कड़वापन |
जड़ से होती औषधि,
बताओ तो बेटा चुन्नू |
उत्तर – नीम का पेड़
वह कौन है,
जिसका सिर नहीं है,
फिर भी वह टोपी पहनता है |
उत्तर – बोतल
धीरे-धीरे वह चलता है,
पेड़ों पर भी चढ़ता है |
ओढ़े इक काली रजाई,
मजे से खाए रस-मलाई |
उत्तर – भालू
चिंकी के पिता के 5 बच्चे हैं –
चिंकु, मिंटु, टिंकु, सुनूं तो बताओं
पांचवे बच्चे का नाम क्या है?
उत्तर – चिंकी
तीन नदियों का मेल निराला,
उससे निकली न्यारी धारा |
उस धारा का नाम बताओ,
तभी बच्चों टॉफी पाओ |
उत्तर – संगम
नदी किनारे खड़ा रहे,
मारे एकटक नैन |
जब तक मीन न पकड़े,
न मिले उसे चैन |
उत्तर – बगूला
तनी है चादर जिसके ऊपर,
पड़ने ना दे पानी हम पर |
उत्तर – छाता
राजा के बाग में नहीं,
पर राजकीय कहलाए |
मानुष बोली बोले,
अपनी पहचान बतलाए |
उत्तर – मैना
अंडा बिके बीच बाजार,
दर्जन भर सौ पचास |
बन तंदूरी और कबाब,
स्वाद लगे खासम-खास |
उत्तर – मुर्गी
सीधी होकर नीर पिलाती,
उल्टी होकर दीन कहलाती |
उत्तर – नदी
वर्गाकार खेत में होते,
बीस कुशल मजदूर |
खेत के हर कोने में,
होते कुएँ दूर-दूर |
उत्तर – कैरम बोर्ड
तीन अक्षरों का नाम,
उल्टा-सीधा एक समान |
नदी-ताल की आन,
राष्ट्र की है एक शान |
उत्तर – जलज
फल के अन्दर बिस्तर अपना,
छिपे-छिपे हम सोए रहते |
मिट्टी में मिलकर हम उग आते
बताओ तो हम क्या हैं?
उत्तर – बीज
एक छोटे कद का जानवर,
कहते कम अक्ल का |
पर होता मेहनतकश,
घोड़े का हमशक्ल का |
उत्तर – गधा
खुशबू है पर फूल नहीं,
जलती है पर ईर्ष्या नहीं |
उत्तर – अगरबत्ती
धरती पर खड़ा मैं रहता,
सबको हूँ जीवन मै देता |
गन्दी हवा को सोख मैं लेता,
शुद्ध हवा बदले में देता |
उत्तर – पेड़
सिर संग भी है नाता मेरा,
बिस्तर से भी नाता |
बोझ उठा कर आपका मैं,
मीठी नींद सुलाता |
उत्तर – तकिया
काले कपड़े कड़वी बोली,
लेकिन चतुर कहलाता हूँ |
पाल पराए बच्चों को मैं,
मूर्ख भी बन जाता हूँ |
उत्तर – कौआ
मारे फिर भी आदर पाता,
पुलिस नहीं फिर क्या कहलाता |
उत्तर – टीचर
रंग नहीं है रूप नहीं है,
किंतु अनेक नाम |
जीवन मेरे बिना असंभव है,
बच्चों बताओ मेरा नाम |
उत्तर – पानी
एक ऐसा जीव धरती पर,
होता रस्सीनुमा बदन |
कान जिसके होते हीं नहीं,
सर पर बनता फन |
उत्तर – साँप
सर्दी आए मुझको पाओ,
जुकाम सब दूर भगाओ |
अंग्रेजों की खोज निराली,
चुस्ती-फुर्ती देने वाली |
उत्तर – चाय
पीकर पानी पेट भर,
फेफड़े कर लूँ तर |
मुंह से फिर फेंकू हवा,
ठंडा हो जाए घर |
उत्तर – कूलर
जून माह का तारीख एक,
प्रथम सप्ताह में रहता |
पर्यावरण सुरक्षा की बात,
हर कोई जरूर कहता |
उत्तर – 5 जून
बालक में मैं इक बार,
बलशाली में आऊँ दुबारा |
नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में,
बताओ तो मैं कौन हूँ यारा |
उत्तर – “ल”
तीन पैर जिसके,
थोड़ा-थोड़ा खिसके |
चौबीस घंटे करे काम,
करे नहीं तनिक आराम |
उत्तर – घड़ी
सबसे छोटी जीव कहलाऊँ,
घर-घर में मैं पाई जाऊँ |
मीठा मेरा प्रिय आहार,
मेहनत करना मेरा काम |
उत्तर – चींटी
प्रथम कटे तो लीन हो जाऊँ,
मध्य कटे चावल बन जाऊँ |
अंत कटे तो भार हो जाऊँ,
किसी देश का नाम कहाऊँ |
उत्तर – भारत
पुरुषों के है सिर पर सजती,
हर रंग में हैं ये मिलती |
सिखों का तो है यह मान,
बोलो बच्चो इसका नाम |
उत्तर – पगड़ी
नाना ने नानी से
बुझी एक पहेली |
सुबह आती शाम को जाती,
दुल्हन नई नवेली |
उत्तर – सूरज
दूध का पोता,
दही का बच्चा,
सब पीते हैं उसे कच्चा |
उत्तर – लस्सी
दूर की वस्तु का दर्शन,
विज्ञान का एक चमत्कार |
बता रानी! क्या है
जे एल बेयर्ड का अविष्कार ?
उत्तर - दूरदर्शन
मुर्गी अंडा देती है,
गाय दूध देती है |
तो ऐसा कौन है, जो
अंडा और दूध दोनों देता है |
उत्तर – दुकानदार
भक्त उन्हें पूजते हैं,
पर वे कोई भगवान नहीं |
एक कुशल खिलाड़ी तो हैं हीं,
इसमें कोई हैरान नहीं |
उत्तर – सचिन तेंदुलकर
न कोई छोटी, न कोई बड़ी,
सात सहेलियों की टोली |
मिलकर रहते सारे,
जैसे दामन और चोली |
उत्तर – सप्ताह के दिन
नए जमाने का बच्चा हूँ,
पर कान का कच्चा हूँ |
तुम जो कहते इस पार,
पहुँचा देता हूँ उस पार |
उत्तर – टेलीफोन
उल्टा-सीधा एक समान?
तीन अक्षर का मेरा नाम |
मुझसे सुन्दर दिखे जहान,
जरा बताओ मेरा नाम?
उत्तर – नयन
हुगली नदी पर बना,
ऐसा है एक सेतू |
चार खंभों पर टिका हुआ,
लोगों को पार कराने हेतू |
उत्तर – हावड़ा ब्रिज
कहे लोमड़ी लगते दूर,
फल है कौन बताओ हुजूर |
उत्तर – अंगूर
कौन कुंवारा आजीवन था
किसे प्रकृति से था प्यार |
किसका साहित्य छायावाद पर
नाम बताओ, सोच-विचार |
उत्तर – सुमित्रानंदन पंत
पारिवारिक व राष्ट्र-भावना,
किसके साहित्य में दृश्यमान |
राजनीति में रही सक्रिय
ओज-वीर उसकी पहचान |
उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान
डगमग-डगमग, हिलता-डुलता,
सागर की लहरों पर चलता |
जल सेना का साथी सच्चा,
नाम बताओ उसका बच्चा |
उत्तर – पानी का जहाज़
बावन सेकंड में गाया जाऊँ,
बोलो बच्चो क्या कहलाऊँ |
गुरुदेव टेगोर की रचना न्यारी,
गाने में लगती है प्यारी |
उत्तर – राष्ट्र गान
गलती को में खूब मिटाती,
घिसते-घिसते खुद घिस जाती |
बच्चों की मैं पक्की मित्र,
मिटा-मिटा बनवाती चित्र |
उत्तर – रबड़
तीन अक्षर का मेरा नाम,
जीवन लेना मेरा काम |
प्रथम कटे रोना बन जाऊँ,
मध्य कटे कोना कहलाऊँ |
उत्तर – कोरोना
याद सुबह मैं आता हूँ,
दाँतों को चमकाता हूँ |
करके अपना कार्य समय से
दिनभर फिर सुस्ताता हूँ |
उत्तर – टूथब्रश
चार अक्षर का मेरा नाम,
खबरें देना मेरा काम |
रोज सवेरे घर पर आता,
बाल कहानी, कविता लाता |
उत्तर – अखबार
जो करता है वायु शुद्ध,
फल देकर जो पेट भरे |
मानव बना है उसका दुश्मन,
फिर भी वह उपकार करे |
उत्तर – पेड़
धूम धड़ाका खूब करूँ मैं,
तीन अक्षर का मेरा नाम |
अंतिम अक्षर ‘ख’ है मेरा,
नाम बताओ भोलूराम |
उत्तर – पटाखा
खट्टा मगर रसीला हूँ,
ऊपर से हरा या पीला हूँ |
गर्मी में मेरी आती बहार,
लगा दूँ रस की धार |
उत्तर – नींबू
धन-दौलत से बड़ी है यह,
सब चीजों से ऊपर है यह |
जो पाए पंडित बन जाए,
बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
बहुत साधारण था व्यक्तित्व,
कहते थे सभी बाबा उनको |
संविधान निर्माता थे वह,
बताओ क्या नाम है उनका |
उत्तर – भीम राव अंबेडकर
लकड़ी का एक तख्ता चौकोर,
जिसमें खेल होता है इनडोर |
खेल सकते हैं चार खिलाड़ी,
पंकज नमन कमल किशोर |
उत्तर – कैरमबोर्ड का खेल
महापुरुषों की धरोहर,
है देश की शान |
तीन रंगों में लहराता,
राष्ट्र की पहचान |
उत्तर – तिरंगा
मैं तीन अंकों की संख्या,
सोचो तो मैं कौन हूँ?
मैं ठग-बदमाशों की संज्ञा,
बूझो तो मैं कौन हूँ?
उत्तर – 420
बूझो बच्चों एक पहेली,
काली थाल की गोरी सहेली |
घूम-घूम कर नाच दिखाती,
फूल के मैं कुप्पा हो जाती |
उत्तर – रोटी
ऊँचा-ऊँचा जो उड़े,
न बादल न चील |
कभी डोर उसकी खींचे,
कभी पेंच में ढील |
उत्तर – पतंग
बादल बरसे बिजली चमके,
या बरसे अंगारा |
मातृभूमि की रक्षा खातिर,
बीते जीवन हमारा |
उत्तर – फौजी
सउमा मेरा उल्टा नाम,
कम्प्यूटर पर करता काम |
उत्तर – माउस
तीन अक्षरों का शब्द,
आदि कटे से गरदन प्यारी |
मध्य कटे से संक्षेप बने,
अंत कटे से बने तरकारी |
उत्तर – सागर
एक अनोखा डिब्बा वो,
जो बोले और दिखाए |
करे मनोरंजन सबका,
हर घर में पाया जाए |
उत्तर – टीवी
खिड़की में बैठा रहता हूँ,
पानी पीकर जीता |
घास लगी है मेरे अंदर
उसको तर कर देता |
हवा मेरी है सबसे व्यारी,
नाम बताओ गुड़िया प्यारी |
उत्तर – कूलर
हरी-हरी पोशाक हमारी,
हरा- भरा है सबका रूप |
पौधों को भोजन हम देते,
जब भी मिलती हमको धूप |
उत्तर – पत्ती
हरा ताज वह पहने आई,
फिरती फूली-फूली |
गोरा रंग है उसका,
बताओ नाम बड़ी मामूली |
उत्तर – मूली
रंग-बिरंगी ठंडी-ठंडी,
फ्रिज में जमा रहती |
बर्फ जमा है साथ मेरे,
गर्मी में राहत देती |
उत्तर – आइसक्रीम
छायावादी किसका साहित्य,
किसने तोड़ा छन्द विधान |
दीन-हीन दलितों को किसने
अपना कर दिया सम्मान?
उत्तर – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
लाल हूँ मैं, खाती हूँ सूखी घास |
पानी पीकर मर जाऊँ,
जल जाए जो आए मेरे पास |
उत्तर – आग
पौधों को मैं जकड़े रहती,
मिट्टी के अन्दर घर मेरा |
लवण और जल पहुंचाती,
बताओ क्या नाम मेरा?
उत्तर – जड़
ऊपर से कुछ हरा-भरा,
अंदर से है भरा-भरा |
छिलके दूर हटा लो जी,
बीज नहीं है खा लो जी |
उत्तर – केला
बिना सहारे लटक रहे हैं,
बिन बिजली के चमक रहे हैं |
उत्तर –तारे
दो दलों का खेल,
एक दल में खिलाड़ी सात |
उठा-पटक, कर-धकेल,
हाथ चले, चले लात |
उत्तर – कबड्डी
शहर का जो नाम है,
प्रसिद्द वहाँ की नमकीन |
चार अक्षरों का नाम है,
नगर बड़ा प्राचीन |
उत्तर – रतलाम
खाते नहीं चबाते लोग,
काठ में कड़वा रस संयोग |
दांत जीभ की करे सफाई
बोलो बात समझ में आई?
उत्तर – दातून
पर-पकवान बनाने में,
मेरा उपयोग बड़ा ही हैं |
दो कानों से पकड़ी जाऊँ,
बोलों मैं क्या कहलाऊँ?
उत्तर – कड़ाही
दुनिया का कौन-सा जीव है,
जिसकी पांच आँखें होती हैं?
उत्तर – मधुमक्खी
एक पेड़ का अंग्रेजी नाम,
वह है हथेली मेरी |
खुशी ओमी एकता रानी,
अरे बूझ पहेली मेरी |
उत्तर – पाम ट्री
पवन सवारी लेकर उडूं,
धरती से आकाश |
जीवों को जीवन देने,
लाऊँ मैं प्रकाश |
उत्तर – वाष्प
मम्मी जी का मीठा गाना,
मेरे जी को लगे सुहाना |
उत्तर – लोरी
दो अक्षर का मेरा नाम,
मेरे बिन न चलता काम |
रंगहीन हूँ, स्वादहीन हूँ,
हरदम आती हूँ मैं काम |
उत्तर – पानी
न काशी, न काबा धाम,
बिन जिसके हो चक्का जाम |
पानी जैसी चीज है वह,
झट से बताओ उसका नाम |
उत्तर – पेट्रोल
एक पहेली सदा नवेली जो बूझे जिन्दा,
जिन्दा में से मुर्दा निकले, मुर्दा में से जिन्दा |
उत्तर – अंडा
तीन अक्षर का मेरा नाम,
आदि कटे तो बने चार |
अंत कटे तो न मैं जानू,
बोलो करो सोच-विचार |
उत्तर – अचार
ज जोड़े तो जापान,
अमीरों के लिए है यह एक शान |
बनारसी है इसकी पहचान,
दावतो में बढ़ती इसकी माँग |
उत्तर – पान
मैं गर्मी में आता हूँ,
सबके मन को भाता हूँ |
खट्टा मीठा सा स्वाद है मेरा,
इसलिए फलों का राजा कहलाता हूँ |
उत्तर – आम
छोटे से हैं मटकूदास,
कपड़े पहने एक सौ पचास |
उत्तर – प्याज
दो अक्षर का मेरा नाम,
आता हूँ खाने के काम |
उल्टा लिखकर नाच दिखाऊँ,
फिर क्यों अपना नाम छिपाऊँ?
जवाब – चना
धूप में आने पर जलने लगता है,
छाँव में आने पर मुरझा जाता है |
हवा चलने पर मर जाता है बताओ क्या?
उत्तर – पसीना
हरे रंग का है यह झंडा,
कितना मीठा और रसीला |
उत्तर – गन्ना
धन दौलत से बड़ी हूँ मैं,
सब चीजों से ऊपर हूँ मैं |
जो पाए पंडित बन जाए,
जो ना पाए मूर्ख बन जाए |
उत्तर – शिक्षा
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